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vipin rukhar

देश के सैनिको के लिए कविता ( मैं सोता हु यहां । वो जगता है वहाँ ) वक्ता शिवांश रुखाड़ लेखक विपिन रुखाड़ #Poetry

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ताजदार

तेरी बेरुखी और यह अवहेलना।
मेरी जान ना ले ले तो कहना।



यह उपेक्षा और यह नजरअंदाजी।
हुए हैं मेरी मोहब्बत पर हावी।।



यह जुदाई और यह रुखापन।
हो रहा बैचैन यह मेरा मन।।



तन्हा यह जीवन यह लंबी उदासी।
बहुत जानलेवा है तेरी खामोशी।। #बेरुखी #अवहेलना #उपेक्षा #नजरअंदाजी #जुदाई #रुखापन  #उदासी #aprichit

Mahesh Kumar Bose

क्या ये रुखापन तुम्हारा क्या ये रुखापन तुम्हारा मेरे यार खत्म नहीं होगा? क्या मेरी आँखों का ये इंतजार खत्म नहीं होगा? #nojotohindi #mk

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क्या ये रुखापन तुम्हारा मेरे यार खत्म नहीं होगा?
क्या मेरी आँखों का ये इंतजार खत्म नहीं होगा? #NojotoQuote क्या ये रुखापन तुम्हारा 
क्या ये रुखापन तुम्हारा मेरे यार खत्म नहीं होगा?
क्या मेरी आँखों का ये इंतजार खत्म नहीं होगा?
#Nojoto #Nojotohindi

Author kunal

ख़ुश्की - रुखापन, सूखापन,अकाल #yqbaba #yqdidi #Kunal #kunu #MyThoughts #myfeelings love #Grave

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फ्लैट , झोपड़ी  , दरिया क़ब्रघर
इनमें मिरा  सबसे  प्यारा  क़ब्रघर 

बैठा ख़ुश्की ओढ़े इक जमाने से
आह! कितने दिन से भूखा क़ब्रघर

जमीं से उखाड़ बदन में बनवाया
इस सदी भी है इक जिंदा क़ब्रघर

मैं आऊँगा यहाँ तो बदल दूँगा पूरा
बनाऊंगा इसे हँसता खेलता क़ब्रघर

कहने को मेरे पास बस तीन चीज़ है
मैं , क़लम और मिरा इक छोटा क़ब्रघर ख़ुश्की - रुखापन, सूखापन,अकाल
#yqbaba 
#yqdidi 
#kunal 
#kunu 
#mythoughts 
#myfeelings 
#love

Aakash Udeg

रुखा- सूखा लगता हूं, जब भी तुमसे दूर होता हूं। #नासमझ #हिंदी #yqbaba #yqdidi #yqchallenge #rzchallenge

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हकीगत में दूर सही,
यादों में क़रीब हो,
तुम बड़े अजीब हो,
दिल के पास सही,
मगर बहोत दूर हो,
फिर भी तुम सबसे अजीज हो,
इतने भी दूर नहीं,
की लफ्ज़ ये ना पहुंचते हो,
मगर क्या करे तुम तो नासमझ हो। रुखा- सूखा लगता हूं,
जब भी तुमसे दूर होता हूं।
#नासमझ  #हिंदी  #yqbaba #yqdidi #yqchallenge  #rzchallenge

सुसि ग़ाफ़िल

हर तरफ रुखा रुखा सा, प्रेम की तलाश में सब सुखा सुखा सा! तपन धरती की कठोर परछाई में भी

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हर तरफ 
रुखा रुखा सा, 

प्रेम की तलाश में 
सब सुखा सुखा सा! 

तपन धरती की कठोर
परछाई में भी 
नजर आता गुस्सा सा, 

पीपल के पेड़ भी 
शिकवा करते हैं , 
इंसान अब होने 
लगा है रूठा रूठा सा!  हर तरफ 
रुखा रुखा सा, 

प्रेम की तलाश में 
सब सुखा सुखा सा! 

तपन धरती की कठोर
परछाई में भी

Vinod Kumar Sharma

हे प्रभु ! मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना गैरो को कभ #nojotophoto

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 हे प्रभु !                                                            मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना                                 गैरो को कभ

karthik r

#WForWriters लफ्जों की दुनिया भी कमाल रुखा सा है सब कुछ फिर एक सबाल है Jyoti Gupta Chandni Khatoon dnyaneshwari gulewad indu singh Pooja S

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जादू  इन चौराहों पे परेशान नजर आता है ।।

कभी-कभी ये दर्द चिरांग का जादू नजर आता है

©कार्तिक जी #WForWriters लफ्जों की दुनिया भी कमाल रुखा सा है सब कुछ फिर एक सबाल है  Jyoti Gupta Chandni Khatoon dnyaneshwari gulewad  indu singh Pooja S

सुसि ग़ाफ़िल

जालिम वक्त का दौर है कोई रुखा - सा सही तुम्हारे पास तो है ना यहां पर देखो बंजर है फूल उगाने की कोशिश में रूठा मेरा मंजर है

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जालिम वक्त का दौर है
कोई  रुखा - सा  सही
तुम्हारे  पास  तो  है ना

यहां  पर देखो  बंजर है
फूल उगाने की कोशिश 
में  रूठा  मेरा  मंजर है

तुम देखो बड़े आराम से 
बैठे हो जहां, कातिल  है 
तुम्हारे पास खंजर भी है
 जालिम वक्त का दौर है
कोई  रुखा - सा  सही
तुम्हारे  पास  तो  है ना

यहां  पर देखो  बंजर है
फूल उगाने की कोशिश 
में  रूठा  मेरा  मंजर है

Hema ;-;

वह खुद पे किये सितम कभी है नही भूलती हैँ सँस्कार मे बँधी ,कर्तव्यों से नही चूकती निभाती दिल से फिर भी मिले रिश्तों मे खारापन

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वह खुद पे किये सितम कभी है नही भूलती  
   हैँ सँस्कार मे बँधी ,कर्तव्यों  से नही  चूकती 

  निभाती दिल से फिर भी   मिले रिश्तों मे खारापन
  गैरो मे डूँडती फिरे पहले दिन से ,स्नेह वे अपनापन

  सहमी सहती  चुपके ,किस्मत से मिला, रुखापन
 नासूर बनते जख्म  हिस्से आते खामोशी वे सूनापन.

मुस्कराये ऐसी की दोखा खा जाये उसके अपना दर्पण
प्रीत की रीत मे सब कुछ कर देती उस के नाम अर्पण
क्योंकि सदियों से  स्त्रियों  का भाग्य मेँ.. पूर्ण सर्मपण।। वह खुद पे किये सितम कभी है नही भूलती  
   हैँ सँस्कार मे बँधी ,कर्तव्यों  से नही  चूकती 

  निभाती दिल से फिर भी   मिले रिश्तों मे खारापन
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