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anuragbauddh
माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है , तू उसे धोती क्यों नहीं। कुछ दिन से चेहरा तेरा उदास है, तू सोती क्यों नहीं। तेरी चुड़ी, बिदियाँ , कँगन बहुत ढूढें मैने माँ. गिरे हुए उस धागे के मोती , तू पिरोती क्यों नहीं। माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है , तू उसे धोती क्यों नहीं। दरवाजे पर जो मिट्टी है ,मैने देख ली माँ। तेरे सिरहाने पर जो चिट्ठी है , मैने देख ली माँ.। मेरा नया खिलोना अब शायद ना आएगा। मेरा बाबा लौट कर अब वापस ना आएगा। बाहर निकाल अपने अश्कों को, जी भर के तू रोती क्यों नहीं। माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है , तू उसे धोती क्यों नहीं। जैसे तू हर कदम मेरे साथ रहती हैं. उन बेटो को भारत माँ की फिक्र दिन रात रहतीं है। माँ बाबा मेरा महान था ,अपने देश की शान था । जाते -जाते उसने बदूंक चूमि थी। आखिरी साँस मे भी उसने अपनी धरती चूमि थी। बहुत रात हो गई है माँ ,अब तू सोती क्यों नहीं। माँ बाबा की शर्ट मे जो दाग है , तू उसे धोती क्यों नहीं। #कविता #देशभक्ति
Ronu Mavai Gurjar
चाहे जात का प्रचार करो, चाहे धर्म पर भिमान करो। इस तिरंगे का सम्मान करो, और जान देश के नाम करो।। रोनू मावई। ©Ronu Mavai Gurjar देशभक्ति कविता।
Eron (Neha Sharma)
India quotes बाल कविता सैनिक ●●●●● वो कैसे जिता होगा अकेले कैसे रहता होगा क्या डर नही किसी बात का क्या है वो आम इंसान सा माँ जरा बतला दे मुझे राज जरा जतला दे मुझे। बड़ी कश्मकश में हूँ आज। ये बात जरा समझा दे मुझे। मेरे लाल वो सीमा माँ है। सेवा में उनकी जहाँ हैं। जो जीते हैं बस माँ के लिये। उनके सीने में डर कहाँ हैं। अच्छा माँ अब मै निडर बनूँगा देश की सेवा बड़े होकर करूँगा मुझे भी तू बंदूक दिलाना मैं भी पापा जैसा बनूँगा। इतना कह माँ की अँखियाँ भर आयी। बेटे को बड़ा लाड़ जताई। लाल मेरे पहले खूब पढ़ना फिर सीमा पर जाकर लड़ना। मैं तुझे तैयार करूँगी। देश के लिये मजबूत करूँगी। पिता की फ़ोटो अब महक रही थी। धूपबत्ती से चहक रही थी।- नेहा शर्मा #NojotoQuote बाल कविता
खामोशी और दस्तक
फल जामुन देखो काली काली, लगी हुई है डाली डाली। डाल पकड़कर इसे हिलायें, जामुन गिरती टप टप टप । बीनो भाई झटपट झटपट, चलो चलें नदी किनारे । धो धोकर अब खायें प्यारे।। ©खामोशी और दस्तक बाल कविता
Jamil Khan
बालकविता- वफ़ादार हैं हाथी... वो बच्चों के हैं साथी ऊँचे कद के हैं हाथी छप्पन की उम्र से ही पकड़के चलते लाठी। जब सड़क पे चलते हैं हजारों कुत्ते भौंकते हैं फिर वो उलटकर नहीं किसी को पीछे देखते हैं बच्चों के तो होते हैं वो सबसे ख़ूबसूरत साथी। वो तालाब में नहाते हैं बच्चों को भी हर्षाते हैं अपनी पीठ पे बैठाकर जंगल की सैर कराते हैं प्रायः बच्चे बोला करते सबसे वफ़ादार हैं हाथी। मो- ज़मील अंधराठाढ़ी, मधुबनी (बिहार) मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित बालकविता। ©Jamil Khan बाल कविता.... #Trees