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Dinesh Kashyap
दरिया कि "भीगी" रेत को क्या पता की कितना दर्द समेटा है उन किसानों ने ,"बंजर" ज़मी करती है जिनके आसुओं का बयां !कर्ज मे डूबे कितने मासूम चहरे, कभी सूखा, तो कभी बाढ़ तो कभी कुदरत ने जला डाली लहलहाती फसलें !दरिया की "भीगी "रेत को क्या पता कितने बेरोजगारो ने पन्नों पर कलम से लिक्खी अपनी तकदीर लेकिन फिर भी बढ़ती बेरोजगारी ने कितनों - कितनों को सुला दिया मौत के. "आहोश" में! ©Dinesh Kashyap #banjar #banjar #banjbar #banjar
Dark lover Deepak
Aaj byan karti hai banjar kahani apni... kabhi khilte fool uga karte the yanha.. ©Dark lover Deepak #banjar #banjar
pinki verma
zindagi jb banjar ho jati h to uska dard wo kya jaane jinki zindagi mai haryali hi haryali rahti h.... ©pinki verma #banjar
Prashant
समंदर की गहराई क्या समझे क्या जाने नदी का पानी सूखा करे बयां ये देखो बंजर ज़मीन की कहानी ©Prashant #banjar
Mini Rawat
banjar jameen ki keemat thk us insan ki tarah hoti hai jo apno pr sb kuch gawa kr khud kisi layak nahi rehta ,kehte hai ki jameen banjar ho ya abaad pairo ki pakad kbhi nahi bhulni chahiye.... ©Mini Rawat #banjar
Anjna Agrawal
मन की जमीं बंजर न हो जाए कहीं चलो आस का शज़र लगाते है उम्मीदों के नए आसमान में नया सूरज उगाते हैं ©Anjna Agrawal #banjar
Upasna Mishra
जिसने खुद को मिटा दिया तुम सब को पालने के लिए आज वह बंजर सी पड़ी है। पर कोई देखने नहीं आता सबका पेट पालने वाली पर कोई उसकी प्यास ही नहीं बुझाता। मिट्टी अपना दर्द कहे तो कैसे..? किससे..? जब आपने ही लाल,!! सपूत !!न पूछे मां को। उपासना मिश्रा 🖋️ ©Upasna Mishra #banjar
kumar rana Ranchi
बंजर सा है जमी तो हवाएँ भी तेज आएगी। बो डाल बीज यहाँ की रुककर हवाएँ भी आराम फरमाएगी।। ©kumar rana Ranchi #banjar
Beena Kumari
दरिया की भीगी रेत को क्या पता बंजर होने का दर्द क्या होता है खुलती हैं आंखें और दिखाई नहीं देता आंखों वाले क्या समझेंगे दिखाई नहीं देने का दर्द क्या होता है बेजान सा हर रिश्ता है रिश्तों का दर्द वो क्या समझेंगे जो रूह के रिश्तों से दूर है दरिया की भीगी रेत को पता नहीं है बंजर होने का दर्द क्या होता है पंख बिना पंछी परवान नहीं भरता पंख वाले पंछी को पता ही नहीं है पंख नहीं होने का दर्द क्या होता है उन्मुक्त गगन में नहीं उड़ पाने का अहसास क्या होता है आंधी और तूफ़ान को क्या पता मंद बहती बयार का सुकून क्या होता है अपने रूठे प्यार को मनाने में रूह महकने लगती है महबूब जिसका रूठा ही नहीं उसको इस जन्नत का पता ही नहीं है ©Beena Kumari #banjar