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Mrigendra Konwar

My 4th Poetry "मत निकल मत निकल मत निकल" प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन जी की कविता अग्निपथ से प्रभावित होकर राजस्थान पुलिस द्वारा कोरोना से ल #poem

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Vikas Rawal

कविता- चलते रहो, चलते रहो.. चलते रहो। हमारे वेदों का मूल सन्देश इन दो शब्दों में समाहित है....ऐसा मुझे लगता है। ये दो शब्द है चरैवेति चरैवे #Poetry

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 कविता- चलते रहो, चलते रहो.. चलते रहो।

हमारे वेदों का मूल सन्देश इन दो शब्दों में समाहित है....ऐसा मुझे लगता है। ये दो शब्द है चरैवेति चरैवे

Writer Ashirwad

!अग्निपथ कविता!

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वृक्ष हों भले खड़े,
हों बड़े, हों घने,
एक पत्र छाँह भी
मांग मत! मांग मत! मांग मत!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
यह महान दृश्य है,
देख रहा मनुष्य है,
अश्रु, स्वेद, रक्त से
लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ,
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

©Writer Ashirwad !अग्निपथ कविता!

Bhageerath Singh Thumba

अग्निपथ,अग्निपथ,अग्निपथ #कविता

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Naveen Singh

अग्निपथ।अग्निपथ।अग्निपथ #Poetry

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imperialshahi

अग्निपथ उग्र आंदोलन पे कविता के माध्यम से शांति की अपील ! कविता शांति अग्निपथ

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Mahendra Singh Chundawat

अग्निपथ #कविता

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अग्निपथ


वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

M.Raj Chundawat अग्निपथ

Vivek Kumar Singh

अग्निपथ #कविता

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Sudip

तु ना गालात  सहे गा काभि 
तु ना गालात से  डारेग काभि 
कर शपथ कर शपथ कर शपथ 
अगनी पथ अगनी पथ अगनी पथ

©Sudip #अग्निपथ

BANDHETIYA OFFICIAL

जोश की गर्मी बड़ी गर्मी होती है,
प्रेम की ठंडक बड़ी ठंडक होती है,
घाम की बारिश बड़ी बारिश होती है,
ये क्या सुन रहा हूं,
मेहनत जी-तोड़ जवानी की,
जवान की नाहक होती है।
चार दिन की नौकरी,
सेवा ऐसी भी बेशक होती है ?
सरहद पे जवान महफूज,
घर से न महफूज !
अग्नि-शपथ !

©BANDHETIYA OFFICIAL #अग्निपथ
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