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Yogita Harne
अन्याय" ईश्वर का" अंधेरे भरी रात बहुत कुछ दर्द दे जाती है... यूं तो हर रात के बाद सबेरा होता है... पर काली भारी रात अमावस्या की भयानक सा मंजर छोड़ जाती है.. हर रात एक कसक लेकर सोते है.. हर सुबह एक पछतावा होता है... कंहा कुछ मांगा था कभी तुझसे ऐ जिंदगी... तू हर मोड़ पर मुझसे जीवन लेकर..तन्हा छोड़ देती है... सबको हिम्मत देकर मै खुद भी टूंट जाती हूँ.. क्या बैर है नियति का मुझसे.मै संवरने लगती हूँ फिर बिखर जाती हूँ.... ©Yogita Harne अन्याय इश्वर का #sunkissed
Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
कवि आदेश दुबे
न्याय की आशा में मैं गया था ज्ञानपुर थाने, रिस्वतखोरो ने मुझे ही पहुचा दिया जेलखाने। वर्दी बिकी इमान बिका, टूटा मेरा सारा गुरुर, योगी तेरे शासन में भी, न्याय है मजबुर।। अन्याय
PRAVEEN YADAV
अन्याय तो महाभारत में भी हुआ था साहब पूरे भारत वर्ष के क्षत्रिय बैठे थे पर एक नारी की लाज एक यादव ने ही बचाई थी ©PRAVEEN YADAV अन्याय
Adv. Anjali Singh
इन्सानियत उस वक्त शर्मसार होती है जब हम किसी के साथ अन्याय होते हुए चुप देख रहे होते है ## अन्याय##
Dr. Sunil Haridas
*भितीपोटी* म्हणा किंवा काही *कारणास्तव* म्हणा समाजात *अन्याय* सहन करणाऱ्या अनेक व्यक्ती आहेत. परंतु अन्याय करणाऱ्यापेक्षा अन्याय सहन करणारापण तेवढाच दोषी असतो. म्हणुन अन्यायाविरुद्ध प्रत्येकाने लढले पाहिजे. नाहीतर अशा लोकांची संख्या वाढतच जाईल. आज *कोरोना व्हायरसचा* अन्याय हाणुन पाडण्यासाठी किंवा त्या विरुद्ध लढण्यासाठी प्रत्येकाने घरी 🏠 बसुन राहने आवश्यक आहे. *कोरोना से डरोना कोरोनाको भगाना है*👊 🙏 डॉ.सुनिल हरिदास बीड अन्याय
A@
कभी जब अन्याय कानून बन जाता है ; तो...विद्रोह अपना कर्तव्य बन जाता है ! सबको कोई ना कोई पक्ष चुनना ही होगा ; कोई ना कोई तो तानाशाही बन जाता है ! अगर जमीर जिंदा है तो विरोध कीजिए.; वरना सिर झुकाकर शरीर अकड़ जाता है ! समर शेष है, पाप का भागी केवल नहीं वयाघ्र; जो तटस्थ है,समय लिखेगा उनका भी अपराध! ©V. Aaraadhyaa #अन्याय
Bachan Manikpuri
इस समाज में एक पुरुष पत्नी होते हुए भीअपने शौक को पूरा करने के लिए एक से अधिक शादी करता है तो समाज उसे कोई सजा नहीं देता वो सम्मान के साथ जीवन जीता है वहीं एक महिला अपने पति के अत्याचारों से परेशान हो कर उसे छोड़ कर दूसरी शादी करती हैं तो समाज उसे सम्मान नहीं देती उसका विरोध करते है।आज भी समाज में एक महिला के साथ सही न्याय नहीं होता है। कब तक चलेगा ये अन्याय। ©Bachan Manikpuri अन्याय
Parasram Arora
मेरी कविता क़े साथ बड़ा अन्याय हुआ है क्योंकि कुछ लोग कहते है ये कविता नही थीं सिर्फ तुकबंदी और सरल वाक्योंका समावेश था जिसे बड़ी आसानी से समझा जा सकता था और उस कविता मे कोईभावनात्मक रास रंग भी नही था उलटे उसमे उदासी और ऊब का अच्छा ख़ासा मिश्रन्न परोसा गया था ©Parasram Arora अन्याय.......