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कमलेश
हर आशिकों कि आशक़ी उसके लिए अफ़सरा होती हैं हरेक टूटे आशिक़ों कि नफ़रत भी उसकी डायन( EX) होती हैं.. - कमलेश #meri ex का वर्गीकरण 👸🧟♀️
Amit Rawat
हुनर और हालात चीथड़ों में लिपटा सड़क किनारे बैठ वो जो गा रहा था , दर्द अपने दिल का सुरो में पिरो कर सुना रहा था । लेकिन ये हुनर न देखा किसी ने उसका "आवर्त", चंद सिक्के गिरा गए लोग उसके हालात देख कर #हालात #हुनर #आवर्त
Amit Rawat
दोस्तो का साथ कुछ इस कदर हो गया है "आवर्त", जिस कदर आसमाँ में तारे दिखते तो है,पर मिलते नहीं। #दोस्त #याद #आवर्त #friendshipday
Aditya Kumar Bharti
मूल्य तब है जब हो उपयोग, व्यर्थ है अनावश्यक तत्वों का योग। आदित्य कुमार भारती #Use of things#तत्वों का प्रयोग
Prabhakar Chaudhary
Tum jaisi soch valo ne hi to kohraam macha rakha hai School college sadko aur malls me bhi pair pasar rakha hai Aur kabhi us maali se puchana kya gujrti hai us ke dil pe Jiske bagiche k sabss pyaare phool ko jad se ukhad ke fek rkha hai Aur ha.. tum jinko apne juton ki nok pe rakhna chahte ho na.. Usi prajaati ke ansh ne tumhre makan ko ghar bana ke rakha hai.. ✍️By👉Prabhakar असामाजिक तत्वों पे कुछ शब्द....
Nitin Diwan
ज़रा संभालिए खुद को जनाब,ज्यादा तमाशा ना दिखाईये खुद की इज्जत का जनाजा,खुद ही ना उठवाईये पहले ही कोई इज़्ज़त नही है आपकी ज़माने में ऐसे फालतू गिरी करके अपना मजाक ना उड़वाइये जालसाज़ी,फरेबी तो खुद के खून में है तुम्हारे लूट लूट के खाना खुद के खून में है तुम्हारे सब जानते है आपकी आदतों को ज़माने में यूं खुद ही चोर होकर सहूकार ना कहलाईये हराम का खाना,खाकर मुक्र जाना,तुम्हारा पेशा है ये सब करके क्या होगा तुम्हे इस बात का अंदेशा है फिर भी अच्छा बनने का ढोंग ना कीजिए जमाने में यूं ही हमे कोतवाल और खुद को उल्टा चोर ना बनवाईये लाठी में आवाज नही है ईश्वर के,ना जाने कब चल जाए अब भी सुधर जाओ,कही सब कुछ तबा हो जाए वो सब देखता है इंसाफ चाहे ना हो जमाने के हाथो में यूं ही उससे ना डर कर,पाखंड ना रचाइये ..... ©Nitin Diwan #Anger कुछ असामाजिक तत्वों के लिए....
Ashok Kumar Verma
Rashmi Hule
आपल्या चुकांचे समर्थन करत राहिले की इतरांच्या चुका मोठ्याच वाटत राहतात... आपल्या चुकांचे वर्गीकरण करुन स्वीकारल्या की इतरांच्या चुकांकडे पाहाण्याचा दृष्टिकोन बदलतो... अपनी गलती का समर्थन जब तक करते रहेंगे, दुसरों की गलतियां बडी ही लगती हैं. अपनी गलतियों का वर्गीकरण कर के उन्हें स्वीकारने से दुसरों की गलतिय
Naman Goyal
मैंने उन्हें छोड़ दिया, तब झूठ ने उन्हें गोल समझा, जैसे मैंने सच को भी दिया था छूना। मेरा दिल रहा दुखी, जब जख्म वो दगा दे गए, जैसे मैंने खुद को ही धोखा खिला दिया। ख्वाबों की धुंध में, हकीकत से जुदा हो गया, जैसे मैंने अपनी आँखों को अंधा कर दिया। प्यार के बोझ से, मैंने अपने आप को छूटारा, जैसे मैंने रिश्तों को भी आज़ाद कर दिया। सच्चाई की आहट में, ज़िंदगी के बाज़ार में, जैसे वो भ्रम को पहचान से उड़ा दिया। मैं अकेला चल पड़ा, असली खुद की खोज में, जैसे मैंने झूले को तारों से मुक्त कर दिया। ©Naman Goyal राह में छूट गए कुछ असामाजिक तत्वों के लिए #गहराई_भरी_शायरी #अल्फ़ाज़ों_का_समंदर #आँखों_का_अंदाज़ा #Shayari #Love