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विनय शुक्ल 'अक्षत'
यूं ही आ जाती हो , बिन बताए अचनाक । खैर तुम्हारा क्या कसूर । कसूर तो मेरा है जो कर देता हूं , तुम्हारा जिक्र किसी से भी बेवजह । इतना सब कहकर भी , बहते आंसू सहकर भी नहीं चाहता मैं कि तुम चली जाओ । मैं तो चाहता हूं तुम बसा लो एक घर ,मेरे दिल में । धड़कनो को साक्षी मानकर मेरे जज्बातों के ले सात फेरे । हो जाओ मेरे , ये सूरज ,चन्दा ,तारे सभी तो आएंगे हमें आशीष देने । कब से -- पलकें बिछाकर बैठा हूं मैं ,तुम आओगे न ! विनय शुक्ल 'अक्षत' अतुकांत कविता
"Kumar शायर"
पल - पल हर पल ज़िंदगी उदाहरण देती है, कभी - कभी समस्या, समस्या का ही निवारण करती है...! ✍️.✍️.✍️ "Written:- by ©Umesh kumar #समस्या का उदाहरण
"Kumar शायर"
Every moment exemplifies life, Sometimes the problem, Troubleshoots the problem itself…! "Written: - by ©Umesh kumar #समस्या का उदाहरण
Ek villain
इस लालफीताशाही ही कहा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी शासन को लगातार पत्र भेज रहे हैं कि उनके स्टोर पर 3109 रिमाइंडर से एक्शन रखे हुए हैं उनका अब कोई प्रयोग नहीं रह गया इसलिए उन्होंने वापस मान लिया जाए लेकिन अधिकारियों ने इसका एक बार भी संघ एक नहीं किया और उनमें से साफ सुथरा जी इंजेक्शन एक्सपायर हो गए जाहिर है कि शासन के अधिकारियों ने इस गंभीर विषय नहीं माना फिर फाइल कही दबा दी अगर यह इंजेक्शन वापस मंगाकर उन अस्पतालों को दिए दिए जाते होते तो रिमाइंडर सीवर की जरूरत पड़ती तो सरकार को धमकी बचाते ही कई लोगों की जान बच जाती कुवैत की दूसरी लहर में देवेंद्र सेवर इंजेक्शन को लेकर कितना हाहाकार मचा था लोग इसे आज भी भूल नहीं पाए दवा की कालाबाजारी करने वालों ने 25000 से 100000 तक में बेचा था यह व्यवस्था और कार्य के प्रति संवेदनशीलता का मामला है यह पहला अवसर नहीं है जब कि किसी जेल में रिमाइंडर इंजेक्शन का एक्सपायर हो जाने की खबर आई हो पूर्व में भी ऐसी खबर आती रही है इस पर गंभीर से नहीं लिया गया ©Ek villain #अव्यवस्था का उदाहरण #roseday
Richa Dhar
मैं निःशब्द निरुत्तर सी खड़ी रही। तुम्हारा मौन रहना भी निर्रथक था, और मेरे लिए असहनीय अर्थहीन भी। मगर तुम्हारे हठ के आगे मेरा जोर नही चल सका, और मैं कठोर बन आंसुओं के सैलाब को रोक कर खड़ी रही। तुम्हें ज़रा भी फर्क़ नही पड़ा,न ही तुम मेरा चेहरा पढ़ सके, और मैं निरुत्तर सी आज तक तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ। ©Richa Dhar अतुकांत✍️✍️✍️ #Invisible
Pappu Bedardi Official
एक बार की बात है, एक बकरी थी। वो बहुत खुशी-खुशी अपने गांव में रहती थी। वो बहुत मिलनसार थी। बहुत सारी बकरियां उसकी सहेलियां थीं। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो सभी से बात कर लेती थी और सभी को अपना दोस्त मान लेती थी। ©Pappu Bedardi Official दोस्ती कहानि बकरी का उदाहरण #brothersday