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Sandeep kumar Sakhawar
बदनामी की बातो को हर किसी से कहना नही चाहिए लेकिन बदनामी की बातो को उससे अवश्य कहना चाहिए जिसके कारण बदनामी के कार्य होना बन्द हो सके ©Sandeep kumar Sakhawar समाज सुधार बाते
Rishi Tiwari Samajsevi
हर व्यक्ति अगर थोड़ा सा हीं अपने समाज के बारे में सोचने लगे तो समाज सुधार में देरी नहीं हो सकता । ©Rishi Tiwari Samajsevi समाज सुधार #ujala
urvashi vairagi
ये समाज ऐसा हि है , जो लडको को सर माथे उठाये रखता है । लेकिन लड़कियों की कोई इज्जत नहीं करता है ओर ना हि उनकी इज्जत और मर्जी देना चाहता है । इसलिए जब भी किसी बेटी को मौका मिले अपना सर ऊपर रखकर अपनी मर्जी की जिंदगी जीने का उसे सारे आग के दरिया पार करके निकल जाना चाहिए । बेटीयों का समान करे । जय हिन्द जय भारत समाज सुधारक
Er.Mahesh Kumar
धर्म प्रचारक एवम समाज सुधारक में अंतर होता है धर्मप्रचारक किसी की विचार धारा को दूसरों को मनवाने में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक लोगों की समस्याओं के निराकरण में अपना जीवन निकाल देता है वही समाज सुधारक अपने अच्छे कर्मों की वजय से अपने आप में धर्म बन जाता है जिसे हम जीवन पर्यंत भूलते नही है लेकिन धर्म प्रचारक को सायद ही आप याद रखते है ©Er.Mahesh Kumar #समाज सुधारक
Er.Mahesh Kumar
समाज में जितने भी समाज सुधारक हुए हैं उन्होंने समाज के सुधार के लिए उन्ही लोगों से ज्यादा संघर्ष किया जिनके न्याय के लिए वो लड़े लोग समाज सुधारक की उसके मरने के बाद पूजा कर सकते हैं लेकिन किसी समाज सुधारक का वर्तमान समय में साथ नही देते न उनके नियमों को अपनाना चाहते हैं ©Er.Mahesh Kumar #समाज सुधारक
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
नारी शिक्षा के बड़े प्रणेता छुआछूत तोड़नेवाले नेता समाज के थे वो सुधारक, अंधविश्वास के थे विनाशक ज्योतिबाफुले थे सच्चे बेटा पूरा देश उन्हें नमन करता है, आप थे उजाले के विक्रेता आप के काम स्मरणीय है आप सबके आदरणीय है छुआछूत हिंद से उखाड़ फेंका स्त्री शिक्षा की बताई महता समाज की गंदगी मिटानेवाले, आप थे खुश्बु फैलानेवाले नेता हरवर्ष 11 अप्रैल के दिन, हिंदवासी आपको याद करते, आप थे हिन्द के सच्चे बेटा बुराई को दिया था,आपने, सच्चाई की तलवार आपने ही हमे सिखाया, वो ही दीपक चलता रहता जिसमे खुद के विश्वास का, तेल हमेशा भरा रहता वो चराग बुझ जाया करते, जिसमे पराया भरोसा रहता वो समाज मिट जाया करते, जिसमे अशिक्षा का दाग रहता नारी बच्चे की पहली गुरु है, गर वो ही न पढ़े,समाज मे, क्या बच्चे की होगी नींव शुरू है? ऐसे खुदा ने सबको सम बनाया है ये छुआछूत खेल हमने रचाया है एक भारत माँ के बेटे होकर, हम भेदभाव क्यों करते है? ये भेदभाव नफ़रत जहर देता हिंद माटी में अस्पृश्यता बोता इसे उखाड़ फेंको सब भाईयों, सबके मिलकर रहने से, नारी शिक्षा के बढ़ने से, देश जन्नत से कम न होगा दिल से विजय समाज सुधारक-ज्योतिबाफुले
Tohid Mulla
बेरंग सी हो गई जिंदगी ये जिंदगी किस काम की। जो रंग ना सके जिंदगी वो होली किस काम की । रंग तो मिल जाते है रंग के साथ.. हम कब मिले गे समाज के साथ । धर्म, जात, पंथ के नाम पे हम एक दुसरे को निचा दिखाते। उसका रंग फिका पडे ना ईसलिए खुद का रंग छोड देंगे। उसके के अस्तित्व के लिए खुद का अस्तित्व मिटा देंगे। हम से अच्छे तो वो रंग है , जो एक दुसरे का साथ निभायगे । #समाज #सुधारक #होली