Find the Latest Status about ज्योति जला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज्योति जला.
Azaad Pooran Singh Rajawat
सागर किनारे हम पास है तुम्हारे तुम पास हो हमारे नज़रों से नज़र मिलाओ दिल से दिल लगाओ चांदनी सी मुस्कुराते हुए तुम पास आओ हमारे प्रीत ज्योति जलाओ रोशन हो दिल हमारे। प्रेम दिवस की आजाद शुभकामनाएं। ©Azaad Pooran Singh Rajawat #loversday #प्रेम ज्योति जलाओ#
SuryaVanshi Jyoti Thakur
परवाज़ हाज़िर ........
अयि दुर्गामयि तृतीय स्वरुपिणी चंद्रघंटामातृ आराधिते , स्मरणचित्आवाह्नंअहम्पूजितं मणिपुरचक्रम् ध्यानकृते , ©G0V!ND DHAkAD #navratri #third_day श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं। मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
नभ में छवि प्रियतम की छाई नैनो ने फिर ज्योति जलाई , खोजन निकली दोनो सखियां फिर भी प्यासी रहीं आँखियां , महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR नभ में छवि प्रियतम की छाई नैनो ने फिर ज्योति जलाई , खोजन निकली दोनो सखियां फिर भी प्यासी रहीं आँखियां , महेन्द्र सि
मीनू
सूनी हो गई बगिया सारी सूना पड़ा पंडाल सज- धज कर तुम विदा हुई रह गए हम बेहाल अगले बरस तू जल्दी आना दिल से मांँ पर कभी न जाना जग
ashish gupta
प्रार्थना वो फूल है,जो हर खुशबू का मूल है विश्वास का तिलक लगा ले माथे पर हर समस्या पर लग जाता त्रिशूल है प्रेम और स्नेह का मंत्र जाप कर तू तो माफ हो जाती हिदय की भूल है राम-राम की ज्योति जला ले मन में वातावरण में हो जाएगी शांति की धूल है ©ashish gupta #quotation प्रार्थना वो फूल है,जो हर खुशबू का मूल है विश्वास का तिलक लगा ले माथे पर हर समस्या पर लग जाता त्रिशूल है प्रेम और स्नेह का मंत्
Piyush Shukla
Happy Vasant Panchami हे माँ वीणावादिनी, देना मुझको ज्ञान तेरी पूजा में रहे, हरदम मेरा ध्यान कलम मेरि सच ही लिखे, सच का दूँ मैं साथ कीचड़ फूल खिलाउँ पर, मैले ना हो हाथ सदा बड़ो को मान दूँ, अनुजों को मैं प्यार जिह्वा मेरी ना करे, कभी किसी पे वार जब भी मैं भटकूँ कहीं, करूँ सही ना काम ज्ञान की ज्योति जलाकर, लेना मुझको थाम सरस्वती वंदना बसन्त पंचमी की शुभकामनाएं हे माँ वीणावादिनी, देना मुझको ज्ञान तेरी पूजा में रहे, हरदम मेरा ध्यान कलम मेरि सच ही लिखे, सच का
Sumit Pandey
जीवन के नए पन्नो को, पुरानी स्याही से लिखने चला ! एक बार सोच तो सही, उसमे है भरा क्या ? निराशा, हार, दुःख, विनाश समाए है उसमें ! उससे हर्ष-उल्लास लिखेगा भला तू क्या ? अपने भीतर नई ज्योति जला, जिसके तप से नष्ट हो ! सभी द्वेष उस स्याही की, उस ज्योत से नई स्याही बना । तब लिख अपने पन्नो पर, नई उम्मीदों को, साहस को ! नव जीवन की शुरुआत कर, वसन्त ऋतु सी चहचहाहट कर । P.S - इस कविता को अपने विचारों से एक शीर्षक देने का कष्ट अवश्य करे । #collabwithme with suitable title 😊 जीवन के नए पन्नो को, पुरानी स्याह
vibrant.writer
खुली किताब २/२ ©Vibrant writer फिर शुरू हुआ एक नया अध्याय, जहां से किताब जैसे बदल जाए। प्रकृति मिलके भरपूर प्रेम बरसाय, मुझे जैसे अपने आप से मिलवाय। गुरुने आकर ध्यान ज्योति जला दी, खुद से प्रेम करने की बात बता दी। ©Vibrant writer यूं शुरू हुआ सही लोगों का आना, कुछ सीखना और कुछ सिखाना। अब तो लगती अंधकार रात्रि भेंट, दिन भर हुई गलतियों का आखेट। सच मानो अगर गुरु ना मिले होते, किताब के पन्ने बिखरे ही पड़े होते। खुली किताब २/२ ©Vibrant writer फिर शुरू हुआ एक नया अध्याय, जहां से किताब जैसे बदल जाए। प्रकृति मिलके भरपूर प्रेम बरसाय, मुझे जैसे अपने आप