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प्रताप गिल 'अक्स '

SadStorytelling मुखौटे मुलाकात मुखौटे दुनिया शायरी shayri poem Poetry

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आर्यप्रकाश 'अलिज़ेह'

बहुत मुखौटे बदले हैं हमनें अपनी असलियत छिपाने को,,
अब तो हम ख़ुद भी भूल गये हैं असली चेहरा अपना।। #असलियत #चेहरा #ख़ुद #मुखौटे #विचार #दार्शनिक #शायरी #आर्यप्रकाश

KK Mishra

मुखौटे #nojotophoto

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 मुखौटे

Ankit Mishra

मुखौटे

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हर मोड़ पर मिलते है हम दर्द हज़ारो,
लगता है इस शहर में अदाकार बहुत है। #NojotoQuote मुखौटे

RAJESHWAR SINGH RAJU

मुखौटे #कविता

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Poonam Mehta

मुखौटे...

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Manmohan Dheer

मुखौटे

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लिपे पुते चेहरों के भरम हमारी आँखों से यूँ चिपक गए
मुखौटों के हुजूम में हम चौखटों की फितरत भूल गये
.
धीर मुखौटे

Ramchandra Shukla

मुखौटे #स्वरा #SKG

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दुःख हो या सुख हो,छायी हो उदासी। 
कर्तव्य हम करें,भूलें न जरा सी।
असल रूप ही रखें,मुखौटे सब व्यर्थ हैं। 
नकल है धोखा,वास्तविक अर्थ है।
मन में बनते हैं ,बिगड़ते कई रूप। 
ईश्वर का मार्ग,सत्य शिव अनूप।
जब तक चन्द्रमा,चांदनी की चमक।
सूर्य से प्रकाशित,वस्तुओं की दमक।
जब मूल न रहेगा,प्रतिबिंब नष्ट होगा।
जड़ से सुरक्षित,हर बृक्ष पुष्ट होगा।
#स्वरा #SKG
रामचन्द्र शुक्ल। मुखौटे

Raone

मुखौटे

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बड़ा हीं शातिर है मेहबूब मेरा

हर काम सोच समझकर अंज़ाम देता है 

कहीं मेरे बाद सब ना पहचान ले नियत उनकी 

इसलिए मासूमियत का मुखौटा

हरवक्त अपने पास रखता है 

राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी मुखौटे

CK JOHNY

मुखौटे

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आओ अपने मुखौटे आज उतारे
अपना असली स्वरूप हम उघाड़े।
पर्दे जो जो चढ़े हैं निर्मल रुह पर
इक इक कर उन सबको आज उतारें।
बात नहीं करे़गे पांच तत्व पच्चीस प्रकृतियों की
हम तो उजागर करेंगे ओढ़ी हुई विकृतियों की।
मन कुछ  मुख कुछ और
इस पर करेंगे आज कुछ गौर।
कथनी जैसी वैसी करनी करेंगें
जब हमने किया है तो हम ही भरेंगें।
मुख में राम बगल में छुरी
गाँठ बाँध लो बात है ये बुरी।
जो पीठ पीछे मुँह पर वही बात करेंगे।
निंदा चुगली और नुकताचीनी 
समझ लें ये बात है बड़ी कमीनी।
सरल हृदय से स्पष्ट सही बातें
कटे सकून से दिन चैन से रातें।
जब इक इक चेहरे पे हैं कितने ही चेहरे
मेरे मुँह पर मेरे हैं तेरे मुँह पर हैं तेरे।
मतलब में खंड मिश्री हो जायें घी खिचड़ी
वरना तोते की तरह ये हरजाई मुँह फेरे।
मुख उजल दिल अति काला
जीभ अमृत मन विषियर नाग काला।
आज मन का फन कुचल डारें।

आओ अपने मुखौटे आज उतारें
अपना असली रूप हम उघाड़े।

बी डी शर्मा चण्डीगढ़
22.07.2020





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