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Shravan Goud
मां ब्रह्मचारिणीरुपा मां मुझ पर कृपा करें। मां दुर्गा दुर्गति दुर करो 🙏
Prashant Mishra
पल्हनी के इहे पुकार बडुवे दुर्गेश भैया के लहर बडुवे हल्ला होखता कोमल कलोनिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो पूरा मतदाता का आस होगा पल्हनी का पूरा विकास होगा पानी भरा कई सालों से जो नाली बनवाकर निकास होगा अबकी बदलाव होई कहानिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो घर नइखे बा त कलोनी मिली ब्यवस्था सुंदर सलोनी मिली जॉब कार्ड सबके बन जाई हो मनरेगा के पइसा सब पाई हो बेरोजगार ना घूमी केहु जवनिया में हो दुर्गेश भइया जितिहें परधनिया में हो --प्रशान्त मिश्रा (8419078733) दुर्गेश प्रधान का गीत
Vikas Sharma Shivaaya'
#RIPMilkhaSingh Kindly like -subscribe & share my you tube channel https://youtu.be/TlN7Fy6j_8U श्री दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी।तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला।नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे।दरश करत जन अति सुख पावे॥ तुम संसार शक्ति लै कीना।पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा हुई जग पाला।तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥ प्रलयकाल सब नाशन हारी।तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥ शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥ रूप सरस्वती को तुम धारा।दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥ धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।परगट भई फाड़कर खम्बा॥ रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥ लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।श्री नारायण अंग समाहीं॥ क्षीरसिन्धु में करत विलासा।दयासिन्धु दीजै मन आसा॥ हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।महिमा अमित न जात बखानी॥ मातंगी अरु धूमावति माता।भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥ श्री भैरव तारा जग तारिणी।छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥ केहरि वाहन सोह भवानी।लांगुर वीर चलत अगवानी॥ कर में खप्पर खड्ग विराजै।जाको देख काल डर भाजै॥ सोहै अस्त्र और त्रिशूला।जाते उठत शत्रु हिय शूला॥ नगरकोट में तुम्हीं विराजत।तिहुंलोक में डंका बाजत॥ शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।रक्तबीज शंखन संहारे॥ महिषासुर नृप अति अभिमानी।जेहि अघ भार मही अकुलानी॥ रूप कराल कालिका धारा।सेन सहित तुम तिहि संहारा॥ परी गाढ़ संतन पर जब जब।भई सहाय मातु तुम तब तब॥ अमरपुरी अरु बासव लोका।तब महिमा सब रहें अशोका॥ ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥ प्रेम भक्ति से जो यश गावें।दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥ ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥ जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥ शंकर आचारज तप कीनो।काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥ निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥ शक्ति रूप का मरम न पायो।शक्ति गई तब मन पछितायो॥ शरणागत हुई कीर्ति बखानी।जय जय जय जगदम्ब भवानी॥ भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥ मोको मातु कष्ट अति घेरो।तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥ आशा तृष्णा निपट सतावें।रिपू मुरख मौही डरपावे॥ शत्रु नाश कीजै महारानी।सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥ करो कृपा हे मातु दयाला।ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला। जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥ दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।सब सुख भोग परमपद पावै॥ विकास शरण निज जानी।करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥ ॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥ ©Vikas Sharma Shivaaya' दुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
Prashant Mishra
मचल बिरोधियन में सानसनी लड़िहें दुर्गेश भइया परधानी इनके लहर उड़ता अबकी हउवा में अबकी बिकास होइ गउआँ में दुर्गेश भैया जितिहें चुनउआँ में... पानी के हो जाई पूरा निकासी पल्हनी के जनता से मिली शबाशी मिटी बदहाली बनी,कुल हाली हाली बनी, पानी निकारे खातिर साफ-सुथर नाली बनी पानी के हो जाई...पूरा निकासी पल्हनी के जनता से मीली शबाशी फिर रहिएगा साफ-सुथर चमकउआ में बिजली के नया-नया खम्भा तनाई गली-गली में आरसीसी बिछाई तनिको ना टेंशन मिली, बुढवन के पेंशन मिली गाँवे के कोटवा पे समय-समय से राशन मिली बिजली नया नया... आइयेगा नहीं केहु के बहकउआ में रामपुर से लेकर के कोमल कलोनी लखनऊ जईसे चमकी आपन पल्हनी पूरा हर आस होई, सबके बिकास होई बूढ़-पुरनियन के बृद्धा पेंशन पास होइ रखिहा भरोसा बस आपन बेटउआ में अबकी विकास होइ गउआँ में दुर्गेश भइया जितिहें चुनउआ में --प्रशान्त मिश्रा दुर्गेश भैया प्रधान का प्रचार
Shravan Goud
दुर्गति विनाशनी दुर्गा जय जय। काल विनाशनी काली जय जय।। दुर्गति विनाशनी दुर्गा जय जय। काल विनाशनी काली जय जय।।
Rajendra Singh Rajawat
"मां दुर्गा का ध्यान लगाएं तपोबल से शक्ति असीम पाए सुखमय होगा जीवन तुम्हारा मां दुर्गे की कृपा जो तुम पर हो जाए।" ©Rajendra Singh Rajawat #मां दुर्गा का ध्यान लगाएं#
pallavi haribhau gahal
कभी भी किसी औरत को कम मत समझना , तुम उसपर जुल्म करते रहोगे और वह सहती रहेगी ,ऐसा समझने की तो भूलकर भी भूल मत करना। अगर उसने अपना दुर्गा मा का रूप तुम्हे दिखाया ना फिर तुम्हे उससे कोई नहीं बचा सकता। स्त्री का दूसरा रूप हैं दुर्गा मा।