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Parasram Arora
हा वो भी एक लम्हा था जो गुजर गया ज़ब प्रेम के एक तिनके को थामे मैं बहुत देर तक खड़ा रहा औऱ समय बहता रहा मुझे घेरे औऱ घुमाता रहा मुझे सभी दिशाओ मे लेकिन ढूंढ नहीं पाया मैं फिर भी अपनी प्यास का उदगम स्थल प्रेम का उदगम स्थल
Mohan Sardarshahari
माना मिलते हैं मोती नसीब से फिर भी मिलेंगे तो समुद्र में क्या हुआ कोई राजा है या फकीर उद्गम तो है उदर में ©Mohan Sardarshahari उद्गम
Parasram Arora
वो नहीं होती कविता जिसे सर्दी की ठिठुरन मे चाय क़े गर्म घूँट क़े साथ हलक मे उतार लिया जाय कविता तो कवि क़े संवेदित ह्रदय की वो उम्दा फ़सल है. जिसे कवि अपने ही खेत मे अपने लिए उगाता है लेकिन जिसे वो औरों मे बाँट कर ज्यादा प्रसन्नता का अनुभव करता है ©Parasram Arora # कविता का उदगम.......
Parasram Arora
किसी भी कविता क़े लिए ईमानदारी कोई बुनियादी शर्त नहीं बन सकती क्योंकि कल्पना मे काव्य बिना पंखो क़े ही उड़ान भरता है अक्सर कविता लिख लेने क़े उपरान्त कवि अपनी कविता की सार्थकता ढूंढ़ने लगता है क्योंकि समझ और तर्क का कविता से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है एक उद्विगन भयाकुल निराश संवेदनशील और घुटन से ओतप्रोत व्यक्तित्व ही सुंदर काव्य रचना मे निपुणता हासिल कर लेता है ©Parasram Arora काव्य का उदगम
Parasram Arora
जब अचानक सर उठाने लगती हैँ यादे पीड़ाये सघन हो जाती हैँ जैसे दूर गगन मे काले बादलो की बीच बिजली कौंध जाती फिर नभ ले नीलेपन की गरिमा और गहराई और बढ़ जाती हैँ मन कुछ कहना चाहता हैँ और ह्रदय की धड़कन भी बढ़ जाती हैँ उफनते लगता हैँ अश्रुओ का सिंधु कोष और अविरल जलधारा बह जाती हैँ क्यों आती हैँ यादे कहा से सहसा आ धमकती हैँ कदाचित जब ह्रदय की बंद गुफाये सांस लेने हेतु द्वार अपने खोल देती हैँ............... तब कहीं ये यादे सज संवर कर बाहर आने की धृष्टता कर बैठती हैँ यादो का उदगम.......
satya
बैठे है अकेले कितना सुकून है फर्क़ इतना है,वहाँ लोगो के साथ अौर यहाँ पृकृति के साथ है। शांति स्थल
Parasram Arora
परमाता धर्म और मोक्ष सब बाज़ार मे बिक रहे हैं इसमें बेचने वालों का दोष नहीं. वें तो खरीद दारों की मांग की. पूर्ती कर रहे हैं धर्म के नाम पर चलने वाले संगठन और सम्प्रदाय सब सभी इन्हे बेचने वाले विक्रय स्थल बन चुके हैं ©Parasram Arora विक्रय स्थल
Arora PR
पहाड़ो की डलांन पऱ पैर मेरे संभल नहीं पांते. मै भूल गया था कि मेरा आश्रय स्थल तो इन पहाड़ो की घाटी मे हैँ ©Arora PR आश्रय स्थल