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roshan

इन हिंदी

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आना है तॊ आ जाना है तो जा....
घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना
मुझे शोभा देगा क्या?

पानी का नही नाम
साब्जी को नही दाम
बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे?
कुवा सुख गया है
नदी नाला रुख गया है
बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे?

आना है तो आ जाना है तो जा....

बेजान सहै पत्थर पर
बिना कुछ चडाये
बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे?
भावनिक  मै बहोत हू
दिल मे तुम्हेहीं रखता हू
पानी बचाते बचाते
बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे?

आना है तो आ जाना है तो जा.....
....रोशन देसाई....
12/02/20 इन हिंदी

skmajhi018

#सुविचार इन हिंदी #ज़िन्दगी

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Vishal Charan

शायरी इन हिंदी ,#shyari

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Ashish Mishra

याद रहें 
आज रात 9बजे 9 मिनट तक
दीप जलाना है। #दीप
#प्रज्वलन

Durga Banwasi Shiwakoti

#दीप प्रज्वलन #समाज

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Prachi Sharma

#oneliner #हिंदी_कोट्स_शायरी फर्स्ट पोस्ट इन हिंदी इन नोजोटो #प्रेरक

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Anokhi

# हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...

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हिंदी दिवस - 14 सितंबर

हिंदी शोभे बिंदी से.....!

हिन्दुस्तानी शोभे हिंदी से.....!

आभा अनोखी # हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...

Pankaj

हिंदी इन दिलो,की बातें #कविता

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Dil Shayari  इन दिनों की बातें दिल ही जाने,
अंजान बने ओ जाने ना,
एक दिल ने कहा तुम जुर्म कर रहे,
पर जुर्म कोई ओ माने ना,

©Pankaj हिंदी इन दिलो,की बातें

Bharat

#chaand सायरी इन हिंदीसायरी #ज़िन्दगी

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Kavi Diptesh Tiwari

प्रज्जवलना

जब चीर रही हो कश्ती वक्ष समन्दर का,
तब लहरों से अड़ कर लड़ना पड़ता है,
गर  छाती में लालीत  सूरज जलता हो,
तो पत्थर को भी पिघलना पड़ता हैं,

हार स्वीकार नहीं, बस थोड़ा थामना पड़ता है,
रात अंधेरी हो तो जगमग ,दीप जलाना पड़ता है,
यूँ नही मिलती किसी राही को उसकी मंजिल,
रातों की मनुहार भरी नींदों से लड़ना पडता है,

सफर में एक न एक दिन चिरागों को प्रज्जवलना पड़ता है,
बाप कितना भी नामदार हो,धूप में खुद को तपाना पड़ता है,
और फ़र्श-ए-मंजिल में काँटे बहुत मिलेंगे,
इरादे अटल हों तो पर्वत को भी झुकना पड़ता है,

लहजे में जी हजूरी और अदब जरूरी होता है,
गर चढ़ना हो पहाड़ पर तो झुकना जरूरी होता है,
औऱ कितना भी इतराए नदी अपने छलछले पन में ,
आखिर में विसर्जन तो समन्दर में ही होना होता है,


                             कवि दिप्तेश तिवारी #प्रज्वलना
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