नुक्कड़ के दाएं मोड़ पे मिलती शराब है-२
हर शख्स थामे हाथ मे इसे कहता खराब है..
नुक्कड़ के दाएं मोड़ पे
शामें तो रोशन चाँद से ए जानिब रात भर,-२ #शायरी#sharab#sharadpurnima
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Dr.Ras Bihari Trivedi
सरल होना आसान नहीं होता है। इसमें आगे, पीछे,दाएं,बाएं कोई मात्रा नहीं है।बस जस का तस।
रास बिहारी त्रिवेदी