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HANAMANT YADAV (कवीराज)

गजल वेलेंटाइन डे #कविता

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जिंदगी जीने का एक सहारा मिल गया।
तु मिली और मुझे किनारा मिल गया।

हर गली ढूंडते थे निशा तुम्हारा,
हर चौराहे पर अक्स तुमहारा मिल गया।

कभी बदनाम न थे इस गली मे हम,
अब नाम ही ना रहा जो नाम तुम्हारा मिल गया।


कवीराज(हणमंत यादव)
९०२१०३४९१७ गजल वेलेंटाइन डे

CalmKrishna

गजल...! गज़ल गजल gazal कविता शायरी

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 गजल...!

#गज़ल #गजल #gazal #कविता #शायरी

kanta kumawat

हेप्पी रोज डे गज़ल #dilkibaat #शायरी

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फूलों सी अपनी कलम 
वो गुलाब भी कभी-कभी गुस्ताखियों के गीत सुनाता है 
वो जहर था जख्म का पर खुद को मरहम बताता है।
वो फूल कहाँ था जो आज सूल बनकर सजा सुनाता है।
वो बेईमान है इस वक्त के जो खुद गुलाब होने  के नखरे उठाता है।
वो गुलाब तो खुद भी कभी-कभी गुस्ताखियों के गीत सुनाता है ।
कान्ता कुमावत 
हेप्पी रोज़ डे

© kanta kumawat हेप्पी रोज डे गज़ल 

#dilkibaat

Shailesh Maurya

गजल गज़ल शायरी nojotohindi

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जीने की इस जहाँ में दुआएं मुझे न दो,
जलता हुआ मकां हूँ हवाएँ मुझे न दो।

कहते अगर हो इश्क इबादत के जैसे है,
फिर इश्क ही किया है सज़ाएं मुझे न दो।

तोड़ा है दिल किसी ने भुलाए न भूलता,
फिर याद आये ऐसी फिज़ाएं मुझे न दो।

इक पल की भी जुदाइ सितम मेरे दिल पे है,
हर बार दूर जा के सदाएँ मुझे न दो।

होते हो तुम जो साथ तो रहती बहार है,
ऐसे मेंं दूर रह के खिज़ांएं मुझे न दो।

गुजरा है "शैल" इश्क़ में हर इम्तिहान से,
अब जिंदगी में और बलाएँ मुझे न दो। #गजल #गज़ल #शायरी #nojotohindi

kanta kumawat

रोज डे गज़ल अपनी कलम #lovebirds #शायरी

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अपनी कलम
वो गुलाब भी कभी-कभी  गुस्ताखियों के गीत सुनाता है।
वो जहर था जख्म का जो खुद को आज मरहम बताता है।
वो फूल कहाँ था जो सूल बनकर  हर रोज सजा सुनाता है।
वो बेईमान  है इस वक्त का जो गुलाब होने के नखरे उठाता है।
कान्ता कुमावत 
हेप्पी रोज़ डे
7 फरवरी

© kanta kumawat रोज डे गज़ल 
अपनी कलम

#lovebirds

kanta kumawat

प्रपोज डे गज़ल अपनी कलम #alone #शायरी

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अपनी कलम 
वो सुकून तो नही होगा ना, जहाँ मोहब्बत शोर मचाती है।
जो गिरा देती है घुटनों के बल और जीन्दगी भर तड़पाती  है।
वो सुकून तो नहीं होगा ना , जहाँ मोहब्बत शोर मचाती है।
कान्ता कुमावत 
हेप्पी प्रपोज डे
8 फरवरी

© kanta kumawat प्रपोज डे गज़ल 
अपनी कलम 
#alone
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