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Trilok Yadav Atwei
#happyjanmashtmi कृष्ण का नाम लो सहारा मिलेगा, यह जीवन ना तुमको दुवारा मिलेगा। @TriTrilok_Writes हाथी घोडा पालकी जय कन्हैया लाल की #nojoto #krishnajanmaashtmi #mywords @Trilok_writes #Janamashtmi2020
Jai Sri Ram Jai Sri Ram
RAJNEESH Gautam
तेरे इंतज़ार में अब तो आंखे भी तरस गई कान्हा, अब तो आजा लेके अवतार ओ यशोदा के लाला। आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई। बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हैया लाल की। राधे राधे #yqbaba #dadhiwaalebaba #radhakrishna #janmashtami #vrinda
Shravan Goud
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल क
Shravan Goud
आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की॥ 🌹🌹🙏🙏 आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की। नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की॥ बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की। हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल क
GAJU Vaishnav
*"दौलत" से सिर्फ "सुविधायें" मिलती हैं* *"सुख" नहीं*!! *"सुख" मिलता है "आपस" के प्यार से व अपनों के "साथ" से* *अगर सिर्फ "सुविधाओं" से सुःख मिलता तो "धनवान" लोगों को कभी "दुःख" न होता मेरी शराफत को तुम बुज़दिली का नाम न दो ,.,., दबे न जब तक घोडा ,बन्दूक भी खिलौना ही होती है ,.,!! nafz_nazma Ashish Kumar shivam kumar mishr
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त