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Firdous Khan
ज़ख्म खाते खाते छोड़ा साथ दम ने माज़रत इश्क़ करने की ख़ता कर ली थी हमने माज़रत सर पटक कर चीख़ता है दर्द मेरा हर घड़ी देख मुझको कह दिया है खुद ही ग़म ने माज़रत -फ़िरदौस माज़रत
Anita Saini
उनकी नफ़रतों का सिला हमनें मुह़ब्बत से दिया...! इस गुनाह की माज़रत क्या करे...? हक़ ए फ़ैसला भी उन्हें सौंप दिया...!!! #AnitaSainiAS #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqurdu #नफरत #मुहब्बत #माज़रत माज़रत-माफ़ी
पागल_ग्वार
मन्दिर मस्जिद तो एक बहाना है,, *ज़हीर* अपने गुनाहों की माज़रत का बस,, ज़रिया बनाना है.... @जम्मू..!! माज़रत (माफी) #नोजोतो #शायरी #नोजोतोहिन्दी #जमशीद #शेर #कोट्स
Sangeeta Patidar
जिनके इरादों में नेकी की जोत, उनमें होती है बरकत, चरित्र बिना ज्ञान ख़तरनाक, हिसाब रखती है कुदरत। अहंकार होता नहीं शक्ति, बनता है मन की कमज़ोरी, जैसा भाव होगा मन का, वैसी ही हो जाती है हरक़त। रूप से पहचान नहीं, पहचान ऐसी जो रूप कहलाए, किसी के लिए की अच्छाई हमारी बन जाती है नेमत। एक दिन दस गुना हो लौट के आती है की हुई भलाई, मतलब के लिए की गयी सही बात भी होती है ग़लत। छीन-झपट के घर अपना ख़ुशियों से भरता नहीं 'धुन', अंत में रब के दर पर भी, क़ुबूल नहीं होती है माज़रत। माज़रत- Apology Rest Zone 'चरित्र के बिना ज्ञान ख़तरनाक' #restzone #rztask292 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #rzhind
@thewriterVDS
आज वक़्त बेवक़्त तुम्हारी याद आती रही मैंने चाहा कहीं एक कोने में रखूं उसे पता था मसरूफ़ थे तुम कहीं तुम्हें कनिश्त है माना मैंने इस खयालात को अ़कीद भी की है यह कोई ज़राफ़त नही जो मैं इसे ज़राफ़तन लहजे में कह रहा हूं मैं एक नया आशिक है ठहरा नया ही सही मगर मैं सलफ़ भी था अभी भी हूं गर लफ़्ज हो मेरी ढही तो मेरी माज़रत कबूल करना तुम सही। आज वक़्त बेवक़्त तुम्हारी याद आती रही मैंने चाहा कहीं एक कोने में रखूं उसे पता था #मसरूफ़ (व्यस्त) थे तुम कहीं तुम्हें #कनिश्त (मंदिर) है मा
Vaseem Akhthar
आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। ये वतन है हम बंजारों का, दमकते चाँद सितारों का, तरानों की बहारों का, सुख़न के शादमानों का, गुलों का और गुलज़ारों का, जन्नत के हसीं नज़ारों का गांधी का और ग़फ़ूर का, अज़ीम ऐसे कई किरदारों का। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। यहां सुबह बुलबुल का चहचहाना, यहां रात जुगनुओं का टिमटिमाना, यहाँ नाचते मोर का थरथराना, यहाँ महकी हवाओं का लहलहाना, यहाँ फूलों पे भंवरों का सरसराना, यहाँ तोते से मैना का फुसफुसाना, यहाँ जंगल में कोयल का गुनगुनाना, यहाँ के नज़ारों से दिलों का जगमगाना। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। ग़रीब भी हैं, अमीर भी हैं, ख़ुदा के अज़ीज़ फ़कीर भी हैं, हिंदू भी हैं मुस्लिम भी हैं, सिख ईसाई, बुध जैन भी हैं कार भी हैं, बेकार भी हैं, इक दूजे के ग़म-ख़वार भी हैं लड़ते और झगड़ते भी हैं, गले लग के सब कुछ बिसरते भी हैं।। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। सूरज= India शुआएं= (किरणें)India के अलग अलग रहन सहन के लोग जो दुनिया भर में फैले हुए हैं। फबन= ख़ूबसूरती बंजारे= एक पहाड़ी जाती जो अपने माटी
Vaseem Akhthar
आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। ये वतन है हम बंजारों का, दमकते चाँद सितारों का, तरानों की बहारों का, सुख़न के शादमानों का, गुलों का और गुलज़ारों का, जन्नत के हसीं नज़ारों का गांधी का और ग़फ़ूर का, अज़ीम ऐसे कई किरदारों का। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। यहां सुबह बुलबुल का चहचहाना, यहां रात जुगनुओं का टिमटिमाना, यहाँ नाचते मोर का थरथराना, यहाँ महकी हवाओं का लहलहाना, यहाँ फूलों पे भंवरों का सरसराना, यहाँ तोते से मैना का फुसफुसाना, यहाँ जंगल में कोयल का गुनगुनाना, यहाँ के नज़ारों से दिलों का जगमगाना। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। ग़रीब भी हैं, अमीर भी हैं, ख़ुदा के अज़ीज़ फ़कीर भी हैं, हिंदू भी हैं मुस्लिम भी हैं, सिख ईसाई, बुध जैन भी हैं कार भी हैं, बेकार भी हैं, इक दूजे के ग़म-ख़वार भी हैं लड़ते और झगड़ते भी हैं, गले लग के सब कुछ बिसरते भी हैं।। आओ मेरी नज़र से मेरा वतन देखो। सूरज और शुआओं की फबन देखो।। सूरज= India शुआएं= (किरणें)India के अलग अलग रहन सहन के लोग जो दुनिया भर में फैले हुए हैं। फबन= ख़ूबसूरती बंजारे= एक पहाड़ी जाती जो अपने माटी