Find the Latest Status about राधा कृष्ण प्रेम कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, राधा कृष्ण प्रेम कविता.
Pnkj Dixit
💝 राधा कहो या श्याम दोनों प्रेम घन श्याम कान्हा में राधा राधा में कान्हा प्रेम अमर है प्रेम समर है प्रेम शरीर बलिदान राधिका कृष्ण प्रेम महान १६/०९/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 💝 राधा कहो या श्याम दोनों प्रेम घन श्याम कान्हा में राधा राधा में कान्हा प्रेम अमर है प्रेम समर है प्रेम शरीर बलिदान
Raone
राधा-कृष्ण प्रेम मुझसे अच्छी तो बंशी तेरी, रहती हरपल पास । कभी हाँथ से उसको तुम छूते, कभी होती होंठ निकस ।। कान्हा राजकुमार तू, मैं जोगनियाँ तेरे नाम की । मैं पागल सी हो गई, ना रही किसी काम की ।। राधे-कृष्ण तो नाम हीं, होता सच्चा संग । इक आँसू इक आँख है, सुख-दुख में रहते संग ।। बरसाने राधा ढूँढ रही, कहाँ हो मेरे मीत । होरी आयी तुम भी आओ, कहाँ गये मनमीत ।। निश्छल मन मेरा तड़प रहा, दरस दिखा नन्दलाल । मोर मुकुट बंशी सहित, देख रूप हो लूँ निहाल ।। वन-वन भटकूं, दर-दर भटकूं, भटकूं यमुना तीर । दरस दिखा गोपाल मेरे, अंखियन बहते नीर ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-4) राधा कृष्ण प्रेम
Raone
राधा-कृष्ण प्रेम निश्छल मन मेरा तड़प रहा, दरस दिखा नन्दलाल । वृन्दावन में भटक रही, तेरी राधा गिरधर लाल ।। जो मांगा मैंने सो पाया, बस ना पायी तेरा संग । फ़िर भी तुझमें लीन हुयी, ऐसी रंगी तेरे रंग ।। तूने प्रेम बहुत है सिखाया, पर ना सीख़ पाया नन्दलाल । मुझको अकेला छोड़ गया, इस वृन्दावन में ग्वाल ।। तेरी बंशी ने मन मोह लिया, मैं मोह गयी बलिहार । लाज-शरम सब त्याग दी मैंने, आ गयी प्रेम बीच मझधार ।। आजा कान्हा दरस दिखा अब, बहुत रूलाया यार । राधा बाट है देख रही, कब से यमुना नदी के पार ।। गोकुल के तुम राजदुलारे, मैं बरसाने की राधा गोरी । वृन्दावन के कुंज गली में, मिलते हम तो चोरी-चोरी ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-1) राधा कृष्ण प्रेम
Himshree verma
तुम प्रीतम हो मेरे ❤️ के तुम धड़कन हो मेरे ❤️ के तुम मेरी नजरों के सामने आस-पास ही रहना दूर गये तो ना ❤️ होगा ना धड़कन होगी बस मेरी आंखे खुली की खुली रह जाऐगी तुमको देखने के लिए ©Himshree verma #राधा #कृष्ण #प्रेम
Heer
बांसुरी के स्वर में राधा कृष्ण की धड़कन में राधा । राधा बिन कृष्ण अधूरे राधा-कृष्ण संग दोनो पूरे। ©Heer राधा कृष्ण प्रेम
Bijender Singh
मेरे प्यार चाँद हमने प्यार में कितनी बाधा देखी फिर भी हमने हरदम श्री कृष्ण के संग राधा देखी || || बिजेन्द्र सिंह || कृष्ण-राधा प्रेम
Raone
राधा-कृष्ण प्रेम रास तूने है बहुत रचाया, फ़िर क्यूँ ना मुझको अपनाया । तेरे प्रेम में बाँवरी हो गयी, बन छलिया क्यूँ दिल ये दुखाया ।। रोते हृदय से गुहार लगाऊँ, अश्रु भर नैनों से रोऊँ । बरसाने की गलियों में, मैं राधा-कान्हा को खोजूं ।। बिछड़े जब से तुम हे सांवरे, मैं राधा सुध बुध सब खोई । तुम पगले हो क्या जानोगे, मेरे दुख का ओर ना छोर कोई ।। जैसे बिन पानी मछली है तड़पे, मैं राधा वैसी तड़पी हूँ । कभी बरसाने कभी वृन्दावन, मैं कान्हा-कान्हा जपती हूँ ।। तूने प्रेम बहुत है दिया रे, दिया मुझे सम्मान । लेकिन खुद को ना दिये, चले गये निज धाम ।। सत्य कहूँ तो सुन हे कान्हा, तू निकला बड़का बड़बोला । कहता है तू हीं राधिका मेरी, मैं तेरे ब्रजमंडल का ग्वाला ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-2) राधा कृष्ण प्रेम
Raone
राधा-कृष्ण प्रेम मैं राधा रे जिऊँ मरूं पर तुझको मेरी फ़िकर नहीं । तू द्वारिकाधीश हुआ, तुझको है मेरी पीर नहीं ।। कहने को हरदम तू कहता, हे राधे मैं तेरा साथी हूँ । नाम जोड़ के चला गया, देख तेरे बिन मैं आधी हूँ ।। कैसे हूँ मैं दंश झेलती, कान्हा क्या तू जानेगा । कैसे तेरे विरह में जीती, जाने कब सुधि तू लेगा ।। अरे निश्छल मन मेरा तड़प रहा, दरस दिखा नन्दलाल । माया, मोह तेरी आज भी है, आ पूछ ले मेरा हाल ।। वन-वन भटकूं, दर-दर भटकूं, भटकूं यमुना तीर । आजा कान्हा दरस दिखा, राज़ीवनयन झरते नीर ।। अरे पर्वत जैसी पीर है मेरी, है हृदय मेरा गम्भीर । आजा मेरे पास रे कान्हा, ओ मेरे मनमीत ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी (भाग-3) राधा कृष्ण प्रेम
Anju Yadav
हमारा प्रेम भले ही आधा आधा है इसलिए राधा कृष्ण के प्रेम को अनंत काल तक बांधा है #राधा कृष्ण प्रेम
Anupam Mishra
कान्हा तू प्यार में जितना उलझा है उससे कहीं अधिक उलझन मेरे मन में है, तू है पास मेरे पर डर तेरे दूर जाने का है; तू यूं जो सुलझा रहा है बालों को मेरे जब मथुरा छोड़ गोकुल चला जायेगा, कौन सुलझाएगा इतने प्रेम से बाल को मेरे? राधिका मेरी, तू बहुत ही है मासूम व भोली, क्यों सीधी सी बात भी तुझे लगती है पहेली? क्या मुझमें और तुझमें कोई फर्क है बावली? प्रेम की डोर से बंधकर, तुझमें मैं हूं और मुझमें तू है, क्या तू मुझे देखती है खुद से अलग कहीं भी? मैं जहां भी रहूं, मेरी अन्तःकरण की तू ही रौशनी। ©अनुपम मिश्र #जन्माष्टमी #राधा #कृष्ण #प्रेम