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Mishra Kaushal
हमनें उसके हिस्से में दुआ मांगी है अब उसी के हिस्से में बद्दुआ क्या ही करना, मरियम! तुम्हारा होना बसन्त का होना है... तुम्हारा जाना बसन्त का जाना है । तुम्हारा आना या न आना यह तो तुम्हारे हाथों में है, मरियम हमनें तो पीले हुए पत्तों सा मुरझाकर टूट जाना है, मरियम! ख़ुदा करे, अता करे मुझे तुम जैसी इक बेटी... हमनें तुम्हारा नाम पुकारना है, मरियम...! #misralove #misraword #misradiary मरियम #freshthoughts #friendship
Madhur Yadav
इब्न-ए-मरियम हुआ करे कोई ! मेरे दुख की दवा करे कोई !! -मिर्ज़ा गालिब इब्न-ए-मरियम - son of mary (Jesus) #गालिब_तेरी_याद_में #गालिब_की_कलम #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
SM HADI
आँचल ऐसा कि मरियम जैसा कहें जिसे ईसा के बाद भी पाकीज़ा कहें जिसे ~अब्दुल हादी आँचल ऐसा कि मरियम जैसा कहें जिसे ईसा के बाद भी पाकीज़ा कहें जिसे ~अब्दुल हादी
REETA LAKRA
ओल्लगदन मरियम ; बरकइत ती निंदका नीन मरियम, ओल्लगदन मरियम । उरबस निंगहय संगे, उरबासिम निंगहय संगे र'अदस। धइन नीनिम मुक्करनुम, धइन निंगहय कूलता ख़ंजपा यीसुस । हे नेम्हा मरियम, धर्मेस ही आयो बिन्ती ननय। एम पापी आलमगे अक्कुन अउर एम्हय खे'ओ बीरी गे । ५२/३६५@२०२२ हे मां मरियम, हमारे प्रभु की माँ। तू हमारी भी माँ है ।तू हम सब के लिए प्रार्थना कर। 🙏
Bobby(Broken heart)
Gagan Mudgal
ना पूछ मेरी जान कि तेरी याद कब कब आती है। जब कोई नहीं होता है पास हमारे तब आती है। उम्मीद मिट सी जाती है दिन के ढलते ढलते दिल सोचता रह जाता है तू अब आती है अब आती है। वो एक शब जब तू गई शब-ए-फ़िराक नहीं गई शब-ए-वस्ल नहीं आती जबकि रोज शब आती है। शर्म से मर जाते हैं राम रहीम मरियम सब के सब जब बात बात पे सियासत लेके मज़हब आती है। ख़ल्वतों में दिल का रोना बेदिली की मिसाल है बेदिली ही मुहब्बत है बेदिली न बेसबब आती है। एक लहर सी उठती है सर से पाँव तक बदन में खुशबू खुशबू हो जाता हूँ तू मेरे घर जब आती है। ग़ज़ल। शब - night शब-ए-फ़िराक - night of separation (from lover) शब-ए-वस्ल - night of meeting (with lover) मरियम - mother of Jesus Christ सि
रानी सोनी 'परी'
बांधे है तुमने पंख मेरे,परवाज़ रोक ना पाओगे। गूंगी बन मैं गा लुंगी,आवाज़ रोक ना पाओगे। तेरी खुशियों की खातिर,प्रेम पास में बंधी हूँ मैं। खुद
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me 5555555555 ©KP EDUCATION HD भाद्रपद चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा मास है. चातुर्मास श्रावण मास से शुरू होकर कार्तिक मास में खत्म होता है. यह मास एक सितंबर से
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी दसवीं कविता -नारी शक्ति को समर्पित -बेटियों के रूप में कृपया मेरे You Tube Channel (यू ट्यूब चैनल) को like( लाइक) करें पसंद आने पर subscribe (सब्सक्राइब) करें और अपनी comments (स्पष्ट टिपण्णी) देकर मार्गदर्शन करें ,नित प्रतिदिन इतिहास -वर्तमान नई रोचक जानकारियां -सकारात्मक क्वोट्स पढें ..., अगर आप भी कोई रोचक जानकारी ,सच्ची घटना या कुछ और मेरे यू ट्यूब चैनल के माध्यम से देना चाहें तो संपर्क करें : https://youtu.be/vMjw9AEDBUw #विषय: बेटियां# जनक की सीता हैं बेटियां तो शिव की शक्ति भी हैं बेटियां बहती हुई शीतल धारा हैं बेटियां तो प्रचंड अग्नि ज्वाला भी हैं बेटियां -1 माँ के अंश का टुकड़ा हैं बेटियां तो पिता का मान हैं बेटियां भाई के लिए दुआ हैं बेटियां तो बहिन की परछाई हैं बेटियां -2 कहीं लक्ष्मी तो कहीं सरस्वती हैं बेटियां तो कहीं काली स्वरूपा हैं बेटियां कहीं गंगा तो कहीं यमुना हैं बेटियां तो कहीं सरस्वती कहीं नर्मदा हैं बेटियां -3 पहले बेटी फिर बहिन हैं बेटियां तो कहीं पत्नी तो पुत्रवधु हैं बेटियां तो फिर सृष्टि की जननी हैं बेटियां तो कही ममता की मूरत हैं बेटियां -4 माँ के आँगन की तो पिता की पगड़ी की इज्जत हैं बेटियां भाई के अभिमान की तो बहिन की सच्ची सहेली हैं बेटियां एक अनजान पुरुष की अर्धागनी हैं बेटियां तो एक नए घर की पहचान हैं बेटियां -5 कहीं माँ मरियम तो कहीं झाँसी की रानी हैं बेटियां कहीं मदर टेरेसा तो कहीं इंदिरा गाँधी हैं बेटियां कहीं कल्पना चावला तो कहीं सानिया मिर्जा हैं बेटियां कहीं भारतीय सेना की शान हैं बेटियां -6 बेटियां हैं तो हम हैं आप हैं बेटियां नहीं तो घर अभिशाप है कहीं घर में गीता तो कहीं कुरान हैं बेटियां कहीं गुरु की वाणी तो कहीं बाइबिल हैं बेटियां -7 सबसे अधिक बोझ सहने वाली धरती माँ हैं बेटियां तो पापों को धोने वाली गंगा माँ हैं बेटियां किसान की लहलाती फसल हैं बेटियां तो सिर का मुकुट और सरताज हैं बेटियां -8 बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजसhttps://youtu.be/vMjw9AEDBUwन ्था ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी दसवीं कविता -नारी शक्ति को समर्पित -बेट
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ पुरानी कथाओं के मुताबिक 25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे के दिन ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले प्रभु यीशु का जन्म माँ मरियम के यहां हुआ था. इसी खुशी के उपलक्ष्य में पूरी दुनिया में क्रिसमस डे मनाया जाता है, जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है- क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा ! क्रिसमस पहली बार 25 दिसंबर को 336 ईसवी में मनाया गया. यह रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से मनाया जाता है, जो की सबसे पहले ईसाई रोमन सम्राट थे. इसकी औपचारिक घोषणा पोप जूलियस ने की थी कि हर साल 25 दिसंबर को यीशु के जन्म की खुशी मनाई जाएगी. यूरोप में कुछ गैर ईसाई समुदाय के लोगों ने 25 दिसंबर को सूर्य की दिशा चेंज होने वाला दिन के रूप में सेलिब्रेट करना शुरू किया ! जीवन के सफर में एक ही चीज समझ आई की आने वाला प्रत्येक पल भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है ,अगला पल क्या लेकर आएगा ख़ुशी या गम -सफलता या असफलता -उतार या चढ़ाव -अर्श या फर्श कोई नहीं जानता आज का राजा कब कल रंक हो जाये ,आज का रंक कब कल राजा बन जाये ,आप प्रसिद्द हो चुके राजनीतिज्ञों -धर्म गुरुओं -समाज सेवकों -उद्धोयगपतियों की जीवनी -उनके बारे ममें पड़ते हैं पर मेरे और आप जैसा एक आम आदमी कैसे जीता है -कैसे कैसे संघर्ष देखता है ,क्या जाने अनजाने गलतियां गुनाह करता है और सबसे बड़ी बात वक़्त के बुरा आने पर एक सबसे कड़वी सच्चाई जो सामने आती है वो यह की जब आपके अपने आपके ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं -आप पर फेलियर का ठप्पा लगाते हैं ,और ना जाने कैसे कैसे अविश्वसनीय कड़वे सच इन्हीं के मद्देनजर मेरे द्वारा लिखित एक आम आदमी की सच्ची कहानी मेरी पहली पुस्तक बेगुनाह या गुनहगार-A Real Life Story-Part-1, के रूप में ,जल्द ही ही इस सच्ची यात्रा का दूसरा पार्ट आपके सामने होगा ! Hello friends! With God's grace I've written my first book -बेगुनाह या गुनहगार -A Real Life Story and it's available for purchase on Amazon and Kindle. Kindly purchase the book from the link given, it costs just Rs. 149/- and give your honest review about the same. Your blessings and support will really be helpful. Thanks and Regards Vikas Sharma https://www.amazon.in/dp/B08CD2W2YP बेगुनाह या गुनहगार-A Real Life Story (by Vikas Sharma) - एक ऐसे इंसान दर्पण की सच्ची जीवन यात्रा है जो आज समय के उस दौर से गुजर रहा है जहाँ उसे खुद को ये नहीं पता की वो कल सुबह का सूर्योदय देखेगा या नहीं ..., लोगों की जिंदगी में उतार चढ़ाव आते हैं -नफा नुक्सान होता है -रिश्ते बनते बिगड़ते हैं पर जो कुछ दर्पण के साथ घटित हुआ या हो रहा है वो सबसे अलग है -वो जिन्दा है बहुत बड़ी बात है -कौनसी अदृश्य शक्ति ने उसको सम्हाल रखा है ...? बचपन से 48 वर्षों तक मृत आत्माओं से साक्षात्कार -सीधी बातचीत -एक बार नहीं दो बार नहीं उसके बाल्यावस्था में यौन शोषण का प्रयास अपनों द्वारा ही -अकेलेपन का दंश -शुरू से ही गलत लोगों का मिलना -राष्ट्रीय स्तर के राजनैतिक दलों एवं सामजसेवी संस्थाओं का पदाधिकारी होना - जल्दी विवाह -घर परिवार में राजनीती -पत्नी का बच्चों सहित घर छोड़ देना -घरवालों का अहंकार -व्यापार में एक के बाद एक नए -बड़े और सुनियोजित धोखे -एक ही शहर में 11 मकानों का बिक जाना -उसके ऊपर एक के बाद एक तांत्रिक प्रयोग -हमले ,नौकरी व व्यापार में सफलता के शिखर को छूना और धड़ाम से जमीन पर आ जाना -धरम और श्रद्धा में इतना बड़ा धोखा खा जाना की आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे की क्या इस कलयुग में भी कोई ऐसा शिष्य हो सकता है क्या -बिटीया की बेहतरीन शादी पर यहाँ भी धोखा -एक ऐसे राज का पर्दाफाश जो आपको रोने पर -सोचने पर मजबूर कर देगा -हर दुःख तकलीफ से भारी -अपनों से ही आंतरिक लड़ाई -और आज अर्श से फर्श पर ,सिर पर कर्जों का पहाड़ -49 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग माँ बाप पत्नी बच्चों को छोड़कर एक अनजान राज्य -एक अनजान शहर की राह -अज्ञात वनवास ,समय की मार के कारण बेगुनाह गुनहगार बन जाना , जो दर्पण अपना जीवन अपने 7 जनों के परिवार के लिए नहीं बल्कि सात सौ -सात हजार -सात लाख -सात करोड़ लोगों के लिए सर्वस्व करना चाहता है ,जिसने अपने आपको अपने सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज ध्यानपुर को समर्पित कर रखा है आज वो मसाज पार्लर या औरतों की मसाज या उनको शारीरिक संतुष्ट करने वाले लोगों तक जाने की सोच रहा है पैसों के लिए -अपनी किडनी बेचने की सोच रहा है पैसों के लिए जिससे की वो अपने कर्जों से मुक्त होकर -सतगुरु का आश्रम मंदिर बनाना चाह रहा है -छोटी बिटिया का विवाह करना चाह रहा है और अपने परिवार की जायज अधूरी ख्वाहिशों को पूरा करते हुए उनको सुखद सुरक्षित भविष्य देते हुए सतगुरु के मार्ग पर जीवन अर्पण करना चाह रहा है ,देखते हैं सतगुरु उस पर क्या रहमत करते हैं ,क्या दर्पण इस दलदल में जाने से बच पायेगा ? क्या हुआ कैसे हुआ जानने के लिए पढ़िए -बेगुनाह या गुनहगार ,क्यूंकि 149/- रूपए खर्च कर आप इस पुस्तक को नहीं पढेंगें बल्कि अपना योगदान देकर 7 ज़िन्दगियों को बचाएंगे अगर कोई इस पुस्तक के माध्यम से फिल्म या धारावाहिक भी बनाना चाहे तो संपर्क करें ! Book Available on Kindle Amazon. https://www.amazon.in/dp/B08CD2W2YP एक बात और मेरे पास पुस्तक को छपवाने के लिए पर्याप्त पूँजी /पैसे नहीं है इसलिए इसे E Book के रूप में प्रकाशित करवाया है , धन्यवाद् Amazon .अगर आपमें से कोई मेरी पुस्तकों को प्रकाशित करवाने में इच्छुक हों तो मैं उन्हें एक अच्छी डील दे सकता हूँ ! बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो स्वरचित एवं स्वमौलिक विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ पुरानी कथाओं के मुताबिक 25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे के दिन ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले प्रभु यीशु का जन्म माँ मरियम क