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विद्यार्थी राहुल
मातृ दिवस ***************************** धन्य है यह देश और धन्य हैं यहां के ''भारत माता की जय'' वाले देश प्रेमी! अभी एक अजन्मे बच्चे की माँ को गालियां देने का दौर चल ही रहा था कि तबतक 'मातृ दिवस' आ गया। नमन पहुंचे उन माताओं को भी जिन्होंने ऐसे ''मातृभक्त'' नमूनों को जन्म दिया है काश! कि उन माताओं ने उन्हें बताया होता कि ''माँ''क्या होती है? काश! वो उन्हें ये समझा पायीं होती कि ''माँ'' स्वयं में एक पूर्ण अस्तित्व है ''बिना बाप'' के भी जैसे भारत माँ गंगा माँ, यमुना माँ, प्रकृति माँ धरती माँ, नानी माँ, भाभी माँ, तेरी माँ, मेरी माँ, सबकी माँ!! ★★अन्नपूर्णा अनु★★ मातृ दिवस
अनुपम अनूप"भारत"
माँ को तुम्ही बताओं क्या लिखू, तुम्हे दुआ लिखू कि खुदा लिखू, लिख दू रहबर ए जिन्दगी हो तुम, कि हर शब्द मे तेरी इनायत का बया लिखू। मातृ दिवस
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
*मां* 🌹* मां * शब्द कितना पवित्र और महान है जिसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। एक नारी तभी पूर्ण तभी होती है जब मां बनती है। पिता से पहले मां का संबंध अपनी संतान से उसके गर्भ से ही हो जाता है। गर्भ में जैसे जैसे वो बड़ा होता उसके हृदय के तार मां से जुड़ जाते है और मां उसकी मौन भाषा समझने लगती है। नौ मास का सारा दर्द उसके लिए एक खुशी में बदल जाता है। मां के बिना संतान उसी तरह होती है जैसे जल के बिना मछली। मां अनुपम है,अनमोल है और पूजनीय भी। वो खुशनसीब हैं जिनके पास मां होती है। मातृ दिवस के पावन शुभ अवसर पर मैं सभी माताओं के चरणों में शीश नवाता हूं।🌹🙏 ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # मातृ दिवस।
Ashok Verma "Hamdard"
मां तुम कहां गई,ढूंढे अंखियां इस वसुंधरा पर छटपट छटपट करता मन नहीं दर्शन मां इस धरा पर,अखियां ढूंढे चहुओर मां तुम कहां गई? नही आती है नींद हमें मां, लोरी की ध्वनि न आने से नहीं आती है निंदिया भी अब,लाख उसे समझाने से सुना पड़ा है घर का मंदिर,गीत भजन न गाने से, अपना घर अब मुझे लगता है,खंडहर और बिराने सा मां तुम कहां गई ? रसोई से धन लक्ष्मी रूठी,नही मिलती बासी रोटी तेरे बिना है सुना आंगन बुझ गया चुल्लाह शांत है चौका,कर ली दोस्ती पेट पीठ से मां तुम कहां गई? घूम फिर कर जब कहीं से आता,ना मां कह कर तुझे बुलाता खुश हो जाती मुझे देख कर, आकर गले लगाती। मां तुम कहां गई ? ©Ashok Verma "Hamdard" मातृ दिवस
Amar Anand
इस कायनात में हमें सबसे ज्यादा स्नेह अपनी मां से , दूसरा श्री कृष्ण से और तीसरा निः स्वार्थ परोपकार संगठन से है । इन तीनों की आज्ञा , उपदेश और सेवा से यदि किसी को आपत्ति है तो उसका सीधा वैर मुझसे है मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #मातृ दिवस
निखिलेशसिंह यादव
माँ बच्चों की खातिर दे दे जान, माँ ऐसी ही होती है। शब्द-शब्द उसका वरदान, माँ ऐसी ही होती है। दुःख में खुद वो कराहेगी, फिर भी तुमको सराहेगी, चाहो तुम मत देना ध्यान, माँ ऐसी ही होती है। मातृ दिवस की शुभकामनाएँ!
पायल कश्यप
(मातृ दिवस) "वो दिन आया हैं, ना कभी आयेगा, जिसमें तेरा जिक्र, जुबां पे ना आया हो, एक बात कहूँ माँ, तू भले ही नज़र नही आती, पर जब भी देखती हूँ परछाई अपनी, तेरा अक्ष मुझे नज़र आता हैं।।" तेरे हाथों के निवाले से, मिटती थी भूख, अब तो बस, जीने के लिए खाती हूँ, ब्रांडेड छाते में भी नहीं मिलती ऐसी छाया, कैसा जादू वो तेरे आँचल में था। दर्द छुपाने की गर, कोशिश भी करती थी कभी, ना जाने तू कैसे भाप लेती थी, मैं सोचती रहती थी पल पल, ना जाने कैसे समस्या, तू हल कर देती थी। तेरे संस्करों से, हर्दय सबका जीत लेती हूँ, खुशी होती हैं जब कोई कहता है, किस्मत वाली हैं तू, जो उस कोख से जन्मी हैं, ओर आँखे भर आती हैं तब, जब कहना पड़ता हैं, कि दूर आसमाँ में, तू रहती हैं अब। एक दिन मैंने भी ईश्वर से पूछ लिया, क्यों मुझसे मेरी माँ को दूर किया, भर के आँखों में आशू, यूँ बोले भगवन मुझसे, याद मुझे भी माँ की आ रही थी, इसलिए पास अपने बुला लिया। असम्भव को तू सम्भव करती, हो सके तो फिर से लौट आओ माँ, याद सबको तू आती है, बेटा हो बेटी।।💐💐 (पायल कश्यप।) मातृ दिवस !💐💐