Find the Latest Status about दुर्घटना में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दुर्घटना में.
vishal dhoni 7
Pooja Arora
किसे मालूम था कि जो चले गए आज उनकी यह आखिरी शाम थी । घर से निकले थे दो पल परिवार संग खुशियां बटोरने के लिए मन में उमड़ते श्रद्धा के फूल अपने आराध्य देव को समर्पित करने के लिए । किसे मालूम था कि घर वापिसी नहीं होगी होगी तो बस अनंत की एक शुरुआत होगी । यह post उन सभी लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि जिन्होंने आज गुजरात पुल दुर्घटना में अपनी जान गवाई । भगवान शिव उन सभी आत्माओं को शांति प्रदान करे
Mularam Bana
चौहटन हिल स्टेशन दुर्घटना में शहीद सैनिकों को श्रधांजलि नमन् 🌷🌷🌷 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 चौहटन हिल स्टेशन दुर्घटना में शहीद सैनिकों को श्रधांजलि नमन् बहुत दुखद घटना चौहटन में पहाड़ी पर चढ़ता सेना का ट्रक पलटा दो की मौत हो गई 6 गं
Ashish Mishra
कोई बताए मुझे। जो अपनों से दूर हो गए उन्हें वापस, कैसे लाएं कोई बताये मुझे जो खुशियाँ कहीं छूट गई उन्हें कैसे, समेट लाएं कोई बताएं मुझे। जिन बच्चों की किलकारियां कहीं गुम हो गई, उन बच्चों को दोबारा हँसाऊं कैसे कोई बताये मुझे। आज एक और हृदय विदारक दुर्घटना में बीस से अधिक मज़दूरों के प्राणों की क्षति हुई। कभी-कभी जीवन की अनिश्चितता मन को ग्रसित कर देती है। अनहोनी की
Anil Sharma
चल निकले हैं वो घर की ओर, भुखे रह रहे थे इनके अपने, इनके सिवा उनकी सोचेगा कौन, सपने बिखरे कुछ इस तरह, इनके दर्द को समझेगा कौन, मिलने की चाहत थी अपनों से, आंखें तरस रही थी उनकी झलक पाने में, हुई राह में एक अनहोनी कुछ ऐसे, उन राह तकती आँखों के आँसु रोकेगा कौन।। आज एक और हृदय विदारक दुर्घटना में बीस से अधिक मज़दूरों के प्राणों की क्षति हुई। कभी-कभी जीवन की अनिश्चितता मन को ग्रसित कर देती है। अनहोनी की
अखिलेश यादव
फूलों की जब तुम बात करो काँटों की भाषा बोले कौन होती है जब जब बात तेरी मन मुख मेरा हो जाता मौन न जाने कैसा डर है मन मे इस अनहोनी को रोके कौन आज एक और हृदय विदारक दुर्घटना में बीस से अधिक मज़दूरों के प्राणों की क्षति हुई। कभी-कभी जीवन की अनिश्चितता मन को ग्रसित कर देती है। अनहोनी की
शायरशर्मा
कोई हाथ ही बढ़ा दो उस गरीब के लिए पर वो गरीब है हाथ बढ़ाए कौन? आज एक और हृदय विदारक दुर्घटना में बीस से अधिक मज़दूरों के प्राणों की क्षति हुई। कभी-कभी जीवन की अनिश्चितता मन को ग्रसित कर देती है। अनहोनी की
Garima Sharma
ये तो होकर ही रहती है किन्तु इसे हम रोक सकते हैं अपने कर्मों को सुधारकर आज एक और हृदय विदारक दुर्घटना में बीस से अधिक मज़दूरों के प्राणों की क्षति हुई। कभी-कभी जीवन की अनिश्चितता मन को ग्रसित कर देती है। अनहोनी की