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Amit Singhal "Aseemit"
हमेशा अपनी समझदारी के दरवाज़े को रख खोल, किसी से कुछ भी बोलना हो तो तोल मोल के बोल। लोग मुंह से निकली बातों के निकालते कई मतलब, बात कुछ और होती, उसका मतलब निकले अजब। ©Amit Singhal "Aseemit" #तोल #मोल #के #बोल
arvind bhanwra
Songs and Lyrics songs and lyrics has effects on over life if songs sweet,lyrics meaningful, life goes named 'alive forever arvind bhanwra '. गीत ओर बोल
मोहम्मद मुमताज़ हसन
मत बोल मत बोल मत बोल रोटी आलू प्याज़ भी है गोल आधा पुल आधी आधी पोल मत बोल मत बोल मत बोल सोना हुआ तेल रुक गई रेल खा गई अंग्रेजी बच्चों का खेल बज रहा घर घर पैसे का ढोल मत बोल मत बोल मत बोल आग मिट्टी पेड़ पानी और हवा गरीबों की लूट ली गई ये दवा झूट कैसे होता है सच देख ले बिकता हुआ अखबार खोल तेरे बाग़ का तो गुलाब टूटा यहाँ आँखों का ख़्वाब टूटा हो गई मुहब्बत भी बेमोल मत बोल मत बोल मत बोल रौशनी तमाम अंधेरी हो गई पत्थरों की सूरत है नई नई भाई भाई में फूट बढ़ रही है ऐ सियासत ज़हर कम घोल मत बोल....... दहशत दर्द और खड़ी दीवार के बेवफ़ा ही तो है वफ़ादार ख़ूब फूले फलेगा आगे बढ़ेगा लुटेरों के आगे पीछे और डोल मत बोल मत बोल मत बोल नदीम हसन चमन ©मोहम्मद मुमताज़ हसन # मत बोल #गीत
Shiv Narayan Saxena
प्यार के ऑफर केलिए सबसे बढ़िया गाना कौन-सा होगा? 😆कृपया गीत के बोल suggest करें.😆 ©Shiv Narayan Saxena 😂 कृपया गीत के बोल suggest करें. 😂
pearls of shayari
ज़िंदगी का गीत ओ मेरे मन-मीत सुनो! मेरी जिंदगी का गीत सुनो।। हवाओं में भेजी मेरी प्रीत सुनो। तुम बन चुके हो मेरी रीत सुनो।। मौत से नहीं मैं भयभीत सुनो। जिंदगी हार दूँ, तुम हो मेरी जीत सुनो।। ओ मेरे मन-मीत सुनो! मेरी जिंदगी का गीत सुनो।। #जिंदगी #गीत #जिंदगीकागीत #प्रीत #मनमीत #रीत #भयभीत #जीत
sampankaj 64
रीत बदल गयी, नीत बदल गयी देख पंकज ... इंसान की इंसान से प्रीत बदल गयी... बाप की खाट बदल गयी... मां की वो आंचल वाली साल बदल गयी... भाई बहन का प्यार बदल गया। रीत बदल गयी, नीत बदल गयी देख पंकज ... वो नीम की छांव, एसी कूलर में बदल गयी... रिश्तेदारो की चाय अब कोल्ड ड्रिंक में बदल गई... चिट्ठियों का संदेश, ई-मेल में बदल गया... पकड़-पकड़ाई, छिप-छिपाई का खेल, पब्जी, कैंडी-क्रश में बदल गया। रीत बदल गयी, नीत बदल गयी देख पंकज ... माटी के मांडने वाले घर, कांच के मकान में बदल गए... मटकी की खांड छाछ, पिज्जा बर्गर में बदल गई... घुड़ की भेली, क्रीम रोल हो गई। रीत बदल गयी, नीत बदल गयी देख पंकज ... बुजुर्गों की बीड़ी, नौजवानों की अफ़ीम चरस हो गई... गांव के चौक में चरी गोमाता, चरागाह में भी भूखी सो गई... संध्या को लोटती ढोर भी खो गई... देख पंकज ... रीत बदल गयी, नीत बदल गयी... इंसान की इंसान से प्रीत बदल गयी। ©sampankaj 64 #NightRoad रीत बदल गई नीत बदल गई....