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Deep Kush
जटा में हो गंगा विराजमान, और गले में सर्प कि माला हो, हो चिता भस्म से लिपटा जो, जो स्वंम ही विष का प्याला हो, मृत्यु भी नतमस्तक हो जाए, जो स्वयं में इतना बलशाली हो, वो ‘महाकाल' कहलाया है, जिसकी सारी दुनिया दीवानी हो !!! जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शि
Deep Kush
जटा में हो गंगा विराजमान, और गले में सर्प कि माला हो, हो चिता भस्म से लिपटा जो, जो स्वंम ही विष का प्याला हो, मृत्यु भी नतमस्तक हो जाए, जो स्वयं में इतना बलशाली हो, वो ‘महाकाल' कहलाया है, जो तीनों लोको का स्वामी हो !!! जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शि
मीनाक्षी मनहर
आशा की किरण /मीनाक्षी मनहर सुबह सवेरे पांच सितम्बर का दिन फोन पर बहुत से दोस्तो की शुभ- कामनाऐ फेसबुक ,
मीनाक्षी मनहर
आशा की किरण /मीनाक्षी मनहर सुबह सवेरे पांच सितम्बर का दिन फोन पर बहुत से दोस्तो की शुभ- कामनाऐ फेसबुक ,
Sagar vm Jangid
अगर मैं रावण होता तो जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् इदम् हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् #dashhara #ravan जटा टवी गलज्जल प्रवाह पावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्ग तुङ्ग मालिकाम् डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकार चण्डताण
Vishal Chavan
कवी.. फुलांचा कळ्यांचा, वाडी वस्तीचा मळ्यांचा.. ओढ्याचा झर्यांचा, डबक्याचा अन तळ्यांचा... मी एक कवी, तिच्या गालावरच्या खळीचा.. गुलाबाचा जास्वंदीचा, बाभळीचा अन बोरीचा... आनंद लिहतो लेखणीने, लेखणीने दुःख लिहतो, विराणी गातो कंठाने, कंठाने आनंदगीत गातो.. जिथे जातो तिथे तिथे, तसा आणि तोच होतो.. स्वर्गात गेल्यावर स्वर्ग, नरकात गेल्यावर नरक होतो.. Vishaal/Aadinaath 18-07-21 ©Vishal Chavan #कवी
Piyush Kumar
निगाहों में कोई दूसरा चेहरा नहीं आया भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का ।। # लवी
Gayatri Sonaje
कवी असो वा नसो मनातले लिहिण्यास पुर्ण अधिकार असतो... कडू गोड शब्द व्यक्त करून वेडेमन जरासे हलके करतो... ©Gayatri Sonaje कवी
Dileep Bhope
कवी सुखदुःखांच्या ऐलतीरी अन् पैलतीरी शब्दांची सळसळती जाणीव हवी. अतृप्तीचे क्षण तर अनेक इथेतिथे जाणे तृप्तीत उणीव, तो एक कवी! ©Dileep Bhope #कवी