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Shashi Bhushan Mishra
bench राजनीति के चट्टे-बट्टे, कुछ मुस्टन्डे हट्टे-कट्टे, लूटपाट में माहिर सारे, एकसाथ हो गए इकट्ठे, हड़पे जायदाद लूटे धन, घर जमीन बीघे व कट्ठे, बनते वही यहाँ के नेता, मतदाता उल्लू के पट्ठे, बिना समर्थन हारा बोले, कौन खाय अंगूर हैं खट्टे, मार रहे जनता की पूँजी, लगा रहे ईमान को बट्टे, छुट भैये फिरते हैं पीछे, थाम के नेताओँ के टट्टे, पास हुए मेधावी 'गुंजन', लगा रहे कमजोर थे रट्टे, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #राजनीति के चट्टे-बट्टे#
Subhasish Pradhan
माँ हँसकर बोली पागल है मेरा लाल भूलने की बीमारी उसका न गया... इतना बड़ा घर बनाया मगर मेरेलिये कमरा भूल गया !! #घर #जमीन #जमीर #yq #hindi #yqdidi #yqbaba
Kunal Salve
ये खुदा एक रहम कर वो देखकर ,नफरत से नजर झूकाती हैं, तु मुझे बस ज़मीं कर #जमीं #जमीन #yqdidi #खुदा #रहम #हिंदी #hindiquotes
Rashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"
बेईमानी की ज़मीन पर इंसान महल तो खड़ा कर सकता है, लेकिन उस महल का सुकून नही ख़रीद सकता । ©rashmi singh raghuvanshi #बेईमानी की जमीन
sarika
छान फटकर देखिए "रिश्तों" की जमीन को -:sarika:- रिश्तों की जमीन ...
HP
साधना व साधना दोनों एकही तराजू के चट्टे बट्टे है। दोंनो को निभाने के लिए दिल और दिमाग दोनों की से कर्तब्यों का निष्पादन करना पड़ता है। साधना व सोधना में एक नई ज्ञान विज्ञान की उतपत्ति होती है। साधना व साधना दोनों एकही तराजू के चट्टे बट्टे है।
Drjagriti
कल "हसरतों" के आसमान में "उड़" रहे थे हम आज "हकीकत" की जमीन से "गुजर" रहे हैं हम वह "उम्र" वह "दौर" "उमंगो" का था, आज अनुभवों से सीख रहे हैं हम "बेपरवाह" हुआ करते थे कभी,आज सबकी "परवाह" में "घुल" रहे हैं हम "बेबाकी" से कह देते थे, अपनी बातों को कभी,आज कई "शिकायतों" को भी अपने अंदर "रख" रहे हैं हम हां आज अब "बदल" रहे हैं हम, "जीवन पथ" पर चल रहे हैं हम! डॉ.जागृति ©Drjagriti # हकीकत की जमीन पर
Manjit Brahma
यह इस जमीन फितरत है हर चीज सोक लेती है वरना इन आंंखो से गिरने वाले आसु ओ काभी, एक अलग ही समुद्र होता। ©Manjit Brahma यह इस जमीन की फितरत
Shivam Choudhary
आंखों से बहता दरिया है मेरे पास फिर भी दिल की जमीन बंजर ही रही हमने तो चाहा तुझे बेइंतेहान तेरे दिल में हमेशा नफरत ही रही ©Shivam Choudhary दिल की बंजर जमीन #banjar
Ajay Bishwas
पिता! तुम बचपन की कहानी में हो छुपे कहीं आँखों के पानी में हो तेरी झलक मेरे इशारों में है तुम साँसों की रवानी में हो मेरी मासूमियत में ,मेरे ख़यालों में तुम मेरी ख़ुशी में, मेरी हैरानी में हो # पिता! तुम यादों के पट्टे की निशानी में हो