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Rajesh Khanna

#womanequality सुलती सुलती

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सुलती सुलती हवाएं उसकी पागल सी निगाहें
दोनों चीजें कमाल लगती हैं
और उससे भी ज्यादा तु मुस्कुराए सब चीज और कमाल लगती है

©Rajesh Khanna #womanequality सुलती सुलती

dev

अगर मगर

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जिस उम्र में जो करने का मन हो वो उसी उम्र में कर लेना चाहिए वरना ज़िन्दगी में 
अगर मगर बढ़ जाते हैं अगर मगर

Arvind Vishwakarma

अगर मगर

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 अगर मगर

Sunita Shanoo

अगर मगर

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उसने पूछा था प्रेम है मुझसे
मैं सोचती रही, है तो मगर
उसने फिर पूछा, कहो न
मैं कहना चाहती थी, मगर
वह बहुत खुश होता जानकर
मैं शायद उससे कहीं अधिक
मगर बात जो कही जाती
दिल की थी, दिल में रह गई। अगर मगर

Amit Saini

#Isolated अगर मगर

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कुछ बात तुम्हारी भी थी 
कुछ बात हमारी भी थी
 
मगर फर्क इतना था

अगर दिन तुम्हारा था
 मगर रात हमारी थी #Isolated  अगर मगर

Abhi

मर मिटो ये दिल मगे मोर #जानकारी

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Tarun Sadani

बहुत सुन्दर फुलही #nojotophoto

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 बहुत सुन्दर फुलही

Shashi Bhushan Mishra

#अब नहीं खुलती# #शायरी

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बन  चुकी  श्मशान कितनी  बस्तियाँ, 
अब नहीं खुलती यहाँ पर खिड़कियाँ,

हौसले से जीत मिल जाती है नाविक,
वर्ना   अक्सर   डूब  जाती  कश्तियाँ, 

कुछ नया करने  के  पहले ही हमेशा, 
लोग  कस देते हैं  मिलकर  फब्तियाँ,

बस ज़रा सी तरक्क़ी  मिल जाए तो, 
बना   लेते    लोग   कितनी   दूरियाँ,

आ  रहा  तूफ़ान  भी  ऐलान  करके, 
आसमाँ  में  कड़कती  हैं बिजलियाँ,

डर के बैठी सहमकर  बेचारगी अब, 
कुछ न कुछ तो रहती है मज़बूरियाँ,

रात अंधियारी है सन्नाटा भी गुंजन,
करवटें  लूँ  जब  खनकती  चूरियाँ,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #अब नहीं खुलती#

CalmKrishna

 #अगर #मगर #काश #लाश #शेर

Shashi Bhushan Mishra

#नींद खुलती है# #कविता

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कभी-कभार  नींद  खुलती है, 
कृष्ण से जब  राधा मिलती है, 

मेहनतकश ले जाए मुक़म्मल, 
किस्मत  से  आधा  मिलती है,

कर्मशील   ख़ुद   राह   बनाए, 
काहिल  को  बाधा  मिलती है,

वक़्त बदलता है ख़ुश-क़िस्मत, 
ख़ुशियाँ कम-ज्यादा मिलती है,

जन कल्याण लक्ष्य हो जब तो, 
शोहरत,मान,मर्यादा मिलती है,

प्रेम स्वरूप  स्वयं  प्रभु 'गुंजन',
सृजन  शक्ति  मादा  मिलती है,
   --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ○प्र○

©Shashi Bhushan Mishra #नींद खुलती है#
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