Find the Latest Status about नींबू तुलसी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नींबू तुलसी.
Prashant Mishra
हर सफ़र की गहन सी थकावट हो तुम जो समझ में ना आये लिखावट हो तुम जब प्यास लग जाये गर्मी भरी राह में 'नींबू-पानी' के जैसी तरावट हो तुम --प्रशान्त मिश्रा "नींबू पानी"
प्रवीण चतुर्वेदी
कार्तिक माह की एकादशी को मंगल उत्सव यह होता है। माता तुलसी के संग शालिग्राम का विवाह होता है।। हर घर के आँगन में मण्डप गन्ने का सजता है। कई तरह के फलों संग मिष्ठान का भोग लगता है।। माता मानकर ही वृन्दा को हर दिन पूजा जाता है। मंजरी की वजह से इन्हें मंजरीक भी कहा जाता है।। मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश आज से ही किया जाता है। श्रीहरि की आराधना करके कार्य शुरू किया जाता है।। श्री श्याम का ही रूप शालिग्राम को माना जाता है। माता वृंदावनी के संग ही सदैव उन्हें भी पूजा जाता है।। तुलसी
Azaad Pooran Singh Rajawat
सर्दी हो, गर्मी हो, चाहे हो बरसात, बीमारियों से बचना है, डॉक्टरों से पानी है निजात, घर में हमेशा रखें नींबू और छाछ, बीपी के बेहोश को भी होश में ला देता है नींबू, जोश में ला देता है नींबू, फूड पॉयजन बीमारी के लिए, अमृत बन जाती है छाछ, तासीर के अनुसार ले, ताज़ा ले, प्रतिदिन ले, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं नींबू और छाछ । ©Azaad Pooran Singh Rajawat #Winters नींबू और छाछ
maher singaniya
तुलसी घर के आंगन को स्वर्ग बनाये, लाखो रोगों को मिटाये ऐसा चमत्कारी पौधा,'तुलसी' जिसका नाम कहलाये! भारतीय परंपरा का प्रतीक यह, संस्कारो से पहचान करवाये भगवान के छप्पन भोग भी इसके बिना अधूरे रह जाए महत्ता इसकी बहुत निराली, जीवन को खुशहाल बनाये दीपक सुबह शाम जो इसके लगाए, नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाए... राम श्याम विष्णु वन तुलसी, अनेको इसका नाम बताए जो भी पूजे अपने घर में, सुख समृद्धि उसकी बढ़ जाए। पवित्र तुलसी जी की, गंगा जल के समान पाए नन्हा सा ये पौधा, प्रकृति का वरदान कहलाए इसकी तुलना नारी सम जानी, मां सी ममता इसमें पाए प्रकृति का ये रूप अनोखा , सारे जग में पूजा जाए..!🙏 ©maher singaniya तुलसी...
नंदन.
अकेली मैं नहीं तरसी मोह पाश से बन्धित तेरे चौरे में जल के बूंद-बूंद को तरसती पानी मिलती खूब जड़ को पर नीर को तरसती सुबह हाथ बढ़े थे हमें सींचने रात उसी ने लगे हमें तोड़ोने मैं विवश लगी रही रोने आंगन में तारे गीने नित्य की यही क्रिया थी हमने चौरे तोड़े उसने घर तोड़े और किसी ने आंगन तोड़े टूटगई मां की ममता बच्चों के हृदय टूट गए छूट गई आंख-मिचौली मानो बचपन के भग्य ही फूट गए घर आंगन को तरसा आंगन बच्चों को तरसा बच्चे तुलसी को तरसा हृदय शांति को तरसा ©M.N.Sahitya Sangh,Katihar Mn75 #तुलसी