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प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना। विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥ अर्थात- प्रचण्ड बड़वानल की भांति पापों को भस्म करने में स्त्री स्वरूपिणी अणिमादिक अष्ट महासिद्धियों तथा चंचल नेत्रों वाली देवकन्याओं से शिव विवाह समय में गान की गई मंगलध्वनि सब मंत्रों में परमश्रेष्ठ शिव मंत्र से पूरित, सांसारिक दुःखों को नष्ट कर विजय प्राप्त करें,! ll🌸ll ॐ नमः शिवाय ll🌸ll __________________________________________________ प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी महा
Manku Allahabadi
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारिणी। महाष्टसिद्धि कामिनी जनावहूत जल्पना। विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः। शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्।।१५।। बड़वानल (समुद्र की अग्नि) की भांति पापों को भस्म करने में स्त्री स्वरूपिणी अणिमादिक अष्ट महासिद्धियों और चंचल नेत्रों वाली देवकन्याओं से शिव विवाह समय में गान की गयी मंगल ध्वनि सब पर मन्त्रों में श्रेष्ठ शिव मन्त्र से परिपूर्ण होकर हम सांसारिक दुखों को नष्ट कर विजय पाएं। शिव तांडव स्त्रोत (श्लोक -15) ©Manku Allahabadi शिव तांडव स्त्रोत (भाग-15) ..................................................... प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारिणी। महाष्टसिद्धि कामिनी जनाव
Vikas Sharma Shivaaya'
प्रथमे शैलपुत्री च द्वितीये ब्रह्मचारिणी, तृतीये चन्द्रघण्टेति, कूष्माण्डेति चतुर्थकम् पंचमम् स्कन्धमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च, सप्तमम् कालरात्रिति महागौरीति चाष्टकम्, नवमम् सिद्धिदात्री च, नवदुर्गा प्रकीर्तिता। 🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹 नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां ने पृथ्वी को असुरों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए अवतार लिया था-मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं,मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था-इसके चलते इन्हें अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है। मां सिद्धिदात्री को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, वाशित्व, सर्वकामावसायिता, सर्वज्ञत्व, दूरश्रवण, परकायप्रवेशन, वाक्सिद्धि, कल्पवृक्षत्व, सृष्टि, संहारकरणसामर्थ्य, अमरत्व, सर्वन्यायकत्व, भावना और सिद्धि नाम से पुकारा जाता है। मां कमल पुष्प पर आसीन हैं। इनका वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री का मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' प्रथमे शैलपुत्री च द्वितीये ब्रह्मचारिणी, तृतीये चन्द्रघण्टेति, कूष्माण्डेति चतुर्थकम् पंचमम् स्कन्धमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च, सप्तमम्
मुंशी पवन कुमार साव "शत्यागाशि"
मनुज की अभिलाषा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नहीं चाहिए निधि एक भी, सिद्धियों को भी रहने दो। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ÷÷÷÷÷÷÷ ÷÷÷ ÷ 👇 ( Full in Caption ) #desires #freedom #aazadi #shatyagashi मनुज की अभिलाषा ~~~~~~~~~~~ बांध दो तन को मेरे, पर मन आज़ाद रहने दो। मैं भी इंसा हूँ शायद दिल की बातो
Sonu Goyal
Vikas Sharma Shivaaya'
नमस्कार मित्रों , मैं कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के ऊपर एक पुस्तक लिख रहा हूँ ,आप -आपके परिचित जो भी कश्मीर से तालुकात रखते हों ,कृपया मुझे व्यक्तिगत मैसेज करें ,आगामी वार्तालाप हेतु ... 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 हिंदू धर्म में मान्यता है कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने प्रभु श्री राम के रूप में धरती पर अपना सातवां अवतार लिया था- तब से इस तिथि को भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है..., कबीर साहेब जी आदि राम की परिभाषा बताते है की आदि राम वह अविनाशी परमात्मा है जो सब का सृजनहार व पालनहार है- जिसके एक इशारे पर धरती और आकाश काम करते हैं जिसकी स्तुति में तैंतीस कोटि देवी-देवता नतमस्तक रहते हैं। जो पूर्ण मोक्षदायक व स्वयंभू है..., "एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट घट में बैठा, एक राम का सकल उजियारा, एक राम जगत से न्यारा"।। नवरात्र के दिन मां दुर्गा का स्वरूप:मां सिद्धिदात्री माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं- ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं..., कमल पर विराजमान चार भुजाओं वाली मां सिद्धिदात्री लाल साड़ी में विराजित हैं- इनके चारों हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमल रहता है,सिर पर ऊंचा सा मुकूट और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है.. , मंत्र:'ॐ सिद्धिदात्र्यै नम:।' भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही 8 सिद्धियों को प्राप्त किया था-इन सिद्धियों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व शामिल हैं- इन्हीं माता की वजह से भगवान शिव को अर्द्धनारीश्वर नाम मिला, क्योंकि सिद्धिदात्री के कारण ही शिव जी का आधा शरीर देवी का बना-हिमाचल का नंदा पर्वत इनका प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है- मान्यता है कि जिस प्रकार इस देवी की कृपा से भगवान शिव को आठ सिद्धियों की प्राप्ति हुई ठीक उसी तरह इनकी उपासना करने से अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है.. , श्लोक: सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमसुरैरपि | सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी || Affirmations: 91-मै अपने अतीत को आसानी से छोड देता हूं और जीवन की प्रक्रिया पर विश्वास करता हूं... 92-मैं ठीक हूँ और बहुत अच्छा अनुभव कर रहा हूँ... 93-मैं प्रेम से प्रेरित हूँ ... 94-मेरे पास परिवर्तन करने की शक्ति है ... 95-मैं अपने अतीत के कड़वेपन को मुक्त कर देता हूँ और स्वयं को क्षमा करता हूँ ... बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' नमस्कार मित्रों , मैं कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के ऊपर एक पुस्तक लिख रहा हूँ ,आप -आपके परिचित जो भी कश्मीर से तालुकात रखते हों ,कृपया मुझे
Alok Vishwakarma "आर्ष"
जन्मदिन के शुभ अवसर पर भेंट स्वरूप 108 पंक्तियों की यह अनिर्वचनीय व अनुपम कविता "Happy Birthday Dear Vanila" प्रखर जगती के हित अवकाश में, तिमिर अज के निमित आकाश में । पहर प्रगति के ऋत्य प्रकाश में, उदय रश्मि सवित निशि न