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deewana ajeet ke alfaj
लगता है हमारा दिल, बफा के वास्ते रो रहा है। वो कमबख्त दिल फेक,आराम से सो रहा है।। हाल ए दिल बज्म ए दर्द से मुतासिर थे हम अजीत अब वो महल वीरान हो रहा है।। deewana ajeet ©Ajeet Singh मुतासिर #Sunrise
Akshay Meena Gupta
अलविदा दिल-ए-ख़ुश-फ़हम उम्मीद न रख उनके लौट आने का खुद से मुख्तलिफ कर उन्हें अलविदा कह के #रेख़्ता #Rekhta #अलविदा
Rajani Gupta (Ruhh)
इश्क़ ने इश्क़ के लिए लिवाश-ए- कफ़न मांगा है.. एक घूंट भी ना मिले पानी, ऐसी जगह मौत - ए- दफ़न मांगा है...!! @रजनी..✏️💔 #हिंदीकविता #शायरी #रेख़्ता
Hemant Rai
रेख़्ता __________ कोई हिंदू, कोई मुस्लिम, कोई सिक्ख तो, कोई ख़ुद को ईसाई बताता है, कमबख्त ये इंसान, ख़ुद को इंसान क्यूं नहीं बताता है! __________ हेमंत राय। #रेख़्ता #शायरी #हिंदी #nojoto
Divyendu Pandey
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं मैं शाहराह नहीं रास्ते का पत्थर हूँ यहाँ सवार भी पैदल उतर के चलते हैं -_बशीर बद्र रेख्ता👌
Ayush kumar gautam
मां मुझे गले से यूं लगा मैं जज्बातों मे बह जाऊं जो कभी कह न सका वो सब कह जाऊं मां तुझसे तो खालिक भी मुतासिर है फिर मैं नाचीज कहां बिन तेरे रह पाऊं खालिक-श्रष्टि की रचना करने वाला-मुतासिर-प्रभावित खालिक भी मुतासिर है तुझसे
राणु जांगिड़...
कभी उतर कर रूह में देखो, जहां चलना एक कदम भी मुश्किल है वहां हम अब तक मुसाफिर बनकर जी रहे हैं।। ©✍R.jangid मुसाफिर #मुश्किल #मुसाफिर
yogesh atmaram ambawale
अपनी मर्जी के मुताबिक भला कौन यहाँ जिया हैं, कभी अपनों ने तो कभी गैरों ने रुलाया हैं| अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़... #मुताबिक़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #मुताबिक #yqdidi #collab अपनी मर्जी
Ayush kumar gautam
हालात बर्फ से मुतासिर तो नहीं फिर भी हर शख्स जम जायेगा आपसी मुलाकातों का दौर कुछ वक्त के लिये थम जायेगा कैद कर दिया एक बिमारी ने हर शख्स होकर मजबूर खुद मे रम जायेगा पता चला शब्र भी इलाज होता है सीने मे पाले रखो दौर ए हसीन जल्द ही आयेगा मुतासिर-प्रभावित amazing ayush हालात बर्फ से मुतासिर तो नहीं
ज़िंदादिल संदीप
पहुंच जाऊंगा ही अब जो कदम उठा चुका हूं तुझे पाने के लिए.. गर्दिश में है सही ..पर तैयार है सितारे मुझमें नूर लाने के लिए.. इक आजमाइश जो दिल की कमरे में बंद कर रखा था सालों से..यूहीं ज़िंदा हुई है बेसब्र सी होकर.. मुझमें कहीं ना कहीं मिल जाने के लिए.. जश्न ए रेख़्ता 2019.. here I come