#phool
वतन पे जाँ,लुटाते जो,नमन उनको,सदा कर लें।
दिया तब इश्क में भी जान हम अब देश पे मर लें।।
सजी भी सेज फूलों की,किसी जी भामिनी खातिर।
कर #कविता
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सोमेश त्रिवेदी
शृंगार रस में स्वरचित कविता...
त्रूटियों से अवश्य अवगत करायें...
तू सुचित्त, चंचल चित्तवाली
कामिनी, मन भामिनी...
मेरा हृदय हो भवन तेरा,
मे
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Preeti Karn
अभिमान हूॅं सम्मान हूॅं,
वरदान हूॅं अभिशाप हूॅं
विरह की आस हूॅं प्रेम का विश्वास हूॅं ।
मधुर संगीत हूॅं सधी सुर-ताल हूॅं,
बहकती धार #yqdidi#yqhindi#अनकही#yqhindiquotes#yoporimo