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Author Sanjay Kaushik (YouTuber)
हमी हम है तो क्या हम है , तुम्ही तुम हो तो क्या तुम हो ©Sanjay Kaushik (YouTuber) जग्गू दादा #JackieShroff
Jagdish macwan...
बातों की मिठास अंदर का भेद नहीं खोलती, मोर को देख कर कोन कह सकता है की ये स सपॅ खाता होंगा.. जग्गू
Vijay Vidrohi
"शान" दादी का लाडला है दादा की शान है। मां की जान है और पापा की पहचान है। इसलिए इसकी मां ने इसका नाम रखा शान है। ©Vijay Vidrohi #दादा की शान
om_shiv_gorakhnath
के र,,, संगत झूम झूम नाचा गावा, जब मेरे दादा नाहर सिंह दीवान आवा मारे बेड़े मैं। र,,, बड़ा ही सोना लगा तेरा वा दरबार बाबा, जो सजाया है बाबा उस तेरे जंसल के खेड़े मैं। (🚩जय दादा नाहर सिंह दीवान साहब 🚩) ©om_shiv_gorakhnath जय दादा की
om_shiv_gorakhnath
के र,,, जिस पा निगाह हाेजा मेरे बाबा की, उसका तो पर लाया मेरे बाबा ने बेड़ा। र,, भरी संगत मैं पर्चा लावा, वो सारे नगर का मालिक मेरे दादा खेड़ा। (जय दादा खेड़े महाराज की 🚩) ©om_shiv_gorakhnath जय दादा खेड़े की
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
हाथ में है परशु,नाम है उनका परशुराम अधर्म का जिन्होंने किया था काम-तमाम अक्षय-तृतीया को उन्होंने जन्म लिया, पूरे जग को उन्होंने जगमग रोशन किया माता थी रेणुका,पिता थे जन्मदग्नि महान सहस्त्रबाहु की सहस्त्र भुजाएँ काट दी पिता के बदले की अग्नि ऐसे ठंडी की एक बार नही 21 बार अधर्म का नाश किया ऐसे ही नही उन्होंने अपना नाम परशुराम किया अधर्मी राजाओं पर उन्होंने लगा दी थी लगाम ऐसे धीर,वीर बहादुर थे वो गुणों की खान हम सभी ब्राह्मणों के सिरमौर, जैसे श्री कृष्ण के सिर पर मुकुट मोर आज भी वो अधर्म से लड़ने की शिक्षा देते है वो इस जगत में सत्य-धर्म की है एक कोर आओ सब दादा परशुराम को शीश नवाये, वो है श्री हरि के अवतार की सुहानी डोर असत्य से न डरेंगे,अधर्म के आगे न झुकेंगे ले नाम दादा का खत्म करेंगे असत्य का सौर दिल से विजय दादा परशुरामजी की स्तुति
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
हाथ में है परशु,नाम है उनका परशुराम अधर्म का जिन्होंने किया था काम-तमाम अक्षय-तृतीया को उन्होंने जन्म लिया, पूरे जग को उन्होंने जगमग रोशन किया माता थी रेणुका,पिता थे जन्मदग्नि महान सहस्त्रबाहु की सहस्त्र भुजाएँ काट दी पिता के बदले की अग्नि ऐसे ठंडी की एक बार नही 21 बार अधर्म का नाश किया ऐसे ही नही उन्होंने अपना नाम परशुराम किया अधर्मी राजाओं पर उन्होंने लगा दी थी लगाम ऐसे धीर,वीर बहादुर थे वो गुणों की खान हम सभी ब्राह्मणों के सिरमौर, जैसे श्री कृष्ण के सिर पर मुकुट मोर आज भी वो अधर्म से लड़ने की शिक्षा देते है वो इस जगत में सत्य-धर्म की है एक कोर आओ सब दादा परशुराम को शीश नवाये, वो है श्री हरि के अवतार की सुहानी डोर असत्य से न डरेंगे,अधर्म के आगे न झुकेंगे ले नाम दादा का खत्म करेंगे असत्य का सौर दिल से विजय दादा परशुराम जी की स्तुति