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riya shukla
ये बात अलग है, की तुम ना बदलो... बेशक, ये बात अलग है, की तुम ना बदलो... पर ये जमाना बदल रहा है फूल पत्थर पे खिल रहे है दीप आंधी में जल रहा है ©riya shukla बदल रहा है
अल्फ़ाज़BooK 📖
चांद अंधेरे से निकल रहा है चमकता हुआ जल रहा है शायद हमे सुकुन-ए-जिस्म होता पर न जाने कोई हमारी दवा बदल रहा है दवा बदल रहा है
Deep shayari with Navdeep
दोनों के दिलों में शोला दहक रहा है। कोई महक रहा है मौसम बदल रहा है @नवदीप सर #मौसम बदल रहा है
Bhreegupati Chaturvedy
कैसे समझायें खुद को यह शहर उजड़ गया है लोगों के दिमागी संदूक पर ताला जड़ गया है!!!! बस बुराइयों का मंजर दिखता हर गली में जिंदा भी निर्जीव सा होकर ऐसा अकड़ गया है!!!! रफतार जिंदगी की कयामत बुला रही है खुशियां कुछ घड़ी की लेकिन डरा रही है चढ़ता समय का यौवन जवानी निगल रहा है सदियों पुरानी दादी का सब किस्सा निगल रहा है!!!! कैसे समझाएं खुद को यह शहर उजड़ रहा है #NojotoQuote वक्त बदल रहा है
Satyam Lodhi
#OpenPoetry कौन कहता तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे ।। जनाब समय बदल रहा है अब आप भी बदलोगे। कसमें बदे सब याद रहेंगे।फिर आप ओर हम क्या करेंगे। जनाब समय बदल रहा है अब आप भी बदलोगे। समय ऐसी करबट लेगे चाह कर कुछ ना करोगे। जनाब समय बदल रहा है अब आप भी बदलोगे। गुजरी गहरी बीती बातो को तुम भी भूल जाओगी। जनाब समय बदल रहा है अब आप भी बदलोगे।। समय बदल रहा है।।।
Vishal Barpete
अचानक हवा का रुख कुछ बदल सा गया है, लोगो का शहर अब कुछ बदल सा गया है, हर शक्स अब गांव की ओर झुक रहा है, न जाने प्रकृति कैसा खेल रच रहा है, मानव इससे बहुत कुछ सीख रहा है, तभी तो जीवन शैली बदल रहा है, हर शक्स गलतियों से सीख रहा है, तभी तो पर्यावरण सुधर रहा है, पर्यावरण बदल रहा है
सानू
हुस्न के इस बाज़ार में आदमी आदमी से जल रहा है, और आप कहते हैं कि देश बदल रहा है। वो ढांचा ए हिन्दोस्तां तो शायद बदल भी जाए, दुनिया की नज़रों में शायद निखर भी जाए, मगर आज मज़हब मज़हब से जल रहा है, और आप कहते हैं कि देश बदल रहा है। हाय! किस की नजर लगी इसे कोई काला टीका लगाओ, नारी की तरफ उठती हर एक वो दीवार गिराओ, वो रूप साक्षात् काली का आज पिघल रहा है, और आप कहते है कि देश बदल रहा है। ज़माने के आतंक ने इन वादियों को भी न बक्शा, इन पहाड़ों में भी रच डाला खौफ का नक्शा, अपने ही घर में ही इंसान डर डर के चल रहा है, और आप कहते हैं कि देश बदल रहा है। देश बदल रहा है
Monika Dhangar(RaahiKeAlfaaz)
हर शहर बदल रहा है हर गांव बदल रहा है फिर भी ना जाने क्यों मेरे देश का हर बच्चा रो- रहा है क्या बदला है तुमने हमें भी बतलाओ , हर इंसान आज मरने को तड़प रहा है ,,, जो जीने की तमन्ना लिए बैठे थे अपने दिलों में वो देख अपनों की लाशों को हर खुशी से मुकर चुका है यूं करवा कर दंगे अपने ही शहर में लेकर हाथो में वो आरती की परायो के लिए थाली सजाएं बैठा है कैसी है हमदर्दी तेरी इंसानों से पहले घाव देकर मरहम लगाने बैठा है क्या बदला है तुमने आज हम बतलाए आज हर इंसान आंखो में आंसू लिए बैठा है कुछ बदल रहा है