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New उर्दू ग़ज़ल म्प३ Quotes, Status, Photo, Video

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Najmuzzaman

ग़ज़ल पैकर जरवली #ग़ज़ल #उर्दू #राग #nojotovideo

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Roohi Quadri

"दर्द से दोस्ती"
 जबसे दर्द से अपनी पक्की दोस्ती हो गई                
  बहुत ख़ूबसूरत यह मेरी ज़िन्दगी हो गई ।
 
 खुशियों से अपनी तो कभी बनती ही नहीं यारों
 रंजों- ग़म से देखो क्या ख़ूब आशिक़ी हो गई ।
  
 पूछा जो हाले दिल,तो कहने को कुछ ना बाक़ी रहा
 लब सी लिए जो हमने,क्यों हर-सू ख़ामोशी हो गई ।
 
बेहतर था जो कभी एक तक़ल्लुफ़ था हमारे दरमियां
जान की क़सम बड़ी जानलेवा यह नज़दीकी हो गई। 

 कहते हो तुम,पुकारा था तुमने मुझको कईं मर्तबा
 मैं कहती हूं,अच्छा हुआ जो हमें ग़लतफ़हमी हो गई ।
 
आशना हूं मैं तेरे लबों लहज़े से इस क़दर ऐ सुख़नवर
 लफ्ज़ लफ्ज़ दिल छलनी मेरा,तेरे लिए दिल्लगी हो गई।
 
आबशार की मानिंद मिले थे तुम सहराओं के मौसम में 
तेरी आमद से ही जैसे मुक़म्मल मेरी हर तिश्नगी हो गई। 
 
 चाहत ना रही उस शहर को तेरी इक ज़र्रा भी "रूही"
  जबसे अज़ीज़ तुझको दोस्तों की  दुश्मनी हो गई ।

©Roohi Quadri #दर्द
#दर्दसेदोस्ती
#ग़ज़ल
#उर्दू

#Light

HintsOfHeart.

#पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #उर्दू ग़ज़ल के प्रसिद्ध कवि और पत्रकार। #शायरी

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Nawab Khan

लगता है हो गई गलती सब कुछ बता कर तुझे
मेरे टूटे दिल के हर वरक दिखा कर तुझे

ना किया था इज़हार तब तक सब ठीक ही तो था
हालात बदल से गए अब, वो सब जता कर तुझे

मै भूखा भी रहा तो भी दिल शादाब रहा था मेरा
अपनी सारी रोटियां, वो सब खिला कर तुझे

करता था याद तुझे मैं शब तक सहर से
रातभर जागता था वो सुला कर तुझे 

सोचा दिल बदल देगा अपनी शिद्दत से "नवाब" 
अफ़सोस है मगर अब, ये सब बता कर तुझे


Insta  - @travelwithnawab
Blog  - @nawabwhowrites #feather #हिंदी #उर्दू #ग़ज़ल #Hindi #urdu #Poetry #gazal #Heart #Break

AMRITAA NAUUTIYAL

violin hindi_poetry शायरी उर्दू  ग़ज़ल याद alone💔 दिल गज़ाला drdedil

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Ali sir (A+A)

ग़ज़ल

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Veena Khandelwal

ग़ज़ल

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#ग़ज़ल

मुहब्बत जब करें आँखे , इबारत ही नहीं होती।
दिखावे की ज़ताने की,लियाकत ही नहीं होती।

सफीने दिल लिखी मेरे ,इबारत तुम ज़रा पढ़ लो।
उसे इज़हार करने की  , ज़रूरत ही नहीं होती।

नज़ाकत है अदाओं में,नज़ारत से भरा चेहरा।
इशारों से अगर छेड़ूं  , शरारत ही नहीं होती  ।

इबादत इश्क को समझे,शिकायत हो ना इक दूजे।
मुहब्बत में वहां यारों  , सियासत ही नहीं होती।

जहाँ दो प्यार करते दिल,दो तन  इक जान हो जाये 
खुदा जाने बड़ी इससे , इनायत ही नहीं होती।

करी माँ बाप की सेवा, खुशी दामन भरे उनके।
बड़ी इससे कभी कोई  , इबादत ही नहीं होती।

हया आँखों में थोड़ी हो,जरा हो चाल गजनी सी।
लबों मुस्कान हो ऐसी नज़ाकत ही नहीं होती।

मुहब्बत पास इतनी हो,मगर कुछ बंदिशें भी हो।
सम्हाले किस तरह दिल को,हिफ़ाज़त ही नहीं होती।

बिखर जाये मुहब्बत जब,बसा घर भी बिखर जाये।
तमन्ना हो ना जीने की ,कयामत ही नहीं होती।


नज़ारत=ताजगी
लियाकत=योग्यता,शालिनता ग़ज़ल

के_मीनू_तोष

............. #ग़ज़ल

Azhar Ali Imroz

ग़ज़ल

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ग़ज़ल
आँखे क्यों नम है
सब है तो हम है
हम में भी ग़म है
दुनिया क्यों‌ कम है 
धरती   पे  रन  है 
पीने  को   रम  है
जाती  तेरी  जो 
सब के सब सम है
छाती  में  ले कर 
चलते क्यों बम है
 तेरी जाँ ,जाँ  है
   तूँहीं   रूपम  है
         तुझ में भी क्या है?
       चींटी का दम  है
        जग में परिवर्तन   
       तूँ कैसा लम है
        जो जल,जम जाए 
      तूँ वैसा जम है 
       फिर इस धरती पे
         क्यों  होता धम है

    अज़हर अली इमरोज़
मतलब
रन ----युद्ध/युद्ध का मैदान
रम---विलायती शराब
रूपम___सौंदर्य/सुन्दर /गुनकारी ग़ज़ल
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