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SAHIL WARSI (BATTAMIJ £ONDA)

मेरी नई ग़ज़ल #poem

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जने हशीन थी और फूल चुन के लाती थी
मै शेर कहता था वो दास्ता सुनाती थी
मुनाफीको को मेरा नाम जहर लगता था
वो जानबुझ के गुस्सा उन्हे दिलाती थी
साहिल से दूर रहो लोग उसे कहते थे
वो मेरा सच है बहोत चीख कर बताती थी
साहिल ये लोग तुम्हे जानते नही है अभी
गले लगा के मेरा हौसला बढ़ाती थी
उसे किसी से मुहब्बत थी और वो मै नही था
ये बात मुझसे ज्यादा उसे रुलाती थी
मै उसके बाद कभी ठीक से नही जागा
वो मुझको ख्वाब नही नींद से जगाती थी
हिंदी लहू था रगो मे बदन सुनहरा था
वो मुस्कुराती नही थी दिये जलाती थी
        ✍BATTAMIJ£ONDA मेरी नई ग़ज़ल

Kalicharan Saxena 'Dhool'

ग़ज़ल नई रचना #Sunrise #शायरी

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क्या है उसकी अजब कहानी पता नहीं है
कब तक अपना दाना पानी पता नहीं है
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रावण और सिकंदर कितने चले गए हैं
हो गई सबकी खत्म कहानी पता नहीं है
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जल्लादों, कातिलों और शैतानों का भी
क्यों होता चेहरा इंसानी पता नहीं है
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अब इंसानों की बस्ती में डर लगता है
कब हो जाएगी कुर्बानी पता नहीं है
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हमको सब दिखते हैं अब भगवान यहां 
कब तक चलेगी ये शैतानी पता नहीं है
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हर कूचें, गली, मोहल्ले में हमने देखा है
कहां गई वो प्रीत पुरानी पता नहीं है
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कितना अत्याचार बढ़ गया दुनिया में अब
कब आओगी मातु भवानी पता नहीं है
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''धूल'' धूल को धूल समझ कर बैठा है
हम भी हैं पक्के सिर दानी पता नहीं है

©Kalicharan Saxena 'Dhool' ग़ज़ल

नई रचना

#Sunrise

Lalit Rang

एक नई ग़ज़ल आपके हुज़ूर #शायरी

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एक नई ग़ज़ल आपकेएक नई ग़ज़ल आपके हुजूर

©Lalit Rang एक नई ग़ज़ल आपके हुज़ूर

Prem Narayan Shrivastava

मेरी इक नई ग़ज़ल #holdmyhand #शायरी

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ये हमारी भी कैसी मजबूरी थी तुमसे शिकवा कर नहीं सकते ज़ख्म भी दिए तूने हजार मगर कह नहीं सकते थे

ये तुम्हारी गलतफहमियां है बेवफा की राह हमें मंज़ूर है मगर शायद मालूम नहीं खिलाफत कर नहीं सकते थे

हम पे जो गुजरी है खुदा करे तुझ पे न गुज़रे कभी  दिल भी तोड़ दोगे तो बद्दुआ कत्तई हम दे नहीं सकते थे

वो दिन कितने मनहूस थे जब मुसीबत की रातें गुजारी थी   तेरा रुतबा परख कर हम अर्ज़ कर नहीं सकते थे

रात था मै कश्मश में इस कदर की तन्हा के आलम में अहल दिल मुश्किल में है क्या करूं कह नहीं सकते थे

  😍मेरी इक और नायाब ग़ज़ल दर्द ए ज़िन्दगी😍

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल

#holdmyhand

Deo Darshan Singh kavi

मेरी नई ग़ज़ल के कुछ अशआर #Shayari

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