Find the Latest Status about बिखरने लगे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बिखरने लगे.
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी मिजाज अब बदलने लगे है शहरो में भी रोजगार ठंडे पड़ने लगे है फीके पड़े है व्यापार कम्पनियों के कब्जे में आइटम सजने लगे है दौड़ धूप हमारी चंद कमीशन पर संतोष रखने पड़ रहे है वैश्वीकरण के नाम पर गुलाम हम सब बनने लगे है प्रतिबन्धों और पर्यावरण की दुहाई दे देकर सब व्यवस्था पेशेवरों के हाथ करने लगे है सिर धुन कर हम सब बिखरने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Hum सिर धुन कर हम सब बिखरने लगे है #nojotohindi
kanta kumawat
कलियों के संग बिखरने लगें है अभी तो कोन कम्बख्त कहता है महकने लगें हो। @kanuk.r.d ©kanta kumawat कलियों के संग बिखरने लगें है अभी तो कोन कम्बख्त कहता है महकने लगें हो। @kanuk.r.d #together
बद्रीनाथ✍️
टूट कर यू बिखरने लगे थे स्थिर - सन्न और सिमटने लगे थे सबको लगता हम सम्भलने लगे थे दोस्ती - यारी अपने रंग बदलने लगे थे प्यास को ,अब सराबो से बहलाने लगे थे जिंदगी के राहों में, हम डगमगाने लगे थे टूट कर यू बिखरने लगे थे अपनों के हाथो से फिसलने लगे थे सबको लगता हम सम्भलने लगे थे ©बद्रीनाथ✍️ टूट कर यू बिखरने लगे थे स्थिर - सन्न और सिमटने लगे थे सबको लगता हम सम्भलने लगे थे दोस्ती - यारी
mr babu
यूं तो हम भी पा लेते तुमको मगर ऐसा हमारा कहां नसीब था हम तो किरायेदार थे तुम्हारे लिए असल में प्रोपर्टी का हकदार कोई ओर ही था।। ©mr babu लगता है निखरने लगे हैं, यह इश्क़ ही तुम्हारा कागज के पन्नों पर टुकड़ों में बिखरने लगे हैं।। sandhya maurya (official) IshQ परस्त {Official}
Deeksha Jha
जब ज़िन्दगी से ज्यादा मौत अच्छी लगने लगे समझ लेना, तुम्हे खुद से मोहब्बत होगई है #nojoto जब सपने औऱ उम्मीदे बिखरने लगे और खुद को उस समय मे देख ना पाओ तब ज़िन्दगी बैमानी लगे तो समझ लेना तुम्हे खुद से मोहब्बत हो गई
Jaydeep singh
वो नजरें झुकाए तो काली घटा सी छा जाए, वो जुल्फें गिराए तो रुत सुहानी हो जाए, वो मुस्कुराए ऐसे जैसे फूल कोई गुलाब हो वो शरमाए ऐसे जैसे हुस्न-ए-शबाब हो वो रूठ जाए जब दुनिया रूठी लगने लगे वो इठलाए जब चाँदनी सी बिखरने लगे मेरे जीवन का आधार है प्यार, मेरी ज़िंदगी का अटूट हिस्सा है प्यार।। वो नजरें झुकाए तो काली घटा सी छा जाए, वो जुल्फें गिराए तो रुत सुहानी हो जाए, वो मुस्कुराए ऐसे जैसे फूल कोई गुलाब हो वो शरमाए ऐसे
हेमन्त जाट
कैसे कोई संभले भला जब सब कुछ बिखरने लगे जब हो ऐसे हालात अपने भी मुकरने लगे हम भी उनके वो भी हमारे साथ दिल से उतरने लगे नाज़ुक मिजाज था वक़्त भी रिश्ते सारे उधड़ने लगे दिल एक है ओर इतने गम भला ऐसे में वो कैसे धड़कने लगे आया नजर वो सदियों बाद बाग-ए-दिल सावन में उझड़ने लगे कैसे कोई संभले भला जब सब कुछ बिखरने लगे जब हो ऐसे हालात अपने भी मुकरने लगे हम भी उनके वो भी हमारे साथ दिल से उतरने लगे नाज़ुक मिजाज था वक़
Saket Thakur
मेरे ख्वाबों में कोई यूँ सँवरने लगे, कागज पे भाव खुद ही उतरने लगे। जानता हूँ नेह से तृप्ति उधर भी नहीं, इसी प्यास से तो वे और निखरने लगे। कुछ महक जो चुराया उनमें से जरा, वो हवाओं में घुल-घुल पसरने लगे। पात सा झर के गीरें हैं हम एक डाल से, कहीं समेटे गयें हम कहीं बिखरने लगे। आँख ही तो है सा'ब इसका क्या कीजिए, कहीं बसाये गये हम कहीं खटकने लगे। उनने रूखसत किया यूँ हुआ कुछ सितम, हम अपने भीतर में खुद ही भटकने लगे। ✍️साकेत ठाकुर २३-०३-२०१८ मेरे ख्वाबों में कोई यूँ सँवरने लगे, कागज पे भाव खुद ही उतरने लगे। जानता हूँ नेह से तृप्ति उधर भी नहीं, इसी प्यास से तो वे और निखरने लगे। कु