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Ravi Kumar
झेलेंगे सारे सितम लोगों पर गम आने नहीं देंगे, ना होगा कोई लाचार, किसानों को जहर खाने नहीं देंगे, कुछ देना होगा तो सेवा का मौका देना मुझे, दुखों की दरिया मे गरीबों को नहाने नहीं देंगे, /,,,,, रवि कुमार (बिहार) निर्दलीय बिधायक🙏 सुमित कुमार गुप्ता जी को अपने क्षेत्र में एक बार सेवा करने का मौका जरूर दे, 115 बनियापुर बिधानसभा क्षेत्र,, छपरा (सारन) बिहार राजनीतिक शायरी #WelcomLife
Ravi Kumar
धारा बहे बिकास कि ऐसी सरकार होनी चाहिए, ना बने गुलाम गरीब ऐसी विचार होनी चाहिए, नेता बनने की ख्वाहिश रखते हैं बहुत लोग, जो जनता के दर्द समझे, उसकी नईया पार होनी चाहिए,, /,,,,, रवि कुमार (बिहार) निर्दलीय बिधायक🙏 सुमित कुमार गुप्ता जी के लिए, 115 बनियापुर बिधानसभा क्षेत्र छपरा (सारन) बिहार राजनीतिक शायरी, क्षेत्र से जितने भी लोग है, शेयर जरूर करे, #DawnSun
Akashdeep
हिंदुस्तान की राजनीति पर चंद लाईन ये हिंदुस्तान हैं मेरी जान यहाँ मंदिर तोड़ने वाले को महान ओर बचाने वाले को आतंकी पढ़ाया जाता हैं बलात्कारी को ईनाम ओर सहने वाले को तिरस्कार दिया जाता हैं देश की सीमा की रक्षा करने वाले को बलात्कारी और बलात्कार करने वालो को देशभक्त बताया जाता हैं ये हिंदुस्तान हैं मेरी जान यहाँ मंदिर तोड़ने वाले को महान पढ़ाया जाता हैं यहाँ देशभक्त को अंधभक्त ओर देशद्रोही नारे लगाने वालों को देशभक्त बोला जाता हैं यहां आतंकवाद का कोई मजहब नही पर आतंकवादी के जनाज़े में सैकड़ों रिश्तेदार नजर आते हैं ऐसे ही राज नही किया लुटेरों ने इस देश पर चंद सिक्कों के लिए गद्दारों ने बेचा हैं देश मेरा लेकर नही आये थे वो लुटेरे सेना अपने साथ शामिल थे कुछ हमारे भाई चंद रोटी के टुकड़ों के लिए नदियां बही थी लहू की इस देश की माटी में शामिल जो थे तुर्को की सेना में कुछ गद्दार इस वतन के जय हिंद जय भारत आकाशदीप जयपुर राजनीतिक
Vijay Bharti
muzaffarpur नमस्ते video HD ©Vijay Bharti जिंदगी के राजनीतिक
Supriya Jha
राजनीति में नैतिकता का है घोर अभाव। पार्टी बदलना इनका मुख्य स्वभाव। फिजूल दलील से करते ये खुद का बचाव। जनता हीं दे सकती इनको करारा जवाब। चुनाव के वक्त ही होता है बड़ा बदलाव। वैसे साल भर चलता सीट शेयरिंग का जोड़ घटाव। जाति से ऊपर उठकर करो प्रत्याशी का चुनाव। नही तो सत्ता पर बढ़ता रहेगा परिवारवाद का फैलाव। सब ने पहन रखा है झूठ का नकाब। भ्रष्टाचार में लिप्त है ये सारे नवाब। जाति धर्म का खेल खेलकर करते हैं सामाजिक अलगाव। नोटा दबाकर हीं बढ़ाया जा सकता इन पर दबाव। ©Supriya Jha राजनीतिक उलट फेर