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Vibhor VashishthaVs
अर्थात-: हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है, जो ज्ञान का भंडार है, जो हमारे पापों तथा हमारी अज्ञानता को दूर करने वाला है हम उस ईश्वर से प्रार्थना करते हैं की वह हमें प्रकाश दिखाए और हमें सत्य पथ पर ले जाए। 🙏🙏हर हर महादेव शिव शंभु🙏🙏 ✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ अर्थात-: अर्थात-: हम ईश्वर की महिमा का ध्यान
atrisheartfeelings
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥ ॐ : परब्रह्मा का अभिवाच्य शब्द भूः : भूलोक भुवः : अंतरिक्ष लो
Vikas Sharma Shivaaya'
गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। इस मंत्र का अर्थ होता है कि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें। गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति... मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की- प्रारंभ में गायत्री मंत्र सिर्फ देवताओं के लिए ही था। गायत्री मंत्र : 24 अक्षरों की 24 शक्तियां, 24 सिद्धियां, 24 देवता:- तत्: देवता -गणेश, सफलता शक्ति। ... स: देवता-नरसिंह, पराक्रम शक्ति। ... वि: देवता-विष्णु, पालन शक्ति। ... तु: देवता-शिव, कल्याण शक्ति। ... व: देवता-श्रीकृष्ण, योग शक्ति। ... रे: देवता- राधा, प्रेम शक्ति। ... णि: देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति। ... यं: देवता- अग्नि, तेज शक्ति। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 244 से 254 नाम 244 जह्नुः अज्ञानियों को त्यागते और भक्तो को परमपद पर ले जाने वाले 245 नारायणः नर से उत्पन्न हुए तत्व नार हैं जो भगवान् के अयन (घर) थे 246 नरः नयन कर्ता है इसलिए सनातन परमात्मा नर कहलाता है 247 असंख्येयः जिनमे संख्या अर्थात नाम रूप भेदादि नहीं हो 248 अप्रमेयात्मा जिनका आत्मा अर्थात स्वरुप अप्रमेय है 249 विशिष्टः जो सबसे अतिशय (बढे चढ़े) हैं 250 शिष्टकृत् जो शासन करते हैं 251 शुचिः जो मलहीन है 252 सिद्धार्थः जिनका अर्थ सिद्ध हो 253 सिद्धसंकल्पः जिनका संकल्प सिद्ध हो 254 सिद्धिदः कर्ताओं को अधिकारानुसार फल देने वाले 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है।
Vikas Sharma Shivaaya'
🙏आरोग्य के 10 महामंत्र🌹 'मंत्र' का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना-संकट कालमें अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके कारण चिंता पैदा हो रही है, तो मंत्र सबसे कारगर औषधि है, आप जिस भी ईष्ट की पूजा, प्रार्थना या ध्यान करते हैं उसके नाम का मंत्र जप सकते हैं:- ⚜️पहला मंत्र : भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र- *ॐ ह्रीं जूं सःभूर्भुवः स्वः* *ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे* *सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम् उर्व्वारूकमिव* *बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्ॐ स्वःभुवःभूः ॐ सःजूं हौं ॐ।।* *ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतमजन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः* ⚜️दूसरा मंत्र : देवी भगवती का मंत्र-* *🚩ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी* *दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधानमोऽस्तुते* *देहि सौभाग्यम आरोग्यम देहि मे परमं सुखम* *रुपम देहि,जयम देहि,यशो देहि द्विषो जहि* ⚜️तीसरा मंत्र : धन्वंतरी का मंत्र- *🚩ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये* *अमृतकलशहस्ताय सर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय* *त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय* *श्रीधन्वंतरीस्वरूपाय श्रीश्रीश्री औषधचक्राय नारायणाय नमः॥* ⚜️चौथा मंत्र : हनुमान जी का मंत्र-* *🚩ॐ नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे* *वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा* ⚜️हनुमान जी का चालीसा मंत्र-* *🚩नासै रोग हरे सब पीरा,जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा* *संकट ते हनुमान छुडावैं, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै* ⚜️पांचवां मंत्र : विष्णु जी का मंत्र *🚩शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।* *विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्।।* *लक्ष्मीकान्तंकमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।* *वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।* *ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।* ⚜️छठा मंत्र : श्री कृष्ण जी का मंत्र *🚩कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।* * प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥* ⚜️सातवां मंत्र : श्री नृसिंह देव का मंत्र- *🚩ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।* *अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।* ⚜️आठवां मंत्र : गायत्री माता का मंत्र- *🚩।।ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।* ⚜️नौवां मंत्र : सूर्य देव का मंत्र- *🚩नमःसूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे* *आयु आरोग्य मैवास और देव देहि देवः जगत्पते* *नमः सूर्याय शांताय सर्वग्रह निवारिणे* *आयुर आरोग्य मसेवल्लम देहि देह जगत्पते* ⚜️दसवां मंत्र :श्री गणेश आरोग्य मंत्र- *🚩ॐ नमो सिद्धिविनायकाय सर्वकारकत्रै सर्वविघ्न प्रशमनाय* *सर्वरोग निवारणाय सर्वजन सर्वस्वी-आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा।* विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 694 से 705 नाम 694 वसुप्रदः जो भक्तों को मोक्षरूप उत्कृष्ट फल देते हैं 695 वासुदेवः वासुदेवजी के पुत्र 696 वसुः जिनमे सब भूत बसते हैं 697 वसुमना जो समस्त पदार्थों में सामान्य भाव से बसते हैं 698 हविः जो ब्रह्म को अर्पण किया जाता है 699 सद्गतिः जिनकी गति यानी बुद्धि श्रेष्ठ है 700 सत्कृतिः जिनकी जगत की उत्पत्ति आदि कृति श्रेष्ठ है 701 सत्ता सजातीय, विजातीय भेद से रहित अनुभूति हैं 702 सद्भूतिः जो अबाधित और बहुत प्रकार से भासित हैं 703 सत्परायणः सत्पुरुषों के श्रेष्ठ स्थान हैं 704 शूरसेनः जिनकी सेना शूरवीर है और हनुमान जैसे शूरवीर उनकी सेना में हैं 705 यदुश्रेष्ठः यदुवंशियों में प्रधान हैं 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏आरोग्य के 10 महामंत्र🌹 'मंत्र' का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधना-संकट कालमें अनावश्यक और अत्यधिक विचार उत्पन्न हो रहे हैं और जिनके
Pranav Shandilya
Manjeet Sharma 'Meera'
🌼🌹🌺 🌸 🥀 🌻 🌼🌹 🌷 🌷🌷 🌻 💐 🌹🌻 🌿दौर पतझड़ का ठहरेगा कब तक यहां🌿 🌹पेड़ पर देख बर्ग-ओ-समर आ गए🌹 # पेड़ पर देख बर्गो समर आ गए🌹
Anjali
यू तोह आशिक बहुत है देश मे।। मगर सुखदेव ,भगतसिंह, राजगुरु, से आशिक नही।। ये वो आशिक है जिनकी अशिकीय देश से थी ll नमः 🙏 ©Anjali बलिदान देवस् #shaheeddiwas
Sachin Pratap Singh
sachin Pratap singh ©Sachin Pratap Singh सोने री धरती अठे, चांदी रो आसमाण रंग रंगीलों रस भर्यो म्हारो प्यारो राजस्थान... #rajsthan
Anjana Gupta Astrologer
ऋग्वेद मैं रुद्रों के साथ विचरती हूँ ,वसुओं के साथ भी । पीठ पर आरूढ होते हैं आदित्य , कभी विश्वदेवता भी ।मित्रावरुण को साथ लेकर चलती हूँ ,कभी अश्विनीकुमारों को । कभी इन्द्र और अग्नि मेरे साथ चलते हैं।।1 सोम की तरंगों पर बैठी हुई आक्रमण करती हूँ शत्रु पर नवसृजन का कौशल समझती हूँ। उन पोषण क्षमताओं से भरी हूँजिनमें भगवत्ता विराजित है ।समर्पण की स्रोतस्विनी हूँ ,यज्ञ को बनाती हूँ औरसमर्पण की स्रोतस्विनी हूँ ,यज्ञ को बनाती हूँ औरयजमान का हृदय खोल देती हूँ।।2।। मैं सम्पूर्ण भुवन की अधीश्वरी हूँ ,सब वसुओं की संगमनी हूँ ।मैं ही प्रथम यज्ञ की प्रथम ज्वाला , सब देवता मुझमें ही रमे हुए ।सबका जीवन मेरे भीतर और मैं सबके भीतर उतरी हुई हूँ ।।3।। मुझसे ही यह अन्नमयलोक ,मुझसे ही यह दृश्य जगत् , मुझसे ही यह प्राणमयलोक ,मुझसे ही श्रुति-परम्परामेरी शरण में जो नहीं आते ,वे भी मेरे ही आश्रय में ।सुनो , श्रद्धावान् !यह रहस्य मैं बताती हूँ । मैं उस ज्ञान की उद्घोषिका हूँजो देवों में , मानुषों में चिरकाल से स्थापित ।मैं जिसे चाहती हूँ ,उसे तेज से भर देती हूँ ।मैं ही बनाती हूँ ब्रह्मवेत्ता ,मैं ही बनाती हूँ ऋषि ,मैं ही बनाती हूँ मेधावियों को ।।5।। मैं उठाती हूँ धनुष रुद्र के लिये ,ब्रह्म के द्रोहियों का नाश मैं ही करती हूँ ।शरणागतों की रक्षा के लिये युद्ध करती हूँ ,इस द्यावा -पृथ्वी में मैं सर्वत्र व्याप्त हूँ ।। इस विश्व की मूर्धा में मैंने सूर्य को स्थापित किया । मेरा घर जल में , अंत:समुद्र में ।सब भुवनों में मैं खड़ी एकाकीछू सकती हूँ सुदूर लोकों के शिखर ।।7।। सकल भुवनों को रचती हुईमैं वायु की तरह प्रवाहित हूँ ।पृथ्वी पर भी हूँ ,द्युलोक से ऊपर भी हूँ । मैं अपनी ही महिमा से यहाँ भी हूँ , वहाँ भी हूँ ।।8 देवीमय संसार