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roshan lal

#अग्निशमक यन्त्र #Videos

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Bhupender Singh Dhiman

यन्त्र तन्त्र #विचार #पर_क्या_यह_सच_है

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Bhupender Singh Dhiman

यन्त्र और तन्त्र #विचार #नहीं

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अच्छी और सच्ची बात

अच्छी और सच्ची बात यन्त्र तंत्र मन्त्र और षड्यंत्र के साथ... !!

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Vikas Sharma Shivaaya'

SHUBBH NUMBERS. "होली -सुरक्षा कवच " 2 Days Workshop What is Holi History of Holi Holashtak Holika Dahan Ho #समाज

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अज्ञात

लाड़ली बहना सुधा त्रिपाठी को समर्पित सम सुधा सुनाम है मंगल मूरति धाम.. केहि विध करूँ बखान मैं सद्गुन अनत ललाम... उर धरे भाव सो, करहुं #कविता

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अगला भाग-2

©Rakesh Kumar Soni लाड़ली बहना सुधा त्रिपाठी को समर्पित 

 सम सुधा सुनाम है 
मंगल मूरति धाम.. 
केहि विध करूँ बखान मैं
सद्गुन अनत ललाम... 

उर धरे भाव सो, करहुं

Vikas Sharma Shivaaya'

1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है। 2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक् #समाज

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1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है।
 
2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 
3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक्रतुंडाय हुम्‌
4. उच्छिष्ट गणपति का मंत्र- - ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
 5. आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का मंत्र - गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
 6. विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र - 'ॐ गं नमः'
 7. रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप - ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
 8. विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र- ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 221 से 231 नाम 
221 न्यायः न्यायस्वरूप
222 नेता जगतरूप यन्त्र को चलाने वाले
223 समीरणः श्वासरूप से प्राणियों से चेष्टा करवाने वाले
224 सहस्रमूर्धा सहस्र मूर्धा (सिर) वाले
225 विश्वात्मा विश्व के आत्मा
226 सहस्राक्षः सहस्र आँखों या इन्द्रियों वाले
227 सहस्रपात् सहस्र पाद (चरण) वाले
228 आवर्तनः संसार चक्र का आवर्तन करने वाले हैं
229 निवृत्तात्मा संसार बंधन से निवृत्त (छूटे हुए) हैं
230 संवृतः आच्छादन करनेवाली अविद्या से संवृत्त (ढके हुए) हैं
231 संप्रमर्दनः अपने रूद्र और काल रूपों से सबका मर्दन करने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है।
 
2. इनसे युक्त मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' 
3. षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है - ॐ वक्

भारतीय शाकाहार संघ अकोला

रमेश तोरावत जैन ---           एक परिचय रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शा

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It was raining outside रमेश तोरावत जैन ---


          एक परिचय


रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शाकाहार के प्रचार प्रसार में जो अभूतपूर्व योगदान दिया है वो तारीफे ऐ काबिल है। उन्होंने कई अवैध कत्लखानो को बंद कराया है और अहिंसा धर्म को बुलंद करने में अपनी ऊर्जा व्यय की है। अकोला के 83 कत्तलखानों की बंदी की मांग को ले कर उन्होंने जो आवाज उठायी थी उस की चर्चा विधानसभा के गलियारों तक हुई थी। इस के अलावा उन के कई और आंदोलन शहर में चर्चा का विषय बने थे उन में से प्रमुख है सरकार को चुल्लू भर पानी भेजना, शाकाहारी बनो बनाओ अभियान, विकल्प अभियान के अंतर्गत कसाइयो को रोजगार उपलब्ध कराना। उन के कार्यो की महिमा इतनी बड़ी की विविध भारती ने उन्हें अपने रेडियो स्टेशन पर आमंत्रित कर उन से हुयी बातचीत को प्रसारित किया। पशु रक्षा आंदोलन के साथ साथ रमेश तोरावत जैन एक गुणी लेखक और कवि भी है।उन की रचनाये सोशल मिडिया पर खूब रूचि से पढ़ी जाती है। उन का लेखन इतना सिद्धहस्त है की पाठक अंत तक रुकता ही नही। वे इंसानी भावनाओ को बड़ी ही कुशलता से अपनी कलम से कागज पर उतारते है।उन की कविताये दिल के भीतर तक उतर जाती है।यद्यपि वे मंच से कवि सम्मेलनों में कविता पाठ नही करते तद्यपि उनकी कविताओ का श्रोताओ को इंतजार रहता है। जीवन के रंगो को बखूबी उकेरती उनकी अदभुत् कविताये किसी भी इंसान को भीतर तक आंदोलित कर देती है। रमेश तोरावत जैन के पूर्वज मूल रूप से राजस्थान के उदयपुर जिले के ( सलूंबर ) है।करीब 80 साल पहले राजस्थान से अकोला आये श्री बीसा नागेन्द्र ( नागदा ) दिंगबर जैन समाज से ताल्लुक रखने वाले इन के पूर्वजो ने अपने मधुर और स्नेहपूर्ण व्यवहार से एक अलग ही छवि निर्माण की है। रमेश तोरावत जैन को कई राजनैतिक दलो में शामिल होने का न्यौता मिलता रहता है मगर ये विनम्रता से इंकार कर देते है।ये परम् मुनि भक्त है और साधू संतो की सेवा इनका विशेष शगल है।


सौ. नेहा अरुण शर्मा


       नागपुर रमेश तोरावत जैन ---


          एक परिचय


रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शा

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज हम कितने पढ़े लिखे समझदार हो गए हैं की किसी ज़माने में बहुत सारे कारणों की वजह से कपड़ों #समाज

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✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज हम कितने पढ़े लिखे समझदार हो गए हैं की किसी ज़माने में बहुत सारे कारणों की वजह से कपड़ों की कमी थी फिर भी लोग नख से शिखर तक अपने शरीर को पूर्ण ढकने का प्रयास करते थे ,आज कपड़ों की भरमार है पर अमूमन अपने आप को हाई प्रोफाइल -सेलेब्रिटी  कहलवाने वाले ज्यादा से ज्यादा अपने तन की नुमाइश करते हैं -मीडिया और सोशल मीडिया की लाइक्स बटोरते हैं ...वाह रे मालिक ...अजब तेरी दुनिया ....,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हमारे बुजुर्गों के ज़माने में यातायात के इतने साधन नहीं थे फिर भी लोगों में -रिश्तों में एक दुसरे से मिलने के लिए एक तड़प -बेचैनी रहती थी और आज साधनों की भरमार है पर दिलों से रिश्ते -दर्द -तड़प -अहसास सब दूर हो गए हैं ,बहानों -समय की कमी की भरमार है ...स्वार्थ भरी दुनिया ....,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बुजुर्गों से सुनते हैं -पढ़ने में आता है की पहले घर की बेटी बहू गाँव की इज्जत होती थी ,काजल क्या की कोई आँख उठा भी देख ले और आज बेटी बहू अपने घर -रिश्तों में ही सुरक्षित नहीं है तो बाहर तो गिद्धों की जमात बैठी है नोचने खसोटने के लिए ....बेटी को शिक्षित -स्वावलम्बी -आत्मविश्वासी और निडर बनाइये ....,
                         
आखिर में एक ही बात समझ आई की पुराने  ज़माने में सितोलिया -लंगड़ी टांग -छुपम छुपाई -खोखो -कबड्डी -कंचे -गिल्ली डंडे जैसे शारीरिक व्यायाम वाले खेलकूद हुआ करते थे ...आज मोबाइल -लैपटॉप -,आईपॉड -टेबलेट जैसे यन्त्र आ गए हैं जिन्होंने सारे व्यायाम -दिमागी कसरत आदि पर धारा 144 एवं परमानेंट कर्फ्यू लगा दिया है ....सोचिये हम आने वाली पीढी को स्टेटस के नाम पर क्या परोस रहे हैं ....!
  बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!

   🙏सुप्रभात 🌹

आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आज हम कितने पढ़े लिखे समझदार हो गए हैं की किसी ज़माने में बहुत सारे कारणों की वजह से कपड़ों

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड🙏 दोहा – 10 राक्षसियाँ सीताजी को डराने लगती है भवन गयउ दसकंधर इहाँ पिसाचिनि बृंद। सीतहि त्रास देखावहिं धरहिं रूप बहु मंद ॥10॥ उधर #समाज

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🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 10
राक्षसियाँ सीताजी को डराने लगती है
भवन गयउ दसकंधर इहाँ पिसाचिनि बृंद।
सीतहि त्रास देखावहिं धरहिं रूप बहु मंद ॥10॥
उधर तो रावण अपने भवन के भीतर गया-इधर वे नीच राक्षसियों के झुंड के झुंड अनेक प्रकार के रूप धारण कर के सीताजी को भय दिखाने लगे॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

त्रिजटा का स्वप्न
रामचन्द्रजी के चरनों की भक्त, निपुण और विवेकवती त्रिजटा

त्रिजटा नाम राच्छसी एका।
राम चरन रति निपुन बिबेका॥
सबन्हौ बोलि सुनाएसि सपना।
सीतहि सेइ करहु हित अपना॥
उनमें एक त्रिजटा नाम की राक्षसी थी।
वह रामचन्द्रजी के चरनों की परम भक्त और बड़ी निपुण और विवेकवती थी- उसने सब राक्षसियों को अपने पास बुलाकर,जो उसको सपना आया था, वह सबको सुनायाऔर उनसे कहा की –हम सबको सीताजी की सेवा करके
अपना हित कर लेना चाहिए(सीताजी की सेवा करके अपना कल्याण कर लो)॥

त्रिजटा अन्य राक्षसियों को स्वप्न के बारे में बताती है
सपनें बानर लंका जारी।
जातुधान सेना सब मारी॥
खर आरूढ़ नगन दससीसा।
मुंडित सिर खंडित भुज बीसा॥

क्योकि मैंने सपने में ऐसा देखा है कि एक वानर ने लंकापुरी को जला कर
राक्षसों की सारी सेना को मार डाला और रावण गधे पर सवार है,वह भी कैसा की नग्न शरीर,सिर मुंडा हुआ और बीस भुजायें टूटी हुई॥

स्वप्न में रामचन्द्रजी की लंका पर विजय
एहि बिधि सो दच्छिन दिसि जाई।
लंका मनहुँ बिभीषन पाई॥
नगर फिरी रघुबीर दोहाई।
तब प्रभु सीता बोलि पठाई॥
इस प्रकार से वह दक्षिण (यमपुरी की) दिशा को जा रहा है और मैंने सपने में यह भी देखा है कि मानो लंका का राज विभिषण को मिल गया है और नगर मे रामचन्द्रजी की दुहाई फिर गयी है-तब रामचन्द्रजी ने सीता को बुलाने के लिए बुलावा भेजा है॥

स्वप्न सुनकर राक्षसियाँ डर जाती है
यह सपना मैं कहउँ पुकारी।
होइहि सत्य गएँ दिन चारी॥
तासु बचन सुनि ते सब डरीं।
जनकसुता के चरनन्हि परीं॥
त्रिजटा कहती है की मै आपसे यह बात खूब सोच कर कहती हूँ की यह स्वप्न चार दिन बितने के बाद (कुछ ही दिनों बाद) सत्य हो जाएगा॥त्रिजटा के ये वचन सुनकर सब राक्षसियाँ डर गई।
और डर के मारे सब सीताजीके चरणों में गिर पड़ी॥

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम)आज 419  से 430 नाम
419 परमेष्ठी हृदयाकाश के भीतर परम महिमा में स्थित रहने के स्वभाव वाले
420 परिग्रहः भक्तों के अर्पण किये जाने वाले पुष्पादि को ग्रहण करने वाले
421 उग्रः जिनके भय से सूर्य भी निकलता है
422 संवत्सरः जिनमे सब भूत बसते हैं
423 दक्षः जो सब कार्य बड़ी शीघ्रता से करते हैं
424 विश्रामः मोक्ष देने वाले हैं
425 विश्वदक्षिणः जो समस्त कार्यों में कुशल हैं
426 विस्तारः जिनमे समस्त लोक विस्तार पाते हैं
427 स्थावरस्स्थाणुः स्थावर और स्थाणु हैं
428 प्रमाणम् संवितस्वरूप
429 बीजमव्ययम् बिना अन्यथाभाव के ही संसार के कारण हैं
430 अर्थः सबसे प्रार्थना किये जाने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड🙏
दोहा – 10
राक्षसियाँ सीताजी को डराने लगती है
भवन गयउ दसकंधर इहाँ पिसाचिनि बृंद।
सीतहि त्रास देखावहिं धरहिं रूप बहु मंद ॥10॥
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