Find the Latest Status about दर्मिया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दर्मिया.
Priyanka Singh
चाहो तो छुड़ा लो, दामन अपना , दर्मियां मेरे तुम्हारे, काटें बहुत हैं। मिलना जो हमसे तो फुर्सत में मिलना, कुछ नहीं कहने को, बातें बहुत हैं। दिन के उजाले , परेशा हैं तुमसे रूबरू होने को, रातें बहुत हैं । प्रियंका सिंह चौहान शेरिल ,,,11/ दर्मियां
Dishant self
जरुरी नहीं होता प्यार का इज़हार करना #अगर दर्मियां हो प्यार तो
Musafeer K S Adhikari
कहने वालों का कुछ नहीं जाता... सहने वाले कमाल करते हैं ! कौन ढूंढे जवाब "दर्द" के.... लोग तो सिर्फ सवाल करते हैं !! # कुछ मजबूरियां भी है दर्मिया तेरे मेरे
Eshu bauddh
हम मुसाफिरों की महफिल में मोहब्बत का घर नहीं बसता, पगली तुझे कैसे समझाऊं उजड़े चमन में फूलों की महफिल नहीं सजा करती। - ए.पी. बौद्ध 🌺🌺तेरी यादों के दर्मियां 🌺🌺
Nikhil Kaushik
ख्वाबों के दर्मियाँ मुलाक़ात हुई उनसे ए खुदा जबसे जागा हूं उसका वजूद तलाश रहा हूं मैं... ©Nikhil Kaushik Follow Me on Instagram @niks_personal_diary #ख्वाबों #दर्मियां #मुलाकात #वजूद #तलाश
Kajalife....
जब तुम समझतें हो हालात मेरे तो मैं क्यूं न समझूं , जब तुम करतें हो इंतजार मेरा तो मैं क्यूं न करूं , बस ख्वाहिश थी तुझे देखने की , वो भी अधूरी रह गई तू पीछे मुड़कर न देख हमारे दर्मियां कई शिकायतें रह गई । Kajalife पीछे मुड़कर न देख हमारे दर्मियां कई शिकायतें रह गई ....!!!!
kajal shah
#OpenPoetry छुपी इन पलको पे एक नई उम्मीद है तेरे होने की एक जूठी तसल्ली है हर जगह पे तेरा एहसास है सूखे पत्तों पे तेरा नाम है चोट तुजे लगे दर्द यहा होता है मेरे हर एक सवाल का जवाब तुझमे होता है तेरे ना होने से रुठ गया है ये दिल सायद तेरे आने का इंतजार लगा है तेरी हर एक याद में जिये है.. तेरे साथ ही हसे है रोये है आंसू की बूंदों का दरिया लगा रेहता तकिये तले तेरी खामोसी छुपाये सोये है कभी बिन बोले समज जाते थे सारे गम अब समझ के भी अनसुना करने लगे दूर हो कर भी पास सी लगती हो अभी भी तू अपनी सी लगती हो सोचा था भुला देंगे तुजे एक भूरा सपना समझकर पर अबतो सपनो में भी वही दिन वही हसी में परी लगती हो मेरी तन्हाई में एक तेरा साथ था हर एक खुसियोमे सबसे ऊपर तेरा नाम था सुबह की पहली किरण तेरे चेहरे से होती थी रात की चांदनी भी तेरे कदमो में सोती थी ना जाने क्यों खफा हो गई तुम कुछ यादे छोड़ के गई तुम कहिना कहि अब भी थोड़ा प्यारतो तुझको भी है पर अब हालात नही मिल रहै तो कहि अल्फ़ाज़ नही मिल रहे। कुछ तो है जो आज तू भी जानती है और कहिना कहि में भी क्योंकि कहिना कहि आज कुछ तो है तेरे मेरे दरमियां। कुछ तो है तेरे मेरे दरमियां।। #OpenPoetry कुछ तो है तेरे मेरे दर्मिया #Ekvichar #एक नई शुरुआत