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Sachin Pathak
शायरी बनाने की विधी। पतीले में थोड़ा सा ग़ालिब लें, अब उसमें मीर और गुलज़ार क पेस्ट डालें, दो -दो चम्मच आशिक़ी, और दर्द मिलाएं, अब थोड़ी देर तक शौहरत की आग पर रखें, और तब तक भूने, जब तक गुलाबी मोहब्बत भूरी न हो जाये। अब उसे तब तक ठंडा होने दे, जब तक गरीबी और लाचारी की खुशबु आने लगे। अब एक पैन में बेवफाई के तेल डालके गर्म करें, उसमे एक एक चम्मच राजा, रंक, फ़क़ीर, डालें। अब उसमें आंसुओं क छौंक दें। अब ये मिश्रण उपर की गरीबी के साथ मिलाएं, ली जिए आपकी ताजा ताजा शायरी तैयार है। शायरी की सामग्री और विधि।
Sumit Chouhan
आते जाते एक फलसफा सा रह गया सरोकार-ए-क़ितआ में वफ़ा छोड़ सब रह गया अंधेरे की जद में थे सब के सब और मैं अकेला पहली सफ में रह गया अकेला होना ईमानदार होने की निशानी है।
Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)
"ध्यान की दिशा निर्धारित करती है कि वह क्या परिणाम देगा जैसे ध्यान अंदर की तरफ होता है तो ध्यान अन्तंर्ध्यान कहलाता है और ध्यान अगर बाहर की दिशा में हो तो बाह्य ध्यान"। "अंतर्ध्यान आपका स्वयं से साक्षात्कार कराता है,पूर्णता प्रदान करता है वहीं बाह्य ध्यान आपके मन को अटकाता और भटकाता है"। "ध्यान तथष्टता है"। #ध्यान # ध्यान की अवस्थाएं #अंतर्ध्यान/बह्याध्यान #ध्यान तथष्टता है #अनुभव की कलम से
@nil J@in R@J
माँ दुर्गा के स्वरूप शैलपुत्री की पूजा विधि मां शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें और उसके नीचें लकडी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें। इसके ऊपर केशर से शं लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें। तत्पश्चात् हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें। मंत्र इस प्रकार है- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:। मंत्र के साथ ही हाथ के पुष्प मनोकामना गुटिका एवं मां के तस्वीर के ऊपर छोड दें। इसके बाद भोग प्रसाद अर्पित करें तथा मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें। यह जप कम से कम 108 होना चाहिए। मंत्र - ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद मां के चरणों में अपनी मनोकामना को व्यक्त करके मां से प्रार्थना करें तथा श्रद्धा से आरती कीर्तन करें। #NojotoQuote जय मां शैलपुत्री की पूजा विधि
Praveen Kumar Singh
कन्या पूजन की विधि सम्पन्न हुई।