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Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरे द्वारा स्वरचित मेरी दूसरी कविता :- विषय:सूर्योपासना कृपया मेरे You Tube Channel (यू ट्यूब चैनल( को Like(लाइक) करें ,पसंद आने पर Subscribe (सब्सक्राइब) करें -नित्य प्रतिदिन Positive (सकारात्मक) सन्देश -एवं Helpful Knowledge (जन उप्योगी जानकारी )सुनें :- https://youtu.be/v8yFu0E3g6c आओ बताऊँ तुम्हें सूर्यदेव और सूर्योपासना का महत्व , ऋग्वेदानुसार सूर्यदेव को माना जाता स्थावर जंगम आत्मा ! ऋग्वेदानुसार सूर्यदेव को माना जाता जीवन और शक्ति का देवता , उपनिषदोंनुसार सूर्यदेव को माना जाता ब्रह्मा -और केंद्र की शक्ति !! सूर्यदेव जाने जाते सृष्टि के गतिदाता , सूर्यदेव माने जाते कालपुरुष की आत्मा !!! क्या सूर्योपासना एक परंपरा है ? क्या सूर्योपासना एक प्रार्थना है ? क्या सूर्योपासना एक रीती है ? आओ बताऊँ तुम्हें मैं सूर्योपासना का महत्व ! वैदिक युग से चली आ रही सूर्यदेव की सूर्योपासना , सूर्योपासना से मिलती पाप से मुक्ति , सूर्योपासना से कटती दुर्गति , सूर्योपासना से होता मानव का उत्थान , सूर्योपासना में सूर्य की किरणों को माना जाता अमृत वर्षी !! सूर्योपासना को माना जाता हर बीमारी से मुक्ति , ना मानो तो देख लो कोरोना का हाल , जब तक थे सूर्यदेव अपने वेग भरे तेज में, कोरोना हुआ रो रोकर बेहाल , जैसे ही सर्द हवाओं के साथ तेज में आई कमी , कोरोना की दूसरी लहर काल बन बरसी !!! सूर्योपासना से मिले आत्मविश्वास की शक्ति , सूर्योपासना है अन्धकार से प्रकाश की राह, अगर मानव प्राण त्यागे सूर्योद्धार -होता भवसागर से पार !!!! 🙏सूर्यदेव भगवान की जय 🙏 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान ©Vikas Sharma Shivaaya' #Butterfly ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरे द्वारा स्वरचित मेरी दूसरी कविता :- विषय:सूर्योपासना कृपया मेरे You Tube Channel (यू ट्यू
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- भोर उठे संक्रांति में , और करे स्नान । लेकर प्रभु का नाम फिर , करे अन्न का दान ।। प्रातः उठकर आप भी , निर्धन करे तलाश । उड़द नमक चावल सहित , दे दें उसे प्रकाश ।। निशिदिन की ही भाँति तुम , बने रहो इंसान । दो अर्घ्य सूर्यदेव को , माँगों फिर वरदान ।। मकर राशि के हो सभी , सफल देखिये काम । सूर्यदेव ने कर लिया , मकर राशि में धाम ।। शानिदेव से मांग लूँ , अब तो मैं वरदान । दाता तुम ही कर्म के , लौटाये सम्मान ।। १५/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- भोर उठे संक्रांति में , और करे स्नान । लेकर प्रभु का नाम फिर , करे अन्न का दान ।। प्रातः उठकर आप भी , निर्धन करे तलाश ।
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक पहली कविता :- विषय:सूर्योपासना आओ बताऊँ तुम्हें सूर्यदेव और सूर्योपासना का महत्व , ऋग्वेदानुसार सूर्यदेव को माना जाता स्थावर जंगम आत्मा ! ऋग्वेदानुसार सूर्यदेव को माना जाता जीवन और शक्ति का देवता , उपनिषदोंनुसार सूर्यदेव को माना जाता ब्रह्मा -और केंद्र की शक्ति !! सूर्यदेव जाने जाते सृष्टि के गतिदाता , सूर्यदेव माने जाते कालपुरुष की आत्मा !!! क्या सूर्योपासना एक परंपरा है ? क्या सूर्योपासना एक प्रार्थना है ? क्या सूर्योपासना एक रीती है ? आओ बताऊँ तुम्हें मैं सूर्योपासना का महत्व ! वैदिक युग से चली आ रही सूर्यदेव की सूर्योपासना , सूर्योपासना से मिलती पाप से मुक्ति , सूर्योपासना से कटती दुर्गति , सूर्योपासना से होता मानव का उत्थान , सूर्योपासना में सूर्य की किरणों को माना जाता अमृत वर्षी !! सूर्योपासना को माना जाता हर बीमारी से मुक्ति , ना मानो तो देख लो कोरोना का हाल , जब तक थे सूर्यदेव अपने वेग भरे तेज में, कोरोना हुआ रो रोकर बेहाल , जैसे ही सर्द हवाओं के साथ तेज में आई कमी , कोरोना की दूसरी लहर काल बन बरसी !!! सूर्योपासना से मिले आत्मविश्वास की शक्ति , सूर्योपासना है अन्धकार से प्रकाश की राह, अगर मानव प्राण त्यागे सूर्योद्धार -होता भवसागर से पार !!!! 🙏सूर्यदेव भगवान की जय 🙏 Affirmations 1-मैं ईश्वर की सर्वश्रेष्ट रचना हूँ... 2-मेरे जीवन में दिन प्रतिदिन खुशियाँ बढ़ती जा रही हैं... 3-मुझे मेरे हर काम में कामयाबी मिलती जा रही है... 4-मेरी हर ख़्वाहिश पूरी हो रही है... 5-मेरा मन हमेशा शांत ओर स्थिर रहता है... 6-मैं बहुत ही नेक दिल इंसान हूँ... 7-मेरी दुनिया का हर व्यक्ति मुझे दिल से दुआ देता है... 8-मुझे सभी से अपार आदर और प्यार मिलता है... बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो स्वरचित स्वमौलिक विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक पहली कविता :- विष
KUNWA SAY
Vikas Sharma Shivaaya'
आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है- कहा जाता है कि सूर्यदेव जगत की आत्मा है- इस पृथ्वी पर जीवन सूर्य से ही है- इसी को सर्वमान्य सत्य कहा गया है- जगत के कर्ता-धर्ता भी सूर्य को ही माना गया है-ऋग्वेद के देवताओं में सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान है, सूर्योपनिषद में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का एक मात्र कारण निरूपित किया गया है ! भगवान सूर्य मंत्र: ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य कालभैरव (शाब्दिक अर्थ- 'जो देखने में भयंकर हो' या जो भय से रक्षा करता है ; भीषण ; भयानक) हिन्दू धर्म में शिव के अवतार माने जाते हैं- शैव धर्म में, कालभैरव शिव के विनाश से जुड़ा एक उग्र अवतार हैं-त्रिक प्रणाली में भैरव परम ब्रह्म के पर्यायवाची, सर्वोच्च वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करते हैं! भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं ... पुराणों में भगवान भैरव को असितांग, रुद्र, चंड, क्रोध, उन्मत्त, कपाली, भीषण और संहार नाम से भी जाना जाता है- भगवान शिव के पांचवें अवतार भैरव को भैरवनाथ भी कहा जाता है, नाथ सम्प्रदाय में इनकी पूजा का विशेष महत्व है ! साधारण मंत्रों के बारे में लगभग सब लोग जानते हैं, मगर शाबर मंत्रों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म के प्रत्येक देवी-देवताओं को शाबर मंत्र समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शाबरों मंत्रों की रचना मत्सयेंद्रनाथ के शिष्य गुरु गोरखनाथ ने की थी। बताया जाता है कि शाबर मंत्र बहुत ही सरल भाषा में होते हैं परंतु सटीक होते हैं। शाबर मंत्र बहुत जल्दी अपना शुभ असर दिखाते हैं लेकिन इनका जप करते समय सावधानी बरतना अधिक आवश्यक माना जाता है, अगर इन मंत्रों का जप करते समय नियमों का पालन न किया जाए तो परिणाम उल्टा हो जाता है। सिद्ध शाबर मंत्र: ॐ काला भैरू, कपिला केश। काना कुंडल भगवा वेष। तीर पतर लियो हाथ, चौसठ जोगनिया खेले पास। आस माई, पास माई। पास माई सीस माई। सामने गादी बैठे राजा, पीडो बैठे प्राजा मोहे। राजा को बनाऊ कुकडा। प्रजा बनाऊ गुलाम। शब्द सांचा, पींड काचा। राजगुरु का बचन जुग जुग साचा। सतनाम आदेश गुरुजी को आदेश आदेश। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम)आज 111 से 121 नाम :- 111 पुण्डरीकाक्षः हृदयस्थ कमल में व्याप्त होते हैं 112 वृषकर्मा जिनके कर्म धर्मरूप हैं 113 वृषाकृतिः जिन्होंने धर्म के लिए ही शरीर धारण किया है 114 रुद्रः दुःख को दूर भगाने वाले 115 बहुशिरः बहुत से सिरों वाले 116 बभ्रुः लोकों का भरण करने वाले 117 विश्वयोनिः विश्व के कारण 118 शुचिश्रवाः जिनके नाम सुनने योग्य हैं 119 अमृतः जिनका मृत अर्थात मरण नहीं होता 120 शाश्वतः-स्थाणुः शाश्वत (नित्य) और स्थाणु (स्थिर) 121 वरारोहः जिनका आरोह (गोद) वर (श्रेष्ठ) है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' आज रविवार है और आज का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है- कहा जाता है कि सूर्यदेव जगत की आत्मा है- इस पृथ्वी पर जीवन सूर्य से ही है- इसी को सर्
N S Yadav GoldMine
सोने के सिंहासन पर विराजकर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं इस मंदिर के बारे में जानिए !! 🔯🔯 {Bolo Ji Radhey Radhey} श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर सारंगपुर :- 🌷 गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन हनुमान यहां महाराजाधिराज के नाम से राज करते हैं। वे सोने के सिंहासन पर विराजकर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं। कहते हैं कि बजरंगबली के इस दर पर आकर भक्तों का हर दुख, उनकी हर तकलीफ का इलाज हो जाता है। फिर चाहे बात बुरी नजर की हो या शनि के प्रकोप से मुक्ति की गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन हनुमान यहां महाराजाधिराज के नाम से राज करते हैं। वे सोने के सिंहासन पर विराजकर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं। कहते हैं कि बजरंग बली के इस दर पर आकर भक्तों का हर दुख, उनकी हर तकलीफ का इलाज हो जाता है। फिर चाहे बात बुरी नजर की हो या शनि के प्रकोप से मुक्ति की। 🌷 हनुमान ने अपने बाल रूप में ही सूर्यदेव को निगल लिया था। उन्होंने राक्षसों का वध किया और लक्ष्मण के प्राणदाता भी बने। बजरंग बली ने समय-समय पर देवताओं को अनेक संकटों से निकाला। पवनपुत्र आज भी अपने इस धाम में भक्तों के कष्ट हर लेते हैं, इसलिए उन्हें कष्टभंजन हनुमान कहते हैं। हनुमान के इस इस दर पर आते ही हर कष्ट दूर हो जाता है। यहां आकर हर मनोकामना पूरी होती है। विशाल और भव्य किले की तरह बने एक भवन के बीचों-बीच कष्टभंजन का अतिसुंदर और चमत्कारी मंदिर है। केसरीनंदन के भव्य मंदिरों में से एक कष्टभंजन हनुमान मंदिर भी है। गुजरात में अहमदाबाद से भावनगर की ओर जाते हुए करीब 175 किलोमीटर की दूरी पर कष्टभंजन हनुमान का यह दिव्य धाम है। 🌷 किसी राज दरबार की तरह सजे इस सुंदर मंदिर के विशाल और भव्य मंडप के बीच 45 किलो सोना और 95 किलो चांदी से बने एक सुंदर सिंहासन पर हनुमान विराजते हैं। उनके शीश पर हीरे जवाहरात का मुकुट है और पास ही एक सोने की गदा भी रखी है। संकटमोचन के चारों ओर प्रिय वानरों की सेना दिखती है और उनके पैरों शनिदेवजी महाराज हैं, जो संकटमोचन के इस रूप को खास बना देते हैं। बजरंग बली के इस रूप में भक्तों की अटूट आस्था है और वे यहां दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं। मान्यता है कि पवनपुत्र का स्वर्ण आभूषणों से लदा हुआ ऐसा भव्य और दुर्लभ रूप कहीं और देखने को नहीं मिलता है। हनुमत लला की ये प्रतिमा अत्यंत प्राचीन है, तो इस रूप में अंजनिपुत्र की शक्ति सबसे निराली। दो बार है आरती का विधान :- 🌷 कष्टभजंन हनुमान के इस मंदिर में दो बार आरती का विधान है, पहली आरती सुबह 5.30 बजे होती है। आरती से पहले पवनपुत्र का रात्रि श्रृंगार उतारा जाता है फिर नए वस्त्र पहनाकर स्वर्ण आभूषणों से उनका भव्य श्रृंगार किया जाता है और इसके बाद वेद मंत्रों और हनुमान चालीसा के पाठ के बीच संपन्न होती है हनुमान लला की यह आरती। बजरंग बली के इस मंदिर में वैसे तो रोजाना ही भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन मंगलवार और शनिवार को यहां लाखों भक्त आते हैं। नारियल, पुष्प और मिठाई का प्रसाद केसरीनंदन को भेंट कर प्रार्थना करते हैं। 🌷 कुछ भक्त तो मात्र शनि प्रकोपों से मुक्ति के लिए यहां आते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि वो तो शनिदेव से डरते हैं लेकिन शनि देव अगर किसी से डरते हैं तो वे हैं स्वयं संकटमोचन हनुमान।कष्टभजंन हनुमान की मंगलवार और शनिवार को विशेष आराधना होती है। भक्त अपने कष्टों और बुरी नजर के दोषों को दूर करने की कामना लेकर यहां आते हैं और मंदिर के पुजारी से बजरंग बली की पूजा करवाकर कष्टों से मुक्ति पाते हैं। क्या है इस धाम की विशेषता :- 🌷 बजरंग बली के इस धाम को उनके अन्य मंदिरों से अलग विशेष स्थान दिलाती है उनके पैरों में विराजमान शनि की मूर्ति। क्योंकि यहां शनि बजरंग बली के चरणों में स्त्री रूप में दर्शन देते हैं। तभी तो जो भक्त शनि प्रकोपों से परेशान होते हैं वे यहां आकर नारियल चढ़ाकर समस्त चिंताओं से मुक्ति पा जाते हैं। 🌷 आप जानना चाहते होंगे कि आखिर शनिदेव को क्यों लेना पड़ा स्त्री रूप और वो क्यों हैं बजरंग बली के चरणों में। कहते हैं करीब 200 साल पहले भगवान स्वामी नारायण इस स्थान पर सत्संग कर रहे थे। स्वामी बजरंग बली की भक्ति में इतने लीन हो गए कि उन्हें हनुमान के उस दिव्य रूप के दर्शन हुए जो इस मंदिर के निर्माण की वजह बना। बाद में स्वामी नारायण के भक्त गोपालानंद स्वामी ने यहां इस सुंदर प्रतिमा की स्थापना की। 🌷 कहा जाता है कि एक समय था जब शनिदेव का पूरे राज्य पर आतंक था, लोग शनिदेव के अत्याचार से त्रस्त थे। आखिरकार भक्तों ने अपनी फरियाद बजरंग बली के दरबार में लगाई। भक्तों की बातें सुनकर हनुमान जी शनिदेव को मारने के लिए उनके पीछे पड़ गए। अब शनिदेव के पास जान बचाने का आखिरी विकल्प बाकी था सो उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया। क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वो किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठायेंगे। ऐसा ही हुआ, पवनपुत्र ने शनिदेव को मारने से इनकार कर दिया। लेकिन भगवान राम ने उन्हें आदेश दिया, फिर हनुमानजी ने स्त्री स्वरूप शनिदेव को अपने पैरों तले कुचल दिया और भक्तों को शनिदेव के अत्याचार से मुक्त किया। 🌷 मान्यता है बजरंग बली के इसी रूप ने शनि के प्रकोप से मुक्त किया। इसिलिए यहां की गई पूजा से शनि के समस्त प्रकोप तत्काल दूर हो जाते हैं, तभी तो दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और शनि की दशा से मुक्ति पाते हैं। क्योंकि भक्तों का ऐसा विश्वास है कि केसरीनंदन के इस रूप में 33 कोटि देवी देवताओं की शक्ति समाहित है। इस हनुमान मंदिर के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा है। क्योंकि यहां भक्तों को बजरंग बली के साथ शनि देव का आशीर्वाद भी मिल जाता है। कहते हैं यहां अगर कोई भक्त नारियल चढ़ाकर अपनी कामना बोल दे तो उसकी झोली कभी खाली नहीं रहती। शनि दशा से मुक्ति तो मिलती ही है साथ ही संकटमोचन का रक्षा कवच भी मिल जाता है। ©N S Yadav GoldMine #boat सोने के सिंहासन पर विराजकर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं इस मंदिर के बारे में जानिए !! 🔯🔯 {Bolo Ji Radhey Radhey} श्री कष्टभं
Amar Anand
काशी अविनाशी है !!! विशेष नीचे कैप्शन में... काशी तो काशी है, काशी अविनाशी है!!!!!! पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं । ब्रह्माजी ने भगवान क