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lpp जिसिस

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silent Night

याद बड़ी अजिबि होति हे.....

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Kuchh Pal Ham donon Ek sath bitaye the
 kuchh Pal Ek dusre ke bagair Bitaye the
aur kuchh Pal Ek dusre ko Yad karte hue bitaye the

Magar vah Pal Sabse Pyara Tha 
Jo Pal Ham donon bichhad ke Waqt Ek Sath Ro Ke bitaye the.. याद बड़ी अजिबि होति हे.....

Zindagi Calling You

https://www.youtube.com/channel/UCKbIP71PrsU7HBnPHmuC_Eg कलाकार होना अभिसाप है क्या???? #MyPenStory Namita Chauhan Meera Kumar (Meeru) Kap

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꧁༺ami༻꧂

#माँ का प्यार आज याद आती वो दिन जब जब में खेल कूद के थक के सो जाते थे, माँ बेचारी ,चुपके से बिस्तर से उठाती थी लाख मना करने पर भी ,बिन खिला

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माँ का प्यार
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👇 #माँ का प्यार

आज याद आती वो दिन जब जब में
खेल कूद के थक के सो जाते थे,
माँ बेचारी ,चुपके से बिस्तर से उठाती थी
लाख मना करने पर भी ,बिन खिला

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 19 मेघनाद ने ब्रम्हास्त्र चलाया ब्रह्म अस्त्र तेहि साँधा कपि मन कीन्ह बिचार। जौं न ब्रह्मसर मानउँ महिमा मिटइ अपार ॥19॥ #समाज

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🙏सुन्दरकांड 🙏
दोहा – 19

मेघनाद ने ब्रम्हास्त्र चलाया
ब्रह्म अस्त्र तेहि साँधा कपि मन कीन्ह बिचार।
जौं न ब्रह्मसर मानउँ महिमा मिटइ अपार ॥19॥
मेघनाद अनेक अस्त्र चलाकर थक गया,तब उसने ब्रम्हास्त्र चलाया-उसे देखकर हनुमानजी ने मन मे विचार किया कि इससे बंध जाना ही ठीक है क्योंकि जो मै इस ब्रम्हास्त्र को नहीं मानूंगा तो इस अस्त्र की अपार और अद्भुत महिमा घट जायेगी ॥19॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

मेघनाद हनुमानजी को बंदी बनाकर रावणकी सभा में ले जाता है
ब्रह्मबान कपि कहुँ तेहिं मारा।
परतिहुँ बार कटकु संघारा॥
तेहिं देखा कपि मुरुछित भयऊ।
नागपास बाँधेसि लै गयऊ॥
मेघनाद ने हनुमानजी पर ब्रम्हास्त्र चलाया,उस ब्रम्हास्त्र से हनुमानजी गिरने लगे तो गिरते समय भी उन्होंने अपने शरीर से बहुतसे राक्षसों का संहार कर डाला॥जब मेघनाद ने जान लिया कि हनुमानजी अचेत हो गए है,
तब वह उन्हें नागपाश से बांधकर लंका मे ले गया॥

हनुमानजी ने अपने आप को क्यों ब्रह्मास्त्र में बँधा लिया?
जासु नाम जपि सुनहु भवानी।
भव बंधन काटहिं नर ग्यानी॥
तासु दूत कि बंध तरु आवा।
प्रभु कारज लगि कपिहिं बँधावा॥
महादेवजी कहते है कि हे पार्वती! सुनो,जिनके नाम का जप करने से ज्ञानी लोग भवबंधन को काट देते है
(जिनका नाम जपकर ज्ञानी और विवेकी मनुष्य संसार अर्थात जन्म मरण के बंधन को काट डालते है)॥उस प्रभु का दूत (हनुमानजी) भला बंधन में कैसे आ सकता है?परंतु अपने प्रभु के कार्य के लिए हनुमान् जी ने स्वयं अपने को बँधा लिया॥

हनुमानजी रावण की सभा देखते है
कपि बंधन सुनि निसिचर धाए।
कौतुक लागि सभाँ सब आए॥
दसमुख सभा दीखि कपि जाई।
कहि न जाइ कछु अति प्रभुताई॥
हनुमानजी को बंधा हुआ सुनकर सब राक्षस देखने को दौड़े और कौतुक के लिए सब सभा मे आये॥हनुमानजी ने जाकर रावण की सभा देखी,तो उसकी प्रभुता और ऐश्वर्य किसी कदर कही जाय ऐसी नहीं थी॥

रावण की सभा का वर्णन
कर जोरें सुर दिसिप बिनीता।
भृकुटि बिलोकत सकल सभीता॥
देखि प्रताप न कपि मन संका।
जिमि अहिगन महुँ गरुड़ असंका॥
तमाम देवता और दिक्पाल बड़े विनय के साथ हाथ जोड़े सामने खड़े
उसकी भ्रूकुटी की ओर भय सहित देख रहे है॥यद्यपि हनुमानजी ने उसका ऐसा प्रताप देखा,परंतु उनके मन में ज़रा भी डर नहीं था।हनुमानजी उस सभा में राक्षसों के बीच ऐसे निडर खड़े थे कि जैसे गरुड़ सर्पो के बीच निडर रहा करता है॥
आगे मंगलवार को .....,
श्री राम,जय राम,जय जय राम 🙏

विष्णु सहस्रनाम( एक हजार नाम) आज 766 से 777 नाम 
766 चतुर्बाहुः जिनकी चार भुजाएं हैं
767 चतुर्व्यूहः जिनके चार व्यूह हैं
768 चतुर्गतिः जिनके चार आश्रम और चार वर्णों की गति है
769 चतुरात्मा राग द्वेष से रहित जिनका मन चतुर है
770 चतुर्भावः जिनसे धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष पैदा होते हैं
771 चतुर्वेदविद् चारों वेदों को जानने वाले
772 एकपात् जिनका एक पाद है
773 समावर्तः संसार चक्र को भली प्रकार घुमाने वाले हैं
774 निवृत्तात्मा जिनका मन विषयों से निवृत्त है
775 दुर्जयः जो किसी से जीते नहीं जा सकते
776 दुरतिक्रमः जिनकी आज्ञा का उल्लंघन सूर्यादि भी नहीं कर सकते
777 दुर्लभः दुर्लभ भक्ति से प्राप्त होने वाले हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड 🙏
दोहा – 19

मेघनाद ने ब्रम्हास्त्र चलाया
ब्रह्म अस्त्र तेहि साँधा कपि मन कीन्ह बिचार।
जौं न ब्रह्मसर मानउँ महिमा मिटइ अपार ॥19॥
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