Nojoto: Largest Storytelling Platform

New 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ' Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'हो गयी है पीर पर्वत सी कविता का अर्थ'.

    PopularLatestVideo

Rajnish Kumar Verma

हो गयी है पीर पर्वत सी #bharat

read more
mute video

Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

पीर पर्वत हो गयी है..

read more
mute video

Anupam Mharaj Umariya

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए..

read more
mute video

Aakanksha Tripathi

#पर्वत-सी पीर

read more
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, 
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर, हर गली में,हर नगर, हर गांव में, 
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, 
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। 

 मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए।

©Aakanksha Tripathi #पर्वत-सी पीर

Rekha Gakhar

हो गई है पीर पर्वत सी !!!!!! कविवर दुष्यंत कुमार !!!!!

read more
mute video

Choudhary Sahab

#myvoice हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए

read more
mute video

Poet Shivam Singh Sisodiya

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए #justicefortwinkle

read more
 हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए 
#justicefortwinkle

SK Poetic

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए #Moon #कविता

read more
हो गई है पीर पर्बत सी, पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए,

आज यह दीवार परदों की तरह हिलने लगी
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए,

हर सड़क पर हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए, हर लाश चलनी चाहिए,

सिर्फ हंगामा खड़ा करना, मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि, ये सूरत बदलनी चाहिए,

मेरे सीने में नहीं तो, तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग लेकिन, आग जलनी चाहिए।

©S Talks with Shubham Kumar हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए

#Moon

Tanveer Hasan

  हो गई है पीर पर्वत-सी दुष्यंत कुमार #dushyantkumar

read more
 

हो गई है पीर पर्वत-सी

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

-दुष्यंत कुमार  

हो गई है पीर पर्वत-सी
दुष्यंत कुमार #DushyantKumar

Anand Mishra

पीर पर्वत हो गई है

read more
mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile