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Nami haider ali

Mujhe gaflat me hi jeene do 
Haqeeqat gar jaan gye to mar bhi na paayenge  Gaflat ; असावधानी, संज्ञाहीनता, बेहोशी, ध्यानहीनता
#lovequotes #shayari #yqaestheticthoughts #yqquotes #yopowrimo #namihaideraliquotes #yqhi

Gaflat ; असावधानी, संज्ञाहीनता, बेहोशी, ध्यानहीनता #lovequotes shayari #yqaestheticthoughts #yqquotes #yopowrimo #namihaideraliquotes yqhi #yqhindi

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Jagsir Singh

मुंतज़िर (प्रतीक्षा करनेवाला)
ग़फ़लत (असावधानी, बेपरवाही)
#sadstory 

ABRAR Mahira Fatima #rapperjagsir Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio

मुंतज़िर (प्रतीक्षा करनेवाला) ग़फ़लत (असावधानी, बेपरवाही) #sadstory ABRAR Mahira Fatima #rapperjagsir Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio

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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

साहब
इस दौर के वाहियात लोगो की
 नफरत में एतिहात ढूंढ रहे हो....

गफलत में हो ज़हरीले लोगो में
उल्फत की बिसात ढूंढ रहे हो...
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #chaand #Nojoto साहब
इस दौर के*वाहियात लोगो की नफरत में*एतिहात ढूंढ रहे हो.... निरर्थक*सुरक्षा

*गफलत में हो ज़हरीले लोगो में*उल्फत की*बिसात

#chaand साहब इस दौर के*वाहियात लोगो की नफरत में*एतिहात ढूंढ रहे हो.... निरर्थक*सुरक्षा *गफलत में हो ज़हरीले लोगो में*उल्फत की*बिसात #shamawritesBebaak

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Poonam bagadia "punit"

"उठा कर पलको को जो देखा तेरी ओर
न जाने तेरी आँखों ने क्या कहा जो दिल तक गया वो शोर
एक गमगुस्सार सी लगी धड़कन अपनी
वर्ना गफलत- ए- नज़र में, तेरी है बड़ा जोर....
✍🏻 Poonam Bagadia "Punit" #NojotoQuote "जब भी देखा तेरी ओर... तेरी नज़रों ने किया शोर.....

गमगुस्सार= दिलासा देने वाला
गफ़लत = खुद में खोया, उलझा हुआ, असावधान
#NojotoWodHindiQuotes

"जब भी देखा तेरी ओर... तेरी नज़रों ने किया शोर..... गमगुस्सार= दिलासा देने वाला गफ़लत = खुद में खोया, उलझा हुआ, असावधान WodHindiQuotes #kavishala #Shayari #kalakaksh #ankhe #TST #Nzar #Auther #NojotoWODHindiquotestatic #Nojotohimdij

59 Love

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Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“4/4/2021”*🌟
🖋️ *“रविवार”*✨🖊️

“समस्याएं” हर एक के 
जीवन में आती जाती रहती है
और “हर व्यक्ति” “समस्या” आने के पश्चात उसका “हल” निकालने में लगा रहता है,
लेकिन जैसे ही “समस्या का अंत” हो जाता है 
तो हम “प्रसन्न” भी हो जाते हैं 
और “असावधान” भी हो जाते है,
“जीवन” में “संकट” किसी भी रूप में आ सकता है कोई “शत्रु” हो सकता है या कोई “महामारी” भी हो सकती है,इसलिए सदैव “सावधान” रहना ही उचित है तो हर “समस्या का अंत” किजिए जीतिए और “उत्सव” भी मनाए 
किन्तु “सावधान” रहकर,
क्योंकि कही न कही आपकी “असावधानी” से 
वो “संकट” पुनः जन्म ले सकता है,
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“4/4/2021”*🌟
🖋️ *“रविवार”*✨🖊️

#“समस्याएं” 

#“हल”

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“4/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“समस्याएं” #“हल” #Quotes #“प्रसन्न” #“असावधान” #“संकट” #“महामारी” #“जीत” #“उत्सव”

8 Love

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Aamir Qais AnZar

हासिल हुआ कुछ नहीं; उम्र गुज़री तमाम, 
ग़फ़लत की हवा में समझें खुद को इमाम। गफलत : असावधानी, बेपरवाही। अचेतनता, बेसुधी। negligence
इमाम : अगुआ। पथ प्रदर्शक। vanguard, the guide, प्रमुख
Hello writers, Collab with Demo

गफलत : असावधानी, बेपरवाही। अचेतनता, बेसुधी। negligence इमाम : अगुआ। पथ प्रदर्शक। vanguard, the guide, प्रमुख Hello writers, Collab with Demo #हवा #poverty #हासिल #तमाम #उम्रदराज़ #इमामत #dndwow290

2 Love

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Kusum Sharma

मैं ख़्वाब बुनती रही
वो चौखट आकर चला गया
सारी रात जागकर काटी
भोर आँख लग गई
ये कैसी नादानी कर बैठी
इतने करीब था वो मेरे
मैं ही न पहचान सकी कभी कभी हम मंजिल के इतने करीब होते हैं कि थोड़ी सी भी नादानी असावधानी या overconfident अपने लक्ष्य से कोसों दूर कर देती है
किसी की सरलता और स

कभी कभी हम मंजिल के इतने करीब होते हैं कि थोड़ी सी भी नादानी असावधानी या overconfident अपने लक्ष्य से कोसों दूर कर देती है किसी की सरलता और स #Poetry #story #Hindi #wordporn #writers #hindiwriters #nojotohindi #hindipoetry #HindiQuote #writersofnojoto

77 Love

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yogesh atmaram ambawale

सावध राहा,हुशार राहा,कोरोनाची शिकवण लक्षात घ्या.
केव्हाही,काहीही घडू शकतं,
लढण्या कुठल्याही संकटाशी कायम तत्पर राहा.
कोरोना एक धडा आहे,आपल्या आयुष्यात,
अदृश्य असे अनेक शत्रू आहेत आपले,ह्या जगात.
हरविणे त्यांना कधीच शक्य नसते,
कारण त्यांना मारण्या कुठलेच शस्त्र नसते.
हे शत्रू असे आहेत ज्यांना सावधानता बाळगून मारले जाते,
योग्य ते नियम पाळून,
योग्य ती काळजी घेऊनच ह्यांना हरवता येते. शुभ संध्या मित्रहो
आताचा विषय आहे
कोरोनाची शिकवण..
#कोरोनाचीशिकवण
हा विषय
Supriya chougule यांचा आहे.
#collab #yqtaai 
Best YQ Marathi Quote

शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे कोरोनाची शिकवण.. #कोरोनाचीशिकवण हा विषय Supriya chougule यांचा आहे. #Collab #yqtaai Best YQ Marathi Quote #YourQuoteAndMine

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अभिलाष सोनी

इतना ग़ाफ़िल इंसाँ कबसे हो गया।
ना उसे आज की फ़िकर है
ना परवाह कल की। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ आज का शब्द है "ग़ाफ़िल" "Gaafil" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधान, निश्चेत एवं अंग्रेजी में

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ग़ाफ़िल" "Gaafil" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधान, निश्चेत एवं अंग्रेजी में #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU226

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DR. SANJU TRIPATHI

ग़ाफ़िलियत जिंदगी में किसी दुर्घटना का सबब बन सकती है,
इसलिए जिंदगी में हर काम सोच समझ कर ही करना चाहिए। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ आज का शब्द है "ग़ाफ़िल" "Gaafil" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधान, निश्चेत एवं अंग्रेजी में

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Vedantika

ग़ाफ़िल हुआ उसके इश्क़ में ये ज़िस्म कुछ इस तरह
होश आया तो पता चला मैं ना रहा इस दुनिया के काबिल ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ आज का शब्द है "ग़ाफ़िल" "Gaafil" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधान, निश्चेत एवं अंग्रेजी में

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Shravan Goud

हम गफलत में थे इसलिए
उनको खो दिया। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU763

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Soulmate (Yuhee)

         , उल्फत और रहमत 
गलियां है रिश्तों की
जब भी गुज़रो, तहज़ीब
का दामन थामे रखना 
 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU763

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DrLal Thadani

मत रहो ग़फ़लत में  
रिश्ते उजाड़ देते हैं
जो चेते समय रहते 
जीवन निखार देते हैं

डॉ लाल थदानी 
#अल्फ़ाज़_दिलसे ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ग़फ़लत" "Gaflat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है असावधानी, बेपरवाही, लापरवाही एवं अं #wordoftheday #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #अल्फ़ाज़_दिलसे #KKU763

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Dr Upama Singh

वो मेरी मोहब्बत को धीरे धीरे तग़ाफ़ुल करने लगे
छोड़ मुझे वो किसी और से दिल लगाने लगे
 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "तग़ाफ़ुल" "taGaaful" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है जान बूझकर की जाने वाली लापरवाही

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Vedantika

तग़ाफ़ुल इतना हुआ क़रीबी रिश्तों में,
साथ-साथ चलने वाले अजनबी हो गए। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "तग़ाफ़ुल" "taGaaful" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है जान बूझकर की जाने वाली लापरवाही

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Manju Sharma

तग़ाफ़ुल करना हमें भी आता है जानिब,
मगर आप दर्द से गुज़रे ये हमें मंजूर नहीं।  ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)

♥️ आज का शब्द है "तग़ाफ़ुल" "taGaaful" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है जान बूझकर की जाने वाली लापरवाही

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "तग़ाफ़ुल" "taGaaful" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है जान बूझकर की जाने वाली लापरवाही #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU601

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Atul Sharma

*सुविचार*
*Date-23/5/19*
*Day-Thursday*


कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" बन जाता है.... ये बात "अनुचित" हैं...हर बात के लिए "भाग्य" को "दोष" देना "अनुचित" हैं,?.. हर "अनहोनी" का कारण "जीवन" में "भाग्य" नहीं हो सकता, कई बार वो हमारी  "असावधानी" भी होती हैं, "सावधान" रहना" अत्यंत" आवश्यक हैं....
हम आने वाले "संकट" के लिए "सावधान" नहीं रहते... "शरीर" को" सजग  नहीं रखते...." अचानक" "संकट" हमारे "समक्ष" आ जाता हैं हम स्वयं को "संभाल" नहीं पाते... इस"परिस्थिति" में हम" हार" जाते हैं...
" सावधानी रखना" अत्यंत आवश्यक है... जब आप किसी "अंजान" "राह" पर निकलते हैं तो सर्वप्रथम अपना एक पेर अपनी"धरा" पर जमाएं, और दूसरे  "पैर" से आने वाली" भूमि" का "आंकलन" करना...
 ये "समझदारी" हैं...."सावधान" का अर्थ हैं... आने वाले" भविष्य" का" आंकलन" करना, क्योंकि चाहे" कुछ" भी कर लो, आप "भविष्य" को तो देख नही सकते किन्तु यदि आपके "भविष्य" में "संकट" ही लिखा हैं, तो आने दिजिये... उस "संकट" का "सामना" करने के लिए आप"सावधानी की ढाल" का तो उपयोग कर सकते हैं......

Bý-Åťüľ Şhãřmå🖊️🖋️✨✨✨ *सुविचार*
*Date-23/5/19*
*Day-Thursday*


कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" ब

*सुविचार* *Date-23/5/19* *Day-Thursday* कहते हैं यदि भाग्य साथ ना हो.... यदि "भाग्य" ही "खराब" हो... तो "मिठी" नदी का "पानी" 🥤 भी "खारा" ब

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N S Yadav GoldMine

श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था पढ़िए महाभारत !! 📜📜महाभारत: स्‍त्री पर्व 
चतुर्विंष अध्याय: श्लोक 19-30 
{Bolo Ji Radhey Radhey}
📖 यह वही हाथ है, जो हमारी करधनी को खींच लेता, उभरे हुए स्तनों का मर्दन करता, नाभि, उरू और जघन प्रदेष का छूता और निभिका बन्दन सरका दिया करता था। जब मेरे पति समरांगन में दूसरे के साथ युद्ध में संलग्न हो अर्जुन की ओर से असावधान थे, उस समय भगवान श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था। 

📖 जनार्दन। तुम सतपुरुषों की सभाओं में, बातचीत के प्रसंग में अर्जुन के महान् कर्म का किस तरह वर्णन करोगे? अथवा स्वयं किरीटा धारी अर्जुन ही कैसे इस जघन्य कार्य की चर्चा करेंगे? इस तरह अर्जुन की निंदा करके यह सुन्दरी चुप हो गयी है।

📖 इसकी बड़ी सौतें इसके लिये उसी प्रकार शोक प्रकट कर रही हैं, जैसे सास अपनी बहू के लिये किया करती है। यह गान्धार देष का राजा महाबली सत्यपराक्रमी शकुनि पड़ा हुआ है। यह सहदेव ने मारा है। भान्जे ने मामा के प्राण लिये हैं। 

📖 पहले सोने के डण्डों से विभूषित दो-दो व्यजनों द्वारा जिसको हवा की जाती थी, वही शकुनि आज धरती पर सो रहा है और पक्षी अपनी पखों से इसको हवा करते हैं। जो अपने सैकड़ों और हजारों रूप बना लिया करता था, उस मायावी की सारी मायाऐं पाण्डु पुत्र सहदेव के तेज से दग्ध हो गयीं।

📖 जो छल विद्या का पण्डित था, जिसने द्यूत मैं सभी को माया द्वारा युधिष्ठिर तथा उनके विशाल राज को जीत लिया था, वही फिर अपना जीवन भी हार गया। श्रीकृष्ण। आज शकुनि (पक्षी) ही इस शकुनि की चारों ओर से उपासना करते हैं। इसने मेरे पुत्रों के विनाश के लिये ही द्यूतविद्या अथवा धूर्तविद्या सीखी थी।

📖 इसी ने सगे सम्बन्धियों सहित अपने और मेरे पुत्रों के वध के लिये पाण्डवों के साथ महान् वैर की नींव डाली थी। प्रभो। जैसे मेरे पुत्रों को शस्त्रों द्वारा जीते हुए पुण्य लोक प्राप्त हुए हैं, उसी प्रकार इस दुर्बुद्धि शकुनि को भी शस्त्र द्वारा जीते हुए उत्तम लोक प्राप्त होंगे। 

📖 मधुसूदन। मेरे पुत्र सरल बुद्धि के हैं। मुझे भय है कि उन पुण्य लोकों में पहुंच कर यह शकुनि फिर किसी प्रकार उन सब भाइयों में परस्पर विरोध न उत्पन्न कर दे।

©N S Yadav GoldMine
  #Tuaurmain श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था पढ़िए महाभारत !! 📜📜महाभारत: स्‍त्री पर्व 
चतुर

#Tuaurmain श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था पढ़िए महाभारत !! 📜📜महाभारत: स्‍त्री पर्व चतुर #प्रेरक

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N S Yadav GoldMine

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋषि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात ब्रह्मा ने पुनः जीवन का निर्माण किया। 

एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर की अथाह गहराई में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।

मत्स्य अवतार की कथा :-एक बार ब्रह्माजी की असावधानी के कारण एक बहुत बड़े दैत्य ने वेदों को चुरा लिया। उस दैत्य का नाम हयग्रीव था। वेदों को चुरा लिए जाने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोलबाला हो गया। तब भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके हयग्रीव का वध किया और वेदों की रक्षा की। भगवान ने मत्स्य का रूप किस प्रकार धारण किया। 

इसकी विस्मयकारिणी कथा इस प्रकार है-

{Bolo Ji Radhey Radhey}

कल्पांत के पूर्व एक पुण्यात्मा राजा तप कर रहा था। राजा का नाम सत्यव्रत था। सत्यव्रत पुण्यात्मा तो था ही, बड़े उदार हृदय का भी था। प्रभात का समय था। सूर्योदय हो चुका था। सत्यव्रत कृतमाला नदी में स्नान कर रहा था। उसने स्नान करने के पश्चात जब तर्पण के लिए अंजलि में जल लिया, तो अंजलि में जल के साथ एक छोटी-सी मछली भी आ गई। सत्यव्रत ने मछली को नदी के जल में छोड़ दिया। मछली बोली- राजन! जल के बड़े-बड़े जीव छोटे-छोटे जीवों को मारकर खा जाते हैं। अवश्य कोई बड़ा जीव मुझे भी मारकर खा जाएगा। कृपा करके मेरे प्राणों की रक्षा कीजिए। सत्यव्रत के हृदय में दया उत्पन्न हो उठी। उसने मछली को जल से भरे हुए अपने कमंडलु में डाल लिया। तभी एक आश्चर्यजनक घटना घटी। एक रात में मछली का शरीर इतना बढ़ गया कि कमंडलु उसके रहने के लिए छोटा पड़ने लगा। दूसरे दिन मछली सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कोई दूसरा स्थान ढूंढ़िए, क्योंकि मेरा शरीर बढ़ गया है। मुझे घूमने-फिरने में बड़ा कष्ट होता है। सत्यव्रत ने मछली को कमंडलु से निकालकर पानी से भरे हुए मटके में रख दिया। यहाँ भी मछली का शरीर रात भर में ही मटके में इतना बढ़ गया कि मटका भी उसके रहने कि लिए छोटा पड़ गया। दूसरे दिन मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कहीं और प्रबंध कीजिए, क्योंकि मटका भी मेरे रहने के लिए छोटा पड़ रहा है। तब सत्यव्रत ने मछली को निकालकर एक सरोवर में डाल किया, किंतु सरोवर भी मछली के लिए छोटा पड़ गया। इसके बाद सत्यव्रत ने मछली को नदी में और फिर उसके बाद समुद्र में डाल दिया। आश्चर्य! समुद्र में भी मछली का शरीर इतना अधिक बढ़ गया कि मछली के रहने के लिए वह छोटा पड़ गया। अतः मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! यह समुद्र भी मेरे रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। मेरे रहने की व्यवस्था कहीं और कीजिए। 

अब सत्यव्रत विस्मित हो उठा। उसने आज तक ऐसी मछली कभी नहीं देखी थी। वह विस्मय-भरे स्वर में बोला- मेरी बुद्धि को विस्मय के सागर में डुबो देने वाले आप कौन हैं? 

मत्स्य रूपधारी श्रीहरि ने उत्तर दिया- राजन! हयग्रीव नामक दैत्य ने वेदों को चुरा लिया है। जगत में चारों ओर अज्ञान और अधर्म का अंधकार फैला हुआ है। मैंने हयग्रीव को मारने के लिए ही मत्स्य का रूप धारण किया है। आज से सातवें दिन पृथ्वी प्रलय के चक्र में फिर जाएगी। समुद्र उमड़ उठेगा। भयानक वृष्टि होगी। सारी पृथ्वी पानी में डूब जाएगी। जल के अतिरिक्त कहीं कुछ भी दृष्टिगोचर नहीं होगा। आपके पास एक नाव पहुँचेगी। आप सभी अनाजों और औषधियों के बीजों को लेकर सप्त ऋषियों के साथ नाव पर बैठ जाइएगा। मैं उसी समय आपको पुनः दिखाई पड़ूँगा और आपको आत्मतत्त्व का ज्ञान प्रदान करूँगा। सत्यव्रत उसी दिन से हरि का स्मरण करते हुए प्रलय की प्रतीक्षा करने लगे। सातवें दिन प्रलय का दृश्य उपस्थित हो उठा। समुद्र भी उमड़कर अपनी सीमाओं से बाहर बहने लगा। भयानक वृष्टि होने लगी। थोड़ी ही देर में सारी पृथ्वी पर जल ही जल हो गया। संपूर्ण पृथ्वी जल में समा गई। उसी समय एक नाव दिखाई पड़ी। सत्यव्रत सप्त ऋषियों के साथ उस नाव पर बैठ गए। उन्होंने नाव के ऊपर संपूर्ण अनाजों और औषधियों के बीज भी भर लिए। 

नाव प्रलय के सागर में तैरने लगी। प्रलय के उस सागर में उस नाव के अतिरिक्त कहीं भी कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। सहसा मत्स्य रूपी भगवान प्रलय के सागर में दिखाई पड़े। सत्यव्रत और सप्त ऋषि गण मतस्य रूपी भगवान की प्रार्थना करने लगे 

भगवान से आत्मज्ञान पाकर सत्यव्रत का जीवन धन्य हो उठा। वे जीते जी ही जीवन मुक्त हो गए। प्रलय का प्रकोप शांत होने पर मत्स्य रूपी भगवान ने हयग्रीव को मारकर उससे वेद छीन लिए। भगवान ने ब्रह्माजी को पुनः वेद दे दिए। इस प्रकार भगवान ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों का उद्धार तो किया ही, साथ ही संसार के प्राणियों का भी अमित कल्याण किया।

©N S Yadav GoldMine #Heart मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने

#Heart मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवती तुलसी कथा:- मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृथ्वी जब जल में डूब रही थी, तब मत्स्य अवतार में भगवान ने उस ऋषि की नाव की रक्षा की। इसके पश्चात ब्रह्मा ने पुनः जीवन का निर्माण किया। 
 एक दूसरी मन्यता के अनुसार एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर की अथाह गहराई में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।

 मत्स्य अवतार की कथा :-
एक बार ब्रह्माजी की असावधानी के कारण एक बहुत बड़े दैत्य ने वेदों को चुरा लिया। उस दैत्य का नाम हयग्रीव था। वेदों को चुरा लिए जाने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोलबाला हो गया। तब भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य रूप धारण करके हयग्रीव का वध किया और वेदों की रक्षा की। भगवान ने मत्स्य का रूप किस प्रकार धारण किया। 
 इसकी विस्मयकारिणी कथा इस प्रकार है- Rao Sahab N S Yadav 
 कल्पांत के पूर्व एक पुण्यात्मा राजा तप कर रहा था। राजा का नाम सत्यव्रत था। सत्यव्रत पुण्यात्मा तो था ही, बड़े उदार हृदय का भी था। प्रभात का समय था। सूर्योदय हो चुका था। सत्यव्रत कृतमाला नदी में स्नान कर रहा था। उसने स्नान करने के पश्चात जब तर्पण के लिए अंजलि में जल लिया, तो अंजलि में जल के साथ एक छोटी-सी मछली भी आ गई। सत्यव्रत ने मछली को नदी के जल में छोड़ दिया। मछली बोली- राजन! जल के बड़े-बड़े जीव छोटे-छोटे जीवों को मारकर खा जाते हैं। अवश्य कोई बड़ा जीव मुझे भी मारकर खा जाएगा। कृपा करके मेरे प्राणों की रक्षा कीजिए। सत्यव्रत के हृदय में दया उत्पन्न हो उठी। उसने मछली को जल से भरे हुए अपने कमंडलु में डाल लिया। तभी एक आश्चर्यजनक घटना घटी। एक रात में मछली का शरीर इतना बढ़ गया कि कमंडलु उसके रहने के लिए छोटा पड़ने लगा। दूसरे दिन मछली सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कोई दूसरा स्थान ढूंढ़िए, क्योंकि मेरा शरीर बढ़ गया है। मुझे घूमने-फिरने में बड़ा कष्ट होता है। सत्यव्रत ने मछली को कमंडलु से निकालकर पानी से भरे हुए मटके में रख दिया। यहाँ भी मछली का शरीर रात भर में ही मटके में इतना बढ़ गया कि मटका भी उसके रहने कि लिए छोटा पड़ गया। दूसरे दिन मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! मेरे रहने के लिए कहीं और प्रबंध कीजिए, क्योंकि मटका भी मेरे रहने के लिए छोटा पड़ रहा है। तब सत्यव्रत ने मछली को निकालकर एक सरोवर में डाल किया, किंतु सरोवर भी मछली के लिए छोटा पड़ गया। इसके बाद सत्यव्रत ने मछली को नदी में और फिर उसके बाद समुद्र में डाल दिया। आश्चर्य! समुद्र में भी मछली का शरीर इतना अधिक बढ़ गया कि मछली के रहने के लिए वह छोटा पड़ गया। अतः मछली पुनः सत्यव्रत से बोली- राजन! यह समुद्र भी मेरे रहने के लिए उपयुक्त नहीं है। मेरे रहने की व्यवस्था कहीं और कीजिए। 
 अब सत्यव्रत विस्मित हो उठा। उसने आज तक ऐसी मछली कभी नहीं देखी थी। वह विस्मय-भरे स्वर में बोला- मेरी बुद्धि को विस्मय के सागर में डुबो देने वाले आप कौन हैं? 

मत्स्य रूपधारी श्रीहरि ने उत्तर दिया- राजन! हयग्रीव नामक दैत्य ने वेदों को चुरा लिया है। जगत में चारों ओर अज्ञान और अधर्म का अंधकार फैला हुआ है। मैंने हयग्रीव को मारने के लिए ही मत्स्य का रूप धारण किया है। आज से सातवें दिन पृथ्वी प्रलय के चक्र में फिर जाएगी। समुद्र उमड़ उठेगा। भयानक वृष्टि होगी। सारी पृथ्वी पानी में डूब जाएगी। जल के अतिरिक्त कहीं कुछ भी दृष्टिगोचर नहीं होगा। आपके पास एक नाव पहुँचेगी। आप सभी अनाजों और औषधियों के बीजों को लेकर सप्त ऋषियों के साथ नाव पर बैठ जाइएगा। मैं उसी समय आपको पुनः दिखाई पड़ूँगा और आपको आत्मतत्त्व का ज्ञान प्रदान करूँगा। सत्यव्रत उसी दिन से हरि का स्मरण करते हुए प्रलय की प्रतीक्षा करने लगे। सातवें दिन प्रलय का दृश्य उपस्थित हो उठा। समुद्र भी उमड़कर अपनी सीमाओं से बाहर बहने लगा। भयानक वृष्टि होने लगी। थोड़ी ही देर में सारी पृथ्वी पर जल ही जल हो गया। संपूर्ण पृथ्वी जल में समा गई। उसी समय एक नाव दिखाई पड़ी। सत्यव्रत सप्त ऋषियों के साथ उस नाव पर बैठ गए। उन्होंने नाव के ऊपर संपूर्ण अनाजों और औषधियों के बीज भी भर लिए।  

नाव प्रलय के सागर में तैरने लगी। प्रलय के उस सागर में उस नाव के अतिरिक्त कहीं भी कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। सहसा मत्स्य रूपी भगवान प्रलय के सागर में दिखाई पड़े। सत्यव्रत और सप्त ऋषि गण मतस्य रूपी भगवान की प्रार्थना करने लगे 
भगवान से आत्मज्ञान पाकर सत्यव्रत का जीवन धन्य हो उठा। वे जीते जी ही जीवन मुक्त हो गए। प्रलय का प्रकोप शांत होने पर मत्स्य रूपी भगवान ने हयग्रीव को मारकर उससे वेद छीन लिए। भगवान ने ब्रह्माजी को पुनः वेद दे दिए। इस प्रकार भगवान ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों का उद्धार तो किया ही, साथ ही संसार के प्राणियों का भी अमित कल्याण किया।

©N S Yadav GoldMine #brokenlove {Bolo Ji Radhey Radhey}
भगवती तुलसी कथा:- मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु न

#brokenlove {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवती तुलसी कथा:- मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु न #पौराणिककथा

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