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MR VIVEK KUMAR PANDEY
"नज़र अंदाज़ तो वहीं लोग करते हैं, जो हमसे नज़रे मिलाने से घबराते हैं".। #नज़र अंदाज़ तो वहीं #mrvivekkumarpandey
vishnu prabhakar singh
'जन्म आप देंगे,भाग्य कौन देगा' वो निर्जीव अलौकिक तंत्र! जहाँ कर्म भाग्य का पूरक है और, धर्म अनुशासन का विषय-वस्तु! भाग्य हाजिर नाजिर है,दलील नहीं। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #life
Harshita Dawar
उसकी रजा के सजदे में गुनाह कबूल किया तो क्या न किया वही परवरदिगार , वहीं रसूल, वही पैरवी, वही काज़ी वहीं पादरी, वही पंडित ,वहीं मौलवी, वहीं रूह की प्यास बुझाता वो अंतर मन की गुल्लक में भरा एक नेक साई के सिक्के की खनक , वही गुरु, वही ईसा, वही शिव ,वही भैरवी, वही मुकम्मल जहां को उगली पर नाचता कनाहिया वही समझ, वही परख, वही सही, वही गलत, वही हालात वही हामी, वही मज़हब , वही एक , वही नेक, वही सरहद, वही मौसम,वही जीवन ,वही मरण वही काफी हद तक अंतर तक महक उसकी वही बस वही .....बस वही रूहानियत का दस्तूर जज़्बात ए हर्षिता उसकी रजा के सजदे में गुनाह कबूल किया तो क्या न किया वही परवरदिगार ,वहीं रसूल, वही पैरवी, वही काज़ी वहीं पादरी, वही पंडित ,वहीं मौलवी, वहीं
Kiran Chaudhary
Blue Moon उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ, पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे, ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ, काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। ©Kiran Chaudhary काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। #nazar #aankhe #nigahen #Romantic #treanding #bluemoon
Prem Kumar
तेरे हर सवाल का, मैं हाज़िर जवाब बन जाऊं, तू जहां रहे , तेरे इश्क़ का मुसाफिर बन जाऊं। हाज़िर जवाब
पथिक..
ख्वाहिशों का बाज़ार ख्वाहिशों का बाज़ार हर रोज लगता है ये और बात है की ख्वाहिशे कबूल नहीं होती, ख्वाहिश मन के भीतर ही दम तोड़ देती है,हर लम्हा एक ख्वाहिश टूट कर एक और जोड़ देती है, ख्वाहिशों का बाज़ार हर रोज लगता है............. कभी ख्वाहिश, खुद को खुशियों का संसार,मिलें कभी ख्वाहिश,की दौलत की बौछार मिलें कभी ख्वाहिश, की पद प्रतिष्ठा मिले, कभी , ख्वाहिश की मन चाहा प्यार मिले,ख्वाहिशों का में और क्या बखान करूँ, नित दिन ख्वाहिशों का नया बाजार लगे, ये और बात है की ख्वाहिशें कबूल नहीं होती. हर ख्वाहिश अधूरी रहकर पल पल मुझे चिढ़ाती है मेरी लाचारी का उपहास उडा कर, अपना बाज़ार सजाती है ©पथिक.. #बाज़ार#ए#बाज़ार
Dr. Nazim Moradabadi
कलाम-ए-नाज़िम कोई दिन आयेगा नाशादगी से शाद भी होंगे ग़मों के क़ैद खाने से कभी आज़ाद भी होंगे मिरा दावा है दुनिया ही में वो बरबाद भी होंगे वसाइल जब तबाही के यहां ईजाद भी होंगे हमेशा एक जैसा वक़्त तो रहता नहीं सबका "हुऐ नाशाद जो इतने तो हम दिलशाद भी होंगे" उधर से बाद मुद्दत के मिरे खत का जवाब आया नहीं सोचा था उसको आज तक हम याद भी होंगे दहल जायेंगे दिल उनके हमारे इक ही नारे से हमारे सामने दुशमन अगर फौलाद भी होंगे किसे मालूम था कि खूब इर्तेदाद फैलेगा हज़ारो मोमिनो के दीन तक बर्बाद भी होंगे भुला डाला जिन्होने अपने आबा के तरीक़ों को यक़ीनन रू सिया उस क़ौम के अफराद भी होंगे भरम टूटा है कुछ ऐसा गुमां से भी जो बाहर था मेरे अपने ही मेरे वास्ते जल्लाद भी होंगे ये नाज़ुक दिल मिरा जिसने दुखाया उम्र भर "नाज़िम" मेरे अशआर उसके रंज की बुनियाद भी होंगे नाज़िम मुरादाबादी✍︎ 9 जनवरी 2022 बरोज़ इतवार मोबाइल +919520326175 ©DrNAZIM AHMAD SHAH #नाज़िम की क़लम से
neha chaudhary
कुछ मनाज़िर संग उसके यूँ धुंधले से नजर आते है, जैसे किसी लम्हे में मेरे बहुत करीब था वो।। मनाज़िर-नजारे #yqquotes #lifequotes