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अनिता कुमावत
स्त्रियाँ टांके लगा लेती है अपनी ख्वाहिशों को बुन लेती है कुछ नये ख्वाब रंग देती है अपने प्रेम- स्नेह से रिश्तों के कच्चे धागे को और पक्का कर लेती उन्हें उम्र भर के लिए ...!!!! स्त्रियाँ बुनाई सिलाई कढ़ाई में निपुण होती हैं ना 😊😊 #स्त्री #ख्वाहिशें #निपुण #yqdidi #yqhindi #pinterest
परवाज़ हाज़िर ........
hashamat ki bunai me zaruri he ke tum khudadar ban jao.. lakhire khichti jani he ke tum galib ki gazal me kahi bus shabd naa rah jao... ©G0V!ND DHAkAD #dailymessage #the #book हशमत की बुनाई में ज़रूरी हे के तुम खुददार बन जाओ.. लखीरे खिचती जनि हे.. के तुम ग़ालिब की ग़ज़ल में बस शब्द ना रह जाओ
Nandita Tanuja
Nisha Bharti Jha
// कवियों की जान // कभी प्रेम के रूप में पिरो दिये जाते है तो कभी वात्सल्य की करूणा में भीगो दिये जाते है, ये कविता है जनाब बिन कहे लाख बात कह जाते है | न इनमे आत्मा होता है न भावना हर परिस्थिति के साथ खुद को ढाल लेते हैं | ख़ामोशी में भी इनकी चीखें सुनाई देती है,ये कविता ही तो हर कवि के जीवन की बुनाई होती है, कभी अकेलेपन की संगिनी बनती है तो कभी महफ़िल में लगाती है चार चाँद | कभी मजबूरी हो जाती है तो कभी शौक, कभी जीने का ज़रिया होती है, तो कभी इश्क़ का दरिया | ये कविताएँ तो हम कवियों की जान होती हैं | // कवियों की जान // कभी प्रेम के रूप में पिरो दिये जाते है तो कभी वात्सल्य की करूणा में भीगो दिये जाते है, ये कविता है जनाब बिन कहे लाख
MohiniGupta
तेरी अँगूठी तेरी सगाई बन जाऊँगा, आँसुओ की हमेशा की विदाई बन जाऊँगा, उस रात के दुग्ध की मलाई बन जाऊंगा, मेरी प्रिये मैं तेरे जीवन की गहराई बन जाऊँगा, उस पहली रसोई की चाशनी की कढ़ाई बन जाऊंगा, तेरे छौंके की हींग हल्दी राई बन जाऊँगा, तेरे नींबू के आचार की खटाई बन जाऊँगा मैं तेरे जीवन की गहराई बन जाऊँगा, गर्मी में कुल्फ़ी रसमलाई बन जाऊँगा, सर्दी में तेरा कम्बल रज़ाई बन जाऊंगा, तेरा AC कूलर चारपाई बना जाऊंगा मैं तेरे जीवन की गहराई बन जाऊँगा, मयके की याद में बाबा तेरी आई बन जाऊंगा, तेरा ही खर्च तेरी ही कमाई बन जाऊँगा, तेरी सलाइयों की बुनाई बन जाऊंगा मैं तेरे जीवन की गहराई बन जाऊँगा, एक कोशिश तुम मेरे जीवन का सार बन जाना (female) के बाद now male version😊 तेरी अँगूठी तेरी सगाई बन जाऊँगा, आँसुओ की हमेशा की विदाई बन जाऊँगा,
Amit Tripathi
Vibha Katare
याद आया जो बचपन... याद आए कई हसीं पल.. आँगन... अमरूद... ज़िंदा ज़िंदा सा पड़ोस... Please read in caption ... याद आया जो बचपन... याद आए कई हसीं पल.. आँगन... अमरूद... ज़िंदा ज़िंदा सा पड़ोस... नीला आसमान.. डूबते सूरज के साथ लौटते पखेरू.. एक कतार से उड़ते
Yashpal singh gusain badal'
रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी चहकना है । तो कभी खिलना है । कभी बिखरना है । तो कभी पिरोना है । आखिर ये एक जिंदगी है , कुछ न कुछ तो होना ही है । कभी तुम्हारे अनुकूल होगा, कभी तुम्हारे प्रतिकूल होगा, जो भी होगा मगर परिवर्तन तो जरूर होगा। जीवन हर दिन नए आयमों में यात्रा करेगा, सुख और दुःख आएंगे और जाएंगे , कपड़े की बुनाई की धागे की तरह, एकबार नीचे एकबार ऊपर, जिंदगी का कपड़ा बुनता है इसी तरह, सुख और दुख के दो धागों से, दुख और सुख पूरक हैं इक दूजे के , एक के बिना अर्थहीन है दूसरा । जितना बड़ा दुख होता है सुख के दिन होंगे उतने ही आनंदमयी , जितना गहन होगा अंधेरा उतना ही चमकदार होगा दिन, इसलिए जियो जिंदगी हर पल, चाहे कुछ भी हो, और कैसी भी हो, तुम जिंदगी का साथ छोड़ोगे नहीं, जिंदगी से मुख कभी मोड़ोगे नहीं । वक़्त बदलेगा, लोग बदलेंगे, परिवर्तन होंगे, मगर तुम खुद को कर लोगे अनुकूल सबके ! क्यों कि तुम एक जिंदगी हो, एक भरपूर जिंदगी हो । ©Yashpal singh gusain badal' रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी
Yashpal singh gusain badal'
जिंदगी एक कहानी रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी चहकना है । तो कभी खिलना है । कभी बिखरना है । तो कभी पिरोना है । आखिर ये एक जिंदगी है , कुछ न कुछ तो होना ही है । कभी तुम्हारे अनुकूल होगा, कभी तुम्हारे प्रतिकूल होगा, जो भी होगा मगर परिवर्तन तो जरूर होगा। जीवन हर दिन नए आयमों में यात्रा करेगा, सुख और दुःख आएंगे और जाएंगे , कपड़े की बुनाई की धागे की तरह, एकबार नीचे एकबार ऊपर, जिंदगी का कपड़ा बुनता है इसी तरह, सुख और दुख के दो धागों से, दुख और सुख पूरक हैं इक दूजे के , एक के बिना अर्थहीन है दूसरा । जितना बड़ा दुख होता है सुख के दिन होंगे उतने ही आनंदमयी , जितना गहन होगा अंधेरा उतना ही चमकदार होगा दिन, इसलिए जियो जिंदगी हर पल, चाहे कुछ भी हो, और कैसी भी हो, तुम जिंदगी का साथ छोड़ोगे नहीं, जिंदगी से मुख कभी मोड़ोगे नहीं । वक़्त बदलेगा, लोग बदलेंगे, परिवर्तन होंगे, मगर तुम खुद को कर लोगे अनुकूल सबके ! क्यों कि तुम एक जिंदगी हो, एक भरपूर जिंदगी हो । रचना-यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal' #alone रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रो
saurabh
उसको अब भी उसी राह की चाह है जिसको समझा के हारे ये जीवन ये मन उसको भाता है जीना सहज राह पर वह समझता नहीं अश्क या दर्द मन बिखर कर रह गए खुद ही जो ख्वाबों की बुनाई में बहुत खोया था मन को मन की इस गहरी सिलाई में कोई है ढूंढ़ता हमको नई शर्तों की सीमा में कोई है