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Mokshada mishra

अर्थ का अनर्थ #Morning #विचार

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mohabbat ki ahat ko
aur ishq ki likhawat ko
badal pana aasan nahi hai ae dost

ज़रा सी समझ की फेर में
अर्थ का अनर्थ कर देती हैं ।

कलम 
with mishraji

©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ

#Morning

Beyond The Poetry

ये समय है आत्मबोध का...
कुछ आत्मचिंतन, थोड़े आत्मशोध का
ये समय है आत्मबोध का...

दोहन कर प्रकृति का, निःस्वार्थ उसे क्या दिया ?
हित किया बस स्वयं का, हे मानव ! ये तूने क्या किया ?
तू कर स्मरण, थोड़ा विचार कर, ये समय है अनुबोध का
कुछ आत्मचिंतन, थोड़े आत्मशोध का

मत समझ के तू है ख़ुदा, बस इक यही तेरी भूल है
तू कण मात्र है सृष्टि का, शामिल इसी में तेरा मूल है
अब चक्षु खोल, निंद्रा से उठ, ये समय है प्रबोध का
कुछ आत्मचिंतन, थोड़े आत्मशोध का

मानव जीवन के अस्तित्व की, ये जो अंधी दौड़ है,
है व्यर्थ का संघर्ष ये, अपनों से भला कैसी होड़ है,
अपने चित्त को अब साध तू , ये समय है अंतर्बोध का
कुछ आत्मचिंतन, थोड़े आत्मशोध का

मिल ख़ुद से तू और बात कर,थोड़ा ख़ुद को भी तू जान ले,
करके थोड़ा आत्ममंथन, अपनी त्रुटियों को मान ले,
क्या किया सही, क्या था ग़लत, ये समय है स्वयं के बोध का
कुछ आत्मचिंतन, थोड़े आत्मशोध का

ये समय है आत्मबोध का...ये समय है आत्मबोध का...

-© अमित पाराशर 'सरल' #आत्मबोध

Dileep Kumar Dubey

आत्मबोध #Society

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किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके  विचारों का समूह होता है,  जो वह सोचता है,  वैसा वह बन जाता है

©Dileep Kumar Dubey आत्मबोध

Madhav Jha

ज्ञान का आविर्भाव तभी संभव है जब बुद्धि उसे निःस्वार्थ भाव से स्वीकार करे। यदि असहमति उत्पन्न होती है तो वो विचारों में भेद कर क्रोध, क्रोध से मति भ्रंश एवं मति भ्रंश से अहंकार और फिर स्वतः विनाश का कारण बनता है। जिस प्रकार यदि हम तर्क करते समय उसका ज्ञान रखते हैं अथवा कुछ व्यक्त करने में, तो उसे पूर्ण रूप से अपने विद्या में ज्ञान रखते हुए ग्रहण करते है उसी प्रकार हम एक घर में अंधकार मिटाने के लिए रोशनी का प्रयोग करते हैं। ऐसे में यदि नम्र भावना से यदि शांत मन से हाथ जोड़ सिर्फ सहमति से यदि  कुछ उत्धृत कथन को सहमति प्रदान किया जाए तो इसका ये अर्थ नहीं कि वहां विद्या नही दिखाई गई या ज्ञान को संकुचित कर मौन रहकर कुछ उत्धृत नहीं किया गया। 
आवश्यकता केवल समझ की है कि आप आसानी से सीखें या मुश्किल से। वाक्यों का उद्धृत होना चाहे वो सरल हो या कठिन, उपयोगिता दोनो की एक सामान है। 
अहंकार ग्रसित अज्ञानता से संकीर्णता हो विचार विनाश ही होता है।
यदि आप धर्म का अनुसरण ही नही सकते तो धर्म गुरु के वचनों के बखान को लिखकर दूसरों को सिखाने को क्या लाभ जब आप को खुद उन विचारों का मूल्यांकन  हेतु किये गए कार्य के पर्यन्त अवगुणों का परित्याग संभव ही न हो तब... #आत्मबोध

Satya Verma

आत्मबोध #विचार

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mute video

अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "

आत्मबोध #faraway #कोट्स

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एक दिन तुम सीख जाओगे
जिस दिन खुद के मुरीद बन जाओगे
सलाम करेगी दुनिया जब पैसे कमाओगे
बहन पूछेगी भैया राखी में कब आओगे
माँ-बाप को देखोगे तो फूले नहीं समाओगे
पत्नी होगी तो रुतबा उसकी देख डर जाओगे
!! राम-राम !!

©Anushi Ka Pitara आत्मबोध

#faraway
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