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mamta jaiswal

#प्रेम का बदलता स्वरूप

#प्रेम का बदलता स्वरूप #कविता

48 Views

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Sachin Pathak

Alone  मेरे घर का इन्कलाब तेरे घर तक जरूर आएगा,
आज नहीं तो कल, तू शहादत का कर्ज जरूर चुकाएगा,
ओ, मेरे भगत अगर आज घर बैठा रहा तो,
इक्कीसवीं सदी का असली इन्कलाब तू निभाएगा,
......... इन्कलाब का बदलता स्वरूप

इन्कलाब का बदलता स्वरूप #Shayari

14 Love

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District Secretary AISA

दंगा का स्वरूप बदलता हुआ ?

दंगा का स्वरूप बदलता हुआ ?

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Ek villain

पृथ्वी की सतह हमारे ग्रह की त्वचा की तरह काम करती है यह समस्त भौतिक रासायनिक और जैविक प्रणाली को जोड़ती है इस सर्वे के निरंतर विकसित होने की प्रक्रिया में समय के साथ भू दृश्य बदल जाते हैं इन सभी परस्पर क्रियाओं का परिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है फिर भी के भूषण प्लांट लाखो वर्ष में कैसे विकसित हुए यह जानना हमारे लिए काफी उपयोगी हो सकता है इन परिस्थितियों को पुनः नियमित कर हम अपने ग्रह के बदलते आकार जलवायु टेक्टोनिक्स जैसी चीजों के अंतर को ज्यादा बेहतर ढंग से समझ सकते हैं जिससे हमें जय विविधता के विकास का भी सुराग मिल सकता

©Ek villain
  #Oscar पृथ्वी के बदलते स्वरूप का अध्ययन

#Oscar पृथ्वी के बदलते स्वरूप का अध्ययन #Society

27 Views

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Heaven Writter

बदलते वक्त का मैं बदलता इंसान हूं

#poetryunplugged

बदलते वक्त का मैं बदलता इंसान हूं #poetryunplugged #कविता

5,540 Views

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Heaven Writter

बदलते वक्त का मैं बदलता इंसान हूं,
मुसीबतों से थका हरा मैं परेशान हूं।
खुद को रोज समझता और समझाता
मैं खुद से प्रेरित बदलता इंसान हूं ।
कल जो हुआ उसे याद कर कल की 
चिंतन में सबाबोर न होने वाला 
भविष्य को बेहतर बनाने के प्रयास में जुड़ा
बदलता वक्त का मैं बदलता इंसान हूं।
रास्ते की बिन प्रवाह किए मंजिल को पाने की जिद्द लिए 
मैं अडिग अचल एक पथ पकड़े चलता मैं बदलता इंसान हूं ।
तानो की गूंज, गालियों का मार खाता 
स्वार्थी निर्लज निठल्ला बस खुद का सोचता 
मैं बदलते वक्त का उदाहरण देता बदलता इंसान हूं।
शायद पूरी होने वाली ख्वाबों का पिटारा लिए 
खुली आंखों से ख्वाब सजाता 
मैं ख्वाबों में खोया इंसान हूं ।
मैं बदलते वक्त का बदलता इंसान हूं। 
भावनाओं से बिन भयभीत हुए 
उसे भीतर दबाए इस्तेमाल करता 
मैं भावनामुक्त बदलता इंसान हूं ।
मिथ्य धैर्य किए धन की मानवकांक्षा लिए
मैं लोभी प्रतीत होता 
बदलते वक्त का बदलता इंसान हूं ।
खुद को राज बनाएं गुमनामों की महफिल में शामिल
 औरों से बेहतर व पृथक साबित करता 
सबको जलाते बुझाते 
मैं बदलते वक्त का बदलता इंसान हूं ।

                   
       @heaven_writter संस्करण में सामिल एक और उलझी सुलझी कविता "बदलते वक्त का बदलता इंसान".
आप सभी इस नई कविता को अपना स्नेह दे।
बाकी सब राधे राधे 🙏

©Satyam Kr Singh बदलते वक्त का मैं बदलता इंसान हूं ।

#dawnn

बदलते वक्त का मैं बदलता इंसान हूं । #dawnn #कविता

11 Love

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pravahini

वक्त की गुहार है
बदल रहा इंसान है
बदलते वक्त की 
यही पहचान है बदलता  वक्त
बदलते लोग

बदलता वक्त बदलते लोग

3 Love

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CK JOHNY

बदलता मौसम बदलते लोग
इम्युनिटी  कम भावुकता अधिक हो 
तभी व्याप्ता है रोग।
एहतियात बरतें जनाब,
नहीं तो होंगे खराब।  बदलता मौसम बदलते लोग

बदलता मौसम बदलते लोग

0 Love

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Kunwar NP Rajput

मौसम बदलते वक्त बदलता

मौसम बदलते वक्त बदलता #शायरी

67 Views

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CK JOHNY

बदलते मौसम की तरह जिंदगी में आए कुछ लोग 
दिल में ठहरे और चले गए लगा के प्रेम का रोग।  बदलता मौसम बदलते लोग

बदलता मौसम बदलते लोग

0 Love

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Mahaveer Kumar

मौसम गर्मियों से तब, बरसात आ रहा था, 
   हमें क्या पता कि, ज़िन्दगी में कोई खास आ रहा था। 
मुलकात भी कुछ यू हुई थी हमारी
उस दिन पुस्तकालय से वो तो किताबें ले रहे थे,
 शायद तभी हम उसे ये दिल दे गए थे। 

देखते उसे सामने, तो धड़कन बढ़ जाती।
 गर न देखते उसे तो आफ़त आ जाती। 
चीजें मेरे साथ ये रोज हो रही थी, मुझको भी लगा वो यहि सोच रही थी। 
सेल्फ़ी के बहाने हम उसकी तस्वीर ले रहे थे, 
साथ जिसमें अपने कमीने यार दे रहे थे। 

मौसम बरसात से सर्दियाँ आ गयी थी,
और साथ में हमारे वो तस्वीर आ गयी थी। 
कहा था यारों ने भाई अब तो इज़हार कर, हमने कहा मेरे यार थोडा़ और  इंतज़ार कर। 
दौरान इस सबर के होली भी आया,
 मैंने ही उस पर पहला रंग लगाया। 

मौसम सर्दियों का गर्मियों में बढ़ रहा था,
साथ में मेरा इंतज़ार बढ़ रहा था। 
लगा था हमें कुछ ऐसा, कि जाकर अब इज़हार करू, 
आसान सोचकर निकला था जिस बात को, 
पर कर नहीं पाया मैं इज़हार उस बात को। 

दिन भी निकला शाम भी निकला इस बात को सोचने में, 
हमारे डर ने भी  कोई कमी न छोडी हमें रोकने में। 
अब तो पेडों पर काफल भी पक चुके थे, 
शायद वो भी हमारी हरकतों से  पक चुके थे। 

मौसम गर्मियों से फिर बरसात आ गया था, 
तब भी मैं उसे इज़हार न कर   पाया था। 
निकला एक दिन साहस करके अब तो मैं इज़हार करूँगा, 
सोच रहा था दिल में उससे अपने दिल की बात करूँगा। 

और कहा भी था मैंने उसे बात सुनने को, 
वो तनिक भी न रुकी हमें सुनने को। 
फिर आयी एक ऐसी मनहूस शाम,
 जब हुआ मेरे इश्क़ का कत्ले-आम। 

बेताब थे हम तो उसकी हा सुनने को, 
वो कह गई मिलता रहेगा तुम्हें ना  सुनने को। 
सपने मेरे उस दिन चकनाचूर हो गये, 
अंदर ही अंदर हम खूब रो गये। 

मौसम बरसात से फिर सर्दियाँ हो गयी थी, 
जगाकर हमें रातों वो सुकून से  सो रही थी। 
एकतरफा मेरा प्यार मुझे कुछ यूँ कह गया, 
देने वाला वो यादें तो दे गया। बदलता मौसम-बदलते लोग

बदलता मौसम-बदलते लोग #कविता

5 Love

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Diwan G

इंसान ना बदले, तो सब मुनासिब होता है।
रास्ता तो कहीं ना कहीं, बदल ही जाता है।। #NojotoQuote बदलते लोग, बदलता दौर।

बदलते लोग, बदलता दौर।

8 Love

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Siddharth Singh

मन की शांति बदलते लोग, बदलते रिश्ते
 और बदलता मौसम, 
चाहे दिखाई ना दे
 मगर महसूस जरूर होते है.




 #NojotoQuote बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,

बदलते लोग, बदलते रिश्ते और बदलता मौसम,

5 Love

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bharat dixit

अंधेरा 
कभी हमारे लिए डर था
आज हमारे लिए सुकून है 
कभी अंधेरे मे खेलने के लिए छिपते थे 
की कोई हमे ढूंढ ना पाए
आज अंधेरे मे छिपते है 
कि कोई हमे रोता ना देख पाए। 

अंधेरा 
शब्द वही है मायने बदल गए।  अंधेरा 
कभी सुकून 
कभी व्यथा 
बदलता जीवन 
बदलती प्रथा 
बढती उम्र 
बदलते मायने।

अंधेरा कभी सुकून कभी व्यथा बदलता जीवन बदलती प्रथा बढती उम्र बदलते मायने।

0 Love

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Vandana

बचपन के वो दिन पुराने मकान में ढूंढती हूं। 
जंक खाए तालों में वो मासूमियत ढूंढती हूं। 
धूल खाई तस्वीरों अपने निशां ढूंढती हूं। 
वह आंगन जो कभी था मिट्टी का 
अब कंक्रीट पत्थर से सजा है।
वह नादान बचपन ढूंढती हूं।
जहां चारों तरफ दिखती थी
हरियाली खेत खलियान ।
अब मकान ही मकान।
वह सुकून ए चैन ढूंढती हूं।
वो रिश्ते जो प्यार लुटाते थे
हमको सरआते थे बाहों में 
हमें थाम लेते थे। 
आज वह दौलत के गुरूर में हैं।
उनकी आंखों में अपना  
वह अतीत वह पलछिन ढूंढती हूं। "बदलता दौर,, "बदलते हालात,, "बदलती विचारधाराएं,,,,,
#childhood #lovenature 
#lifechangingquotes 
#changesinlife #yqdidi 
#amazing #writer 
#

"बदलता दौर,, "बदलते हालात,, "बदलती विचारधाराएं,,,,, #Childhood #loveNature #lifechangingquotes #changesinlife #yqdidi #Amazing #writer # #WritingSoul

0 Love

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REETA LAKRA

ज़िंदगी नहीं मिलती दोबारा 
वक्त बदलने के लिए 

वक्त को हम पहचानते नहीं  
ज़िंदगी बदलने के लिए 
२०/३६५@२०२१  वक्त बदलता है, मौसम बदलता है, जिंदगी बदलती है, हालात बदलते हैं, सब कुछ तो बदलता है, बस एक मौत से रिश्ता कभी नहीं बदलता।
#जिंदगी yreeta-lakra

वक्त बदलता है, मौसम बदलता है, जिंदगी बदलती है, हालात बदलते हैं, सब कुछ तो बदलता है, बस एक मौत से रिश्ता कभी नहीं बदलता। #जिंदगी yreeta-lakra

0 Love

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Nishant Gupta

ज़िन्दगी बदलती नही वक़्त बदलता नही ।

ज़िन्दगी बदलती नही वक़्त बदलता नही । #कविता

57 Views

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Håx Xï

हस्ता मुस्कुराता बिन फिकर..
काश आज भी सेहलती माँ जब भी दुखता सर... 
पर, अब डर की दीवारे कुचले मन.., जहर उगले लोग, लगे साप के फन.

©Håx Xï बदलता वक़्त बदलते जसबात
#maa
#purane_din

बदलता वक़्त बदलते जसबात #maa #PURANE_DIN

9 Love

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somnath gawade

शालेय जीवनात
"मी मुख्यमंत्री झालो तर"..
हा निबंध नसता तर
आज हा सत्तासंघर्ष
उद्भवलाच नसता. #निबंध
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YOGESH SINGH

निबंध

निबंध #कविता

68 Views

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Simran Kashyap

अब मैं जरूरी नही किसी के लिए.. 
पर खुश हूं उस वक़्त को याद कर
कि मैंने कभी किसी को  खुद से अलग नही किया..
लोग बदले, वक़्त बदला,और  जज्बात भी बदल गए

©Simran Kashyap बदलती दुनिया बदलते रिश्ते बदलते हम
#Smile

बदलती दुनिया बदलते रिश्ते बदलते हम #Smile #Life

8 Love

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लेखक ओझा

इतिहास भी परिहास बना है
क्या इसमें भी शंका है?
तो क्यों न रखे मजबूत
अपने आधारों को 
जिस पर खड़ी हमारी लंका है।

©लेखक ओझा जीवन के बदलते स्वरूप और अस्तित्व

जीवन के बदलते स्वरूप और अस्तित्व #Thoughts

11 Love

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Rajni kant dixit

गुजरते वक्त के साथ संगीत भी बदलता नजर आया
लता,रफी ,कुमार सानू का दौर फिर ना नजर आया
बहुत से संगीत सुनें बदलते दौर के साथ
मगर किसी के लफ्जों में पुराना दौर ना नजर आया
rajnikantdixit बदलते दौर के संगीतभी बदलता नजर आया

बदलते दौर के संगीतभी बदलता नजर आया

7 Love

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शुभी

तन मन धन 
एक ज़माना था 

धन धन धन
एक ज़माना है बदलता दौर बदलते नज़रिए.

#yqbaba #dimri #yqdidi

बदलता दौर बदलते नज़रिए. #yqbaba #Dimri #yqdidi

0 Love

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Hasanand Chhatwani

ये जो तुमने अपना अंदाज़ बदला है
वाकई में बदला है ...
या
फिर किसी बात का "बदला" है ##अंदाज ##बदलना ##बदला लेना ##

#अंदाज #बदलना #बदला लेना ##

4 Love

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उपकार वर्मा

हां सूरत-ए-हाल बदलते हैं
कल और आज बदलते हैं
बदलते हैं मौसम-ए-हालात
लोगों के जज्बात बदलते हैं
बदलती रहती हैं तारीखें
साल दर साल बदलते हैं
बदलते हैं दिल में बसे लोग
आंखों के राज बदलते हैं 
बदलती हैं हवाएं , लहरें
रंग-ए-आसमान बदलते हैं
बदलता है लोगों का लहजा
लोग अपनी जुबान बदलते हैं
बदलता रहता है पहनावा
लिबाज़ दर लिबाज़ बदलते हैं
बदल लेते हैं अपना सलीका
लोग अपना घर द्वार बदलते हैं
बदलना जायज़ है हर किसी का
हम भी उम्र दराज बदलते हैं
हां सूरत-ए-हाल बदलते हैं
कल और आज बदलते हैं
हां बदल जाते हैं सारे लोग
हम और आप बदलते हैं।

उपकार वर्मा हां सूरत-ए-हाल बदलते हैं
कल और आज बदलते हैं
बदलते हैं मौसम-ए-हालात
लोगों के जज्बात बदलते हैं
बदलती रहती हैं तारीखें
साल दर साल बदलते हैं
बदल

हां सूरत-ए-हाल बदलते हैं कल और आज बदलते हैं बदलते हैं मौसम-ए-हालात लोगों के जज्बात बदलते हैं बदलती रहती हैं तारीखें साल दर साल बदलते हैं बदल #कविता

8 Love

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hardev Singh

सूरज का स्वभाव है
जग को रौशन करना
मगर
मनुष्य का स्वभाव उसकी
सोच पर निर्भर करता है
क्योंकि
उसे दो रास्ते मिलते हैं
एक सुधरना दूजा बिगड़ना
यह उसके चुनाव पर
निर्भर करता है

©hardev Singh
  जीवन का स्वरूप

जीवन का स्वरूप #विचार

27 Views

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उमाकान्त तिवारी 'प्रचण्ड'

।।चाहत का स्वरूप ।।

।।चाहत का स्वरूप ।।

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