Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ.

    PopularLatestVideo
d5f537ed35a6fbabc30924f48fbb2829

शिवाजी भाटी

तन समर्पित मन समर्पित

तन समर्पित मन समर्पित #शायरी

57 Views

3bf19d34b0d8a5570710712b74640af3

अर्पित तिवारी अज्ञात

Guru Purnima नव शिशु दीपक समान, छड़ छड़,है तुमसे ही प्रकाश पाता
ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं जग में,तुमको माना जाता

तुम चढ़ा चाक बनकर कुम्हार,देकर नव आकृति,नव विचार
संस्कृति प्रधान,गुण ज्ञानवान,प्रस्तुत करते,युग निर्माता
ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं जग में,तुमको माना जाता

निर्बल को देकर शक्ति नयी,निज राष्ट्रहितों में,भक्ति नयी
करता अबोध को को तू सुबोध,है सुगम पथ तू दर्शाता
ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं,जग में तुमको माना जाता

है सदृश तेरा अद्भुत रूप,सबसे है तेरी छवि अनूप
दे अज्ञानी को दिव्यज्ञान,तम दूर किए जग का जाता
ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं,जग में तुमको माना जाता अध्यापकों को समर्पित
अर्पित कुमार तिवारी

अध्यापकों को समर्पित अर्पित कुमार तिवारी

17 Love

0cc7dd380404914286332ff58a99cc0f

CalmKrishna

तुम ऊपर उठो तन - मन से,
मिलूँगा तुम्हें पूरे समर्पण से। #तन #मन #समर्पण #Love #Body #sher 

#alone
f74481e516e80e1cd3bc35c113ce65cb

Madhu Madhubala

एक कविता माँ को समर्पित

एक कविता माँ को समर्पित

39 Views

a9364e6bde00d673a3723d69dcb81986

Shakti baranwal

आज की कविता "बेटियों को समर्पित"

आज की कविता "बेटियों को समर्पित"

57 Views

1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

#Pehlealfaaz वह अनुबंधित.... नियंत्रित ...   कर्म बद्द .. 
कर्तव्य निष्ठ...  सतरंगी  रूपों  का    स्वामी 
प्रीतिकर   अप्रीतिकर  मे   जीता  हैँ 
वह  शुभ  अशुभ   समृद्ध      ध्वंधो   का   मेल   हैँ... 
विरोधाभासो    की  भीड़  मे   सोता हैँ 
वह  एकांगी  असंग हैँ  पर रिश्ते  समझता है 
क्यों की   वो  समर्पित  हैँ.... समर्पित......

समर्पित...... #Pehlealfaaz

3 Love

955a976e7f13f080ad3f8cb9bda26951

Vishal Chauhan

हाजरी उनकी आज भी खलती है, 
जब वो गेरो के संग में चलती है।  #NojotoQuote # समर्पित #

# समर्पित #

4 Love

955a976e7f13f080ad3f8cb9bda26951

Vishal Chauhan

हर रोज कर लेता हूं मरने का इरादा में, 
एक तेरा ख्याल मुझे जिंदा रखे हुए हैं।  #NojotoQuote # समर्पित #

# समर्पित #

2 Love

68a01ac2c21fa111e40df4ae38eca131

Dinesh Paliwal

चाँद तारे भी हैं उतारे ,
नदिया का निर्झर नीर भी ,
ये सब जो उपमा तुम को समर्पित ,
है कुछ में मेरी पीर भी ।।
चाह बस कि ये पत्र मेरा ,
कोने रखो तुम मन के किसी ,
बस कनखियों से देख लेना ,
हूँ चाह में बस जीता इसी ।
हूँ चाह में बस जीता इसी ।।

©Dinesh Paliwal #समर्पित
7ba9e2350e95569c29587269929fd71c

Sunita

सपनों के प्रति समर्पित हो
 तो दूर तक जाओगे
अपनो के प्रति समर्पित हो
तो बहुत ही ऊंचाई तक
जाओगे। चाह अगर
पा लेने की है।
तो कुछ न कुछ
तो पाओगे।

©Sunita
  #समर्पित
2ba4d37dec16e8fa8c75b0e7a7411967

✍️kumar ramesh💘

पूछती है ख़ुदा से ये सहमी हुई बेटियाँ,
अब तुम क्यों नही लेते हो कोई अवतार!
ये वहशी दरिंदे नोंच रहे हैं हमको,
इज़्ज़त हो रही हैं हमारी तार तार!!

क्या यूँ ही नोंचा जाता रहेगा हमको,
पूछ रही हैं तुमसे ये बार बार!
एक तुम ही बचे हो जिनसे विनती करू,
तुम्हारे अलावा कौन करेगा ये चमत्कार!!

डर लगने लगा है अब तो अपने ही घर में,
करू तो करू मैं किस पर विश्वास!
यूँ डर डर मरने से अच्छा रहेगा,
क्यों नही देते हमको कोंख में ही मार!!
            🙏समर्पित💐💐😢 समर्पित

समर्पित #Quote

2 Love

955a976e7f13f080ad3f8cb9bda26951

Vishal Chauhan

उनसे वफा की उम्मीद तो आज भी है, 
क्योंकी मेरे दुख से दुखी वो आज भी है, 
कल जो वार हुए थे जिस्म पर मेरे, 
निशान उनकी रूह पर आज भी है।  #NojotoQuote # समर्पित #

# समर्पित #

2 Love

869c1a2c7fc3deda4cd832733df597b4

बादल सिंह 'कलमगार'

भाव समर्पित मन स्वभाव समर्पित
बेरंगी दुनिया मे सतरंगी कल समर्पित
जीवन की आपाधापी मे जिस रंग ढंग
से मन मिले वो पुलकित मन समर्पित
इर्शा द्वेष

भाव समर्पित मन स्वभाव समर्पित बेरंगी दुनिया मे सतरंगी कल समर्पित जीवन की आपाधापी मे जिस रंग ढंग से मन मिले वो पुलकित मन समर्पित इर्शा द्वेष #Holi #शायरी #badalsinghkalamgar #RangoMein

505 Views

b28297fa5a231efeb979a4441c11b6f6

Swechha S

To dedicate in one's love, is the most
pious form of belief in another soul.

©Swechha S धैर्य, सम्मान और समर्पण...सब तुम्हें समर्पित...💌
#14Sept #Tum #Prem #Dedication

धैर्य, सम्मान और समर्पण...सब तुम्हें समर्पित...💌 #14sept #tum #Prem #dedication

149 Love

8f82a240864add7f0806213050296109

Atul Sharma

जीवन के अंतिम दो पल भी हमको न अकेला छोड़ा था ।हम साथ तुम्हारे है हर दम ,अपने मुख से यह बोला था ।ऐसे दिव्य पुरुष गिरीश जी को यह अतुल अकेला क्या देगा ।हो सके साथ आओ मेरे बस यही समर्पित अब होगा ।करुणा निधन ,करुणासागर का आगे भी मान बड़ाऊगा।नभ से आये दिव्य स्वरूप का दर्शन तुम्हे कराऊँगा ।                                       द्वारा--अतुल कुमार शर्मा आदरनीय पूर्व प्रधानाचार्य जी को समर्पित कविता

आदरनीय पूर्व प्रधानाचार्य जी को समर्पित कविता

5 Love

c41b76898ad7e24558b404b240d56069

Nitin Ňĕĕřāj

 मेरी ये कविता मेरे दोस्तों को समर्पित।

मेरी ये कविता मेरे दोस्तों को समर्पित।

3 Love

006f115170450c1c7dc047b2c29d82bf

pawan jat

 मेरी पहली कविता मेरी माँ को समर्पित

मेरी पहली कविता मेरी माँ को समर्पित

11 Love

f4dc3db65e46e4d25b12ad95413dd37d

Sumit Singh Rathor

माता- पिता के लिए समर्पित कविता
"  न्यौछावर  "
सर्वस्व न्यौछावर कर दिया
माता - पिता ने बच्चों पे 
दुख की एक सिकन सी
न दिखने दी
अपने चेहरे के लालि पे 
अपने सपने भुल गये
वक्त के उस चौराहे पे
इच्छाओं को दमन कर दिया
बच्चों को सफल बनाने में

©Sumit Singh Rathor माता- पिता के लिए समर्पित कविता " न्यौछावर "

माता- पिता के लिए समर्पित कविता " न्यौछावर "

13 Love

fdda583bb42a95a3c905ee0586423184

Anwesh Dubey

 छात्रों की भावभीनी विदाई में समर्पित कविता,,,,,,

छात्रों की भावभीनी विदाई में समर्पित कविता,,,,,, #nojotophoto

15 Love

26df398a465a29c1a5157669362f5002

Garima Mishra

महादेवी वर्मा को समर्पित मेरी स्वरचित कविता

महादेवी वर्मा को समर्पित मेरी स्वरचित कविता

39 Views

d325d312c188d962ac1fcabcc4b091f0

Sunil Kumar Verma

#हर शायर की किताब को समर्पित#कविता#

#हर शायर की किताब को समर्पितकविता# #poem

51 Views

301e015b277091e1a1f2f6f25f27f973

Kavi Kamlesh

़  अटल जी को समर्पित है मेरी कविता

़ अटल जी को समर्पित है मेरी कविता

211 Views

e94769bee03a4447d422db9f398505d0

Sarita Singh

मां बाप थे सबके, थीं सबकी जिम्मेदारी,
सेवा में लगी तुम, जब आई बीमारी,

इस महामारी से सभी, मजबूर हो गए,
जब आई मुसीबत, हम दूर हो गए,

एहसान तुम्हारा हम सब पे है भारी,
तुमने किया है जो हम सब है आभारी,

हक़ के दावेदार तो हम सब खड़े थे,
किससे हैं ज्यादा प्यार हम मां से लड़े थे,

पर प्यार का मतलब तुमने सिखा दिया,
है फर्ज़ निभाना हमको बता दिया,

कैसे तेरा एहसान अब मैं उतार दूं,
जो कुछ है मेरे पास सब तुझ पे वार दूं, #मां #एहसान# मेरी बहन को समर्पित कविता

#मां #एहसान# मेरी बहन को समर्पित कविता

0 Love

a26fa5a6d710da13a8fc6dfcc1f891fb

Shruti Dubey

आज प्रणय के गीत लिखने का मन होता है
तुम्हें जीवन कर दूँ समर्पित
आज समर्पण के गीत लिखने का मन होता है।
दुनिया के सब झंझावात् भूल 
तुम्हारे साथ जीने-मरने की कसमें खाने का मन होता है
उम्र-दर-उम्र बँधें प्रणय सूत्र में 
विचलित मन को तुममें अर्पित करने का मन होता है।
भटकती भाव लहरियों को तटबंध करुँ
तुम्हारे आँचल में उपजी मानस पटल की सब लकीरों को समर्पित करने का मन होता है,
सुख-दुख या जीवन की सब अनुभूतियाँ
तुम्हारे मन में उतार,बस तुममें विलीन हो जीने का मन होता है।
चंदन सा महकूँ या कीचड़ सा दुर्गंध दूँ
गंगा की पावन लहर बन या तालाब बन सड़ूँ
कोई फिक्र नहीं अब हमको,
हर सुबह हर शाम तुम्हारे दामन में लिपट जीने का मन होता है।
सूर,तुलसी,मीरा और रसखान सा जीवन कहाँ जी सकूँगा
बस हूँ तुम्हारी ही परिकल्पना का अंश,तुम्हारी पदरज में जीने का मन होता है।
हे प्रणय राज!हे रसिक शिरोमणि!हे राधेश्वर!
तुम्हारी मोहनी सूरत में डूब 
आज प्रणय के गीत लिखने का मन होता है।
*
    डॉ.कृष्ण कांत द्विवेदी-कन्नौज मन समर्पण

मन समर्पण

10 Love

62351066a1f424ca5af16b615f76ace2

hp sharma

जो लिया "यहीं" से लिया जो दिया "यहीं" दिया 
यहीं से लिया "प्राण "और यहीं दिया "प्राण "
इसी "भगवान" को

©hp sharma #समर्पित #भगवानको
9c9491496ba585f56f3f815f9efe8be8

Madhur Nayan Mishra

प्रेम से मांगोगे तो मुफ़्त में मिल जाऊंगा,

गर मुझे खरीदने की चाह रखते हो तो 
ये जहान भी कम है...

©Madhur Nayan Mishra समर्पित...

#FlutePlayer

समर्पित... #FlutePlayer #विचार

9 Love

168fce9a2d46e9d97f40b8b47d466d41

Sandeep A More

नाशिक शहरात भिमवाडीत लागलेल्या  भिषण आगीत 
अनेक कुंटूब उध्वस्त झाली त्या कुटूबांना समर्पित....

#अग्नीकल्लोळ


भर दिवसा घडवला काळोख दिसेना झाली
  वस्ती माझी..
लोट उफाळून तू हसत होता..
 चिंध्यांचे तुकडे जोडून उभा केला होता,
शिवलेला संसार माझा..
हे संकटा तू असा ज्वाला बनून का आला..
खळगीला आधिच भिकेच गाठोडं बांधून
 जगायला आता च शिकलो होतो...
मुलीच्या लग्नाला तिच्या कपाळाला 
लावायचा कुंकू ही 
जळाला..
अन स्वप्नांची राख मात्र तू देवून गेला..
मी तर नाही जळालो..पण...माझ्या विश्वातलं ते
 सुंदर अभयारण्य कोळसा होतांना डोळ्याने पाहिले मी...
वस्ती जळत होती माझी अन् 
मी डोळ्यातील पाण्याची फुंकर मारत राहीलो...
ती पेटत राहीली अन मी विझवत राहिलो...विझवता विझवता..
.मनातल्या हुंदक्यांना दाबत राहिलो....
आता जळून सारी चुल माझी खाक झाली...
क्षणात वस्ती माझी राख झाली..

-संदीप मोरे, 
आशा ट्रेडर्स, 
अशोका फाउंडेशन, नाशिक #अग्नीकल्लोळ
#समर्पित
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile