Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ईश्वर नाम की राशि क्या है Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ईश्वर नाम की राशि क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.

    PopularLatestVideo

Parasram Arora

क्या है ईश्वर? #जानकारी

read more
क्या है ईश्वर?

वह पूर्ण है
वह परम भोग है
वह निमित्त है
वह अतिक्रमण  है
वह स्वयंभु  है
वह चैतन्य है
वह ज्योतिर्मय है
वह ब्रह्म है
वह शून्य है

©Parasram Arora क्या है ईश्वर?

Sudeep Keshri✍️✍️

#ईश्वर है क्या??? #विचार

read more
बहुत जोरदार बहस चल रही थी।
किसी ने पूछा ईश्वर को देखा है,क्या?
सभी चुप हो गए तभी कहीं से आवाज आई।
ईश्वर तो कण कण में है,
दूसरे पक्ष से भी आवाज आई...
साबित करो...
असमंजस की स्थिति में किसी ने बोला...
तुम एक ऐसे छन को जी रहे हो,जहाँ...
अगले छन तुम्हारी मृत्यु सम्भव है,
लेकिन तुम जी रहे हो,क्योंकि...
जो प्राण वायु ले रहे हो,
इसमें भी ईश्वर बसते हैं,
तभी तो जी रहे हो। #ईश्वर है क्या???

Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"

#candle ईश्वर के नाम की #Thoughts

read more
जो मिला हैं उसकी कद्र करो

जो ना मिला उसपर 

बेवजह परेशान होने से

तो 

लाख गुना अच्छा है 

क्योंकि कहते है ना कि

आपके मन का हुआ तो अच्छा

अग़र ना हुआ तो

वो ऊपर वाले कि मर्ज़ी का हुआ है

और उनके दिए तौफ़े बेहतर क्या होगा।

©rashmi singh raghuvanshi #candle ईश्वर के नाम की

Amar'Arman' Baghauli hardoi UP

ईश्वर क्या है ? #shore

read more
ईश्वर क्या है?
*********
बड़ी ही हास्यपद बात है जो लोग ईश्वर को शर्वशक्ति संपन्न, पालनकर्ता, उद्धारक और कण -कण वासी मानते है आज वहीं लोग पाखंड और आडम्बर के बोझ से लदे पड़े हैं किंतु सत्य तो ये है जिसे (प्रकृति रुपी ईश्वर) सत्य का ज्ञान हो जाता है वो निंदा, अपयश , पाखंड,उन्च-नीच, जाति-पाति और अहम से मुक्त हो जाता है उसके लिए सम्पूर्ण जगत सम हो जाता है उसके लिए परमार्थ और मानव सेवा ही एकमात्र धर्म रह जाता है। ईश्वर का ज्ञान हो जाने पर मनुष्य का जीवन ईर्ष्या और नफ़रत के तम से दूर आपसदारी और परहित के प्रकाश से प्रकाशित हो उठता है, किंतु आज जो सत्य और असत्य में विभेद नहीं कर सकते ,समाज को हिन्दू -मुस्लिम, सिख़-इसाई, ब्राह्मण,क्षत्रिय शूद्र आदि नजरोंं से देखते है अपने हित के लिए खुद को श्रेष्ठ तथा दूसरों को तुच्छ् समझते वहीं खुद को श्रेष्ठ और और उच्च समझते है।किंतु ये तो बिल्क़ुल साफ और सहज व्याख्या है कि ऐसे कामी और धर्मान्ध व्यक्ति भला ईश्वर को कैसे प्रिय हो सकते है ऐसा स्वार्थी उस परम पावन शक्ति को कैसे जान सकता है जो भेद-भाव से रहित समता की सृजक और पालक है। किंतु आज के जमाने में कुछ स्वार्थी और  आडम्बरी लॉगो ने अलग ही परिभाषा गाड़ ली है जिसके तहत  आज मानसिकता से पतित और आडम्बरी ही खुद को सबसे बडा ग्याता, विद्वान या ईश्वर भक्त समझता है देखा जाए तो ऐसे ही लोग वास्तव में पाखंड और अज्ञानता के सक्षात आधार स्तम्भ होते है। मुझे तो हंसी आती है। जो क़ुदरत की तुच्छ रचना मानव- मानव को नहीं समझता है वहीं क़ुदरत को समझने का दावा करता है किन्तु उसकी बनायीं छोटी सी रचना को समझने में खुद को पूर्णता असमर्थ रहता है।जो वास्तव में उसकी पतित मानसिकता और तुच्छ विचारधारा का प्रमाण है।
*******************
विचार
अमर'अरमान'
बघौली,हरदोई।
उत्तर प्रदेश ईश्वर क्या है ?

#shore
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile