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keshav yadav

हास्य कविता

हास्य कविता

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जिंदगी का जादू

#हास्य कविता

#हास्य कविता

39 Views

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aashaSaini

हास्य कविता

हास्य कविता

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आदित्य झा

हास्य कविता।।

हास्य कविता।। #कॉमेडी

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Rakesh Pandey

मधुशाला का नित्य निमंत्रण,
जो दिलवा दे , मित्र वही है। 

व्यथित हृदय हो पीडा में तब,
*Wills* जला दे , मित्र वही है।

सुंदर विपुल चंचला का,
नंबर दिलवा दे , मित्र वही है।

मधु-पात्रों में भर कर मदिरा,
पैग बना दे , मित्र वही है।

सुरा विसुध हो जाऊँ जब मैं,
घर पहुँचा दे , मित्र वही है।
🍺🥃

~```मदिरा शरण गुप्त``` !!! हास्य कविता

हास्य कविता

4 Love

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Tr Alok Raj

#हास्य कविता#

#हास्य कविता#

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नितिन कुमार 'हरित'

हास्य कविता ।

हास्य कविता । #nojotovideo #कॉमेडी

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Dinesh Kumar Gangwar

हास्य कविता

हास्य कविता #कॉमेडी

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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

 हास्य कविता
अगली पंक्तियाँ जोड़कर हास्य कविता बनाइये-
#हास्य_कविता

हास्य कविता अगली पंक्तियाँ जोड़कर हास्य कविता बनाइये- #हास्य_कविता

50 Love

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P S Jha

चुनावी हास्य कविता

चुनावी हास्य कविता

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shilpa pandit

इतिहास की परीक्षा थी उस दिन चिंता से हृदय धड़कता था, प्रातः जगने से ना जाने क्यों बाया नयन फड़कता था।
जो उत्तर मैने याद किये उनमे से आधे याद हुए वह भी विद्यालय पहुचने तक यादो में बर्बाद हुये 
जो जगह दिखाई दी खाली जा झट उस पर मैं बैठ गयी थी निरक्षक कमरे में जो मुझे देखते ही उखड़ गई
रे रे तेरा ध्यान किधर क्यों करती है हेरा फेरी यहा कहा बैठ गयी उठ जा यह कुर्सी है मेरी
इतने में प्रश्नों पर मेरी नजर पड़ी और आँखे बंद हुई अब थी प्रश्नों की बारी उत्तर पुस्तिका की गर्दन पर कलम कुल्हाड़ी दे मारी
अकबर का बेटा था बाबर जो वायुयान से आया था उसने ही हिन्द महासागर अमेरिका से मंगवाया था
पवन से भी तेज चलता था वीर शिवा जी का घोड़ा रोज हिन्दुस्तानियो को पड़ता था गांधी जी का कोड़ा
झांसा दे जाती थी सबको ऐसी थी झांसी की रानी ताज होटल में रोज हुमायु के साथ खाया करती थी बिरयानी 
प्रश्नों के पापड़ बेल बेल टीचर की ओर धकेल दिया उत्तर पुस्तिका टीचर देखा गुर्राया और बोला तूने यह क्या खेल किया ऐसे में अब होना क्या था सारा नंबर गोल हुआ 
शिल्पा पंडित

©shilpa pandit हास्य कविता

#leftalone

हास्य कविता #leftalone

5 Love

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Yashpal singh gusain badal'

खत
एक पति ने मायके गयी हुई पत्नी को खत लिखा -

ऐ परियों की रानी तुम ,

सूरज पे सवार होकर चली आओ !

तुम बिन चैन नहीं सजनी !

खुशियों का बाजार बनके चली आओ !

इधर सड़कों पर बिछी हैं कंकड़ ,

गढ़ते हैं पावों में मेरे !

अर्ज प्रिये !

बुलडोजर बनके चली आओ !

पत्नी का जबाब आया -

साजन मेरे ! नूर मेरे !

सरताज मेरे !जन्नत मेरे !

तुम्हारे नन्हे दिल को सताया है मैंने !

इसलिए इसकी दवा भी ढूंढ़ी है मैंने !

हे प्राणेश्वर ! 

दर्द तुम्हें ,फिक्र मुझे !

फिक्र मुझे, दर्द तुझे !

इसलिए तो जानम ,

तुम्हारा कष्ट दूर कर रही हूँ !

पहलवान जी के हाथ 

आठ नंबर का जूता भेज रही हूँ ।

 रचना- यशपाल सिंह बादल

©Yashpal singh badal हास्य कविता

#WallPot

हास्य कविता #WallPot

18 Love

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sapna kumari

#ValentineDay 

हास्य कविता

#ValentineDay हास्य कविता

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Yashpal singh gusain badal'

हास्य कविता
एक बार सतनाम आया गुरनाम के घर,
वो हो रहा था बारिश में तरबतर ,
उसने गुरनाम का दरवाजा खटखटाया,
और अंदर से तुरंत जबाब आया !
कौन ?
सतनाम रहा थोड़ी देर मौन !
फिर बोला-  मैं  !
अंदर से जबाब आया -मैं कौन ?
सतनाम तुरंत बोला -तू गुरनाम और कौन !

रचना- यशपाल सिंह गुसाईं

©Yashpal singh badal हास्य कविता

#WorldEmojiDay2021

हास्य कविता #WorldEmojiDay2021

15 Love

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sapna kumari

मीठे सपनों में सोया था,
मीठे ख्यालों में खोया था,
बीबी की खडूस आवाज ने जगा दिया,
बारिश और लॉकडाउन लगा दिया,
प्रियतमा थोड़ी सी चाय पिला देना,
इतना सा बस कहना था,
बीवी ने चार बात सुना दिया,
खराब हो गया मन सुबह सुबह,
चाय भी नसीब में हुई,
हे भगवान कहां से बारिश और
लॉकडाउन लगा दिया,

©sapna kumari हास्य कविता
#Drops

हास्य कविता #Drops

20 Love

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Mohan Lal Solanki

*हास्य कविता*

😀😀😀😀😀😀😀

अक्ल बाटने लगे विधाता,
             लंबी लगी कतारी।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
            कहीं नहीं थी नारी।।

सभी नारियाँ कहाँ रह गई,
          था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
          पहुँच गई थी सारी।।

मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
           एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
          कब आएगी बारी।।

उधर विधाता ने पुरूषों में,
         अक्ल बाँट दी सारी ।
पार्लर से फुर्सत पाकर के,
        जब पहुँची सब नारी।।

बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
        नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
        नींद खुली ब्रह्मा की।।

पूछा कैसा शोर हो रहा,
         ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
         पुरुष ले गए सारे।।

ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
          बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल सभी वो,
          पुरुषों में भर दी है।।

लगी चीखने महिलाये ,
         ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो, चाहिए हमको
          आधा भाग हमारा।।

पुरुषो में शारीरिक बल है,
          हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
         निज रक्षा कर पाएं।।

बहुत सोच दाढ़ी सहलाकर,
         तब बोले ब्रह्मा जी ।
इक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
         हो जाओ अब राजी।।

थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
         रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
         अक्ल जायेगी मारी।।

एक बोली, क्या नहीं जानते!
        स्त्री कैसी होती है?
हंसने से ज्यादा महिलाये,
        बिना बात रोती है।।

ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
        रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
        बुद्धि को हर लेगा।।

इक बोली, हमको ना रोना,
       ना हंसना आता है।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
       झगड़ा ही भाता है।।

ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
       यह भी बात तुम्हारी ।
घर में जब भी झगड़ा होगा,
       होगी विजय तुम्हारी।।

जग में अपनी पत्नी से जब
        कोई पति लड़ेगा।
पछताएगा, सिर ठोकेगा
         आखिर वही झुकेगा।।

ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
       अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दे दिए,
       पूरा न्याय हमारा।।

इन अचूक शस्त्रों में भी,
       जो मानव नहीं फंसेगा ।
बड़ा विलक्षण जगतजयी
       ऐसा नर दुर्लभ होगा।।

कहे कवि सब बड़े ध्यान से,
       सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
       नर पर नारी भारी।।
💐💐

©Mohan Lal Solanki हास्य कविता

#vacation

हास्य कविता #vacation

5 Love

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Saroj Kumar

# वायरस # ( हास्य कविता ) #

# वायरस # ( हास्य कविता ) #

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sapna kumari

हास्य कविता 🌺 बारिश और लॉकडाउन 🌺

पत्नी जी का मुंह फुला है,
चाय की प्याली जो सुबह-सुबह,
10:00 बज गए अभी तक नहीं मिली,
पत्नी जी का लॉकडाउन में मुंह सूजा है,
बारिश ने घर में तूफान मचा दिया,
उपर से लॉकडाउन लगा दिया,
मीठे सपनों में सोया था,
मीठे ख्यालों में खोया था,
बीवी की खडूस आवाज ने जगा दिया,
बारिश और लाकडाउन दिया,
प्रियतमा थोड़ी सी चाय पिला देना,
इतना सा बस कहना था,
बीवी ने चार बात सुना दिया,
खराब हो गया मन सुबह सुबह,
चाय भी नसीब ना हुई,
हे भगवान कहां से बारिश और 
लॉकडाउन लगा दिया,
टीवी पर क्रिकेट का मैच आ रहा,
मैं किचन में बैठा बर्तन धो रहा ,
आंखों से आंसुओं की धार बह रही,
कामवाली ने भी नखरे दिखा दिया,
ऑफिस की चाय की याद आ रही,
बारिश और लॉकडाउन ने,
घर में तूफान मचा रखी,
सोचा था रविवार है,
आराम से सोऊंगा,
पत्नी की कर्कश आवाज ने,
दिल को दहला दिया,
हे प्रभु बारिश और लाक डाउन ने,
पर मैं बवाल मचा दिया,
दोस्तों के पास फोन लगाया,
तू तो मजे में है यारों,
मैं तो किचन में बैठा सब्जी बना रहा,
दोस्तों की मरियम से आवाज आई,
बारिश और लॉक डाउन में,
मैं क्या मजे से बैठा,
पत्नी की झल्लाती हुईआवाज सुनाई पड़ी,
कब से फोन पर बैठा,
किचन में सब्जी जल रही ,
टीवी के पास बैठी मैं,

जलनेकी खुशबू यहां तक आ पड़ी,
हे प्रभु कहां से लाक डाउन और
बारिश आ पड़ी।.........


सपना कुमारी

©sapna kumari #हास्य कविता

#Drops

#हास्य कविता #Drops

19 Love

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kanchan Yadav

#thebet हास्य कविता

#thebet हास्य कविता

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Tapas Sen

काका’ वेटिंग रूम में फँसे देहरादून ।
नींद न आई रात भर, मच्छर चूसें खून ॥
मच्छर चूसें खून, देह घायल कर डाली ।
हमें उड़ा ले ज़ाने की योजना बना ली ॥
किंतु बच गए कैसे, यह बतलाएँ तुमको ।
नीचे खटमल जी ने पकड़ रखा था हमको ॥

हुई विकट रस्साकशी, थके नहीं रणधीर ।
ऊपर मच्छर खींचते नीचे खटमल वीर ॥
नीचे खटमल वीर, जान संकट में आई ।
घिघियाए हम- “जै जै जै हनुमान गुसाईं ॥
पंजाबी सरदार एक बोला चिल्लाके – |
त्व्हाणूँ पजन करना होवे तो करो बाहर जाके ॥

©Tapas Sen हास्य कविता

#Saffron

हास्य कविता #Saffron

2 Love

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राजेश तिवारी "रंजन"

😍😍😜😛🥰
पलकें झुकाकर..थोड़ा मुस्कुराकर,
इशारों से बुलाया उसने..जब उँगली घुमाकर।। 

मैं थोड़ा सकपकाया..फिर करीब उसके आया,
भगवान को धन्यवाद कर..मन ही मन प्रणाम किया🙏
कहा..हे प्रभु..मेरे जीवन में इस सुंदरी 💃को भेज कर..तूने बहुत अच्छा काम किया।। 

अभी इन्हीं ख्यालों में खोया था..सोचा कबूल हो गयी अब मेरी दुआ,
तभी उसने बोला....भैया टाईम का हुआ,⏰

उसके इस शब्द भेदी बाण से मेरा स्वप्न खंड खंड हो गया,
शुरुआत ना होने वाली इस प्रेम कहानी का यहीं एंड हो गया,😌
शुरुआत ना होने वाली इस प्रेम कहानी का यहीं एंड हो गया।।😇

©Rajesh Tiwari
  हास्य कविता
#Comedy

हास्य कविता Comedy #कॉमेडी

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Sunil Porwal

“ कहत कवि शेलु ”

हास्य कविता - बाबू , बाबू 

पत्नी कह रही पति को ,
बाबू ,बाबू आज ।
दफ्तर के साहब बन गए ,
घर में बाबू आज ।।
पति है बाबू , पत्नी बाबू ,
और बाबू बने हैं बच्चे ।
घर में ही क्यों उड़ा रहे हो ,
इज्जत के परखच्चे ।।

एक बाबू , दो बाबू ,
सब बन जाओ बाबू ।
कान्हा - कान्हा रटने वाले ,
करो ‘ बाबू ’ पर काबू ।।
बाबू तो वो है ,
जो काम करे सरकार का ।
तू तो राम - श्याम है प्यारे ,
अपने घर - परिवार का !!

रचना - सुनील पोरवाल “ शेलु ”
 मनासा जिला - नीमच (म. प्र.)
मो.7447063307 #हास्य #कविता#बाबू,बाबू#सुनील पोरवाल#शेलु#हास्य कविता#हास्य रचना# Mayank Mandwariya

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13 Love

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Tarun Vij भारतीय

हेलमेट नहीं लगाएंगे, बाइक को खूब भगाएंगे।
टेढे मेढ़े कट मारकर, फर से फुर हो जाएंंगे।।

रोके फिर चाहे थानेदार, मुंशी हो या हवादार।
रोके से भी रुके ना हम, विधायक हमारे चचा का यार।।

डंडा जो दिखाइस हमको, शायद ना पहचाने हमको।
निकाल के चालान की कापी, पुलिसगिरी दिखाए हमको।। 

फिर अपना टोर दिखाया हमने, फट से फोन लगाया हमने।
हैलो होते विधायक जी सू, दरोगा के कान पर लगाया हमने।।

इससे पहले के चचा कुछ बोले, दरोगा लिए चालान बुक खोले।
जैसे जैसे आए फोन से आवाज, मुंशी लगा भरने खुद गोले।।

देख के ये हमको गश आए, निकाल हरी पत्ती चेले को बढाए।
चेला भी निकला इमानदार, बाइक से महंगा चलान बनाए।। 

अब का करे कुछ समझ ना आया, के तभी दिमाग में आइडिया आया।
चला के फोन हुए फ़ेसबुक लाइव, चालान होते का वीडियो बनाया।।

कमेंट मे जब देखा रोष, हम में भी फिर आया जोश।
कैमरा के आगे फिर हम जो दहाड़े, पास खड़ो के उड गए होश।।

देख दारोगा बढता बवाल, मुंशी को बोले इसे जीप मे डाल।
दो लोग पकड़ हमें जीप मे डाले, थाने ले जा किए कूल्हे काले। 

बदन हो गया लाल नीला, हाल कर दिया एक दम ढीला।
मार मार जो भूत उतारा, मानो जैसे कोई फ्रूट छीला।।

आखिर में हमको समझ मे आया, उस रोज बाद हैलमेट लगाया।
कागज भी अब रखता हूं सारे पूरे, एक भूल ने आखिर ये सब सिखलाया।।  "चालान" एक हास्य कविता
#कविता #हास्य_व्यंग्य #हास्य #हिन्दीकविता #हिंदी #चालान #tarunvijभारतीय
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Aditya Nigam

जब से मंत्री बन गए , बेटा चंदूलाल

शान निराली हो गई , शुर्ख हो गए गाल 

शुर्ख हो गए गाल , न वोटर को पहचाने 

मां की रही न याद , बाप को बाप न माने हास्य रस कविता उदहारण

हास्य रस कविता उदहारण

5 Love

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kavi Om parkash

370  की हास्य कविता

370 की हास्य कविता

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Santosh Jangam

#kahanisuno कविता "स्मित हास्य"

#kahanisuno कविता "स्मित हास्य" #मराठीकविता

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krishna tiwari

हास्य कविता अपनी आदत

हास्य कविता अपनी आदत

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